यूपी में ऑक्सीजन व बेड की कमी ने बढ़ाई राज्य सरकार की मुश्किलें
कोरोना की दूसरी लहर ने कहर बरपाया हुआ है। यूपी-बिहार से लेकर झारखंड तक हर जिले से एक जैसी खबरें आ रही हैं। देश की राजधानी दिल्ली भी अछूती नहीं है। एनसीआर के नोएडा और गाजियाबाद में कहने को बड़े-बड़े अस्पताल हैं लेकिन लोग बेहाल हैं। एक तरफ आक्सीजन और अस्पतालों में बेड की कमी से लोग दम तोड़ रहे हैं तो दूसरी तरफ दवा और इंजेक्शन बाजार से गायब हैं।
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अब ऑक्सीजन की व्यवस्था की जिम्मेदारी चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना और एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह को सौंपी गई है। उधर, युद्ध स्तर पर बेड की व्यवस्था के लिए स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग को युद्ध स्तर पर प्रयास करने को कहा गया है।
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चिकित्सा शिक्षा मंत्री को बड़े ऑक्सीजन प्लांट से समन्वय करके अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ऑक्सीजन सप्लाई लगातार बनी रहे इसके लिए हर संभव प्रयास करने को कहा गया है।
सार्वजनिक की जाएगी अस्पतालों व चिकित्सा संस्थानों में खाली बेडों की संख्या
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के मंत्रियों व अधिकारियों को अस्पतालों व चिकित्सा संस्थानों में खाली बेडों की संख्या को सार्वजनिक करने और आवश्यकतानुसार बेडों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। सभी जिला अस्पतालों में बेड बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री स्वयं इसकी निगरानी कर रहे हैं। संबंधित विभागों के मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों से वर्चुअल संपर्क करके स्थिति की समीक्षा की जा रही है।
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मुख्यमंत्री कोविड से प्रभावित लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी और कानपुर नगर की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र के जो भी चिकित्सा संस्थान स्वयं का ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करना चाहते हैं, उन्हें हर आवश्यक मदद मुहैया कराई जाएगी।