![प्रयागराज में ‘ट्रिपल आर’ के मूलमंत्र को साकार करेगी ‘नेकी की दीवार’](/wp-content/uploads/2023/05/WhatsApp-Image-2023-05-27-at-6.35.41-PM.jpeg)
प्रयागराज में ‘ट्रिपल आर’ के मूलमंत्र को साकार करेगी ‘नेकी की दीवार’
प्रयागराज: कुम्भ नगरी प्रयागराज में ‘मेरी लाइफ, मेरा स्वच्छ शहर’ अभियान के तहत आर.आर.आर सेण्टर की शुरुआत की गई है। प्रयागराज में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत ‘नेकी की दीवार’ का भी लोकार्पण किया गया। नगर आयुक्त चंद्रमोहन गर्ग ने इसका लोकार्पण करते हुए बताया कि यह एक कलेक्शन सेंटर है जिसका प्राथमिक उद्देश्य शहरी जीवन में तीन आर के मंत्र यानी रिड्यूस, रीयूज, रीसायकल को अपनाने के लिए प्रेरित करना है। कचरे को कम करने, उसका पुन: उपयोग और रीसाइक्लिंग इसका मूल उद्देश्य है।
नगर आयुक्त ने बताया कि आरआरआर केंद्र में नागरिकों के लिए अपनी पुरानी और अप्रयुक्त वस्तुओं को जमा करने के लिए एक सुविधाजनक और सुलभ स्थान प्रदान किया गया है। जहां लोग अपने घरों, कार्यालय या प्रतिष्ठान में मौजूद अनुपयोगी वस्तुओं को दान दे सकते हैं और जिन्हें जरूरतमंद लोगों को इस्तेमाल के लिए दे दिया जाता है। शहर में फिलहाल ऐसे 10 कलेक्शन सेण्टर खोले जाने हैं जिनकी संख्या आगे बढ़ाई जायेगी।
कई और सेंटर खोलेने की है तैयारी
नगर आयुक्त के मुताबिक़ इसे सिविल लाइन्स के प्राचीन हनुमान मंदिर के ठीक बाहर ‘नेकी की दीवार’ के नाम से इसलिए खोला गया है ताकि लोगों को इससे एक नेक काम करने की प्रेरणा लें। इसके अलावा संगम क्षेत्र में 4 मोबाइल आरआरआर सेण्टर खोले जा रहे हैं। प्रयागराज शहर को मंदिरों का शहर भी कहा जाता है इसलिए मंदिरों और पार्कों के बाहर भी ऐसे कई सेंटर खोले जाएंगे।
निगम, सामाजिक संस्था और नागरिक देंगे सहयोग
इन केन्द्रों में अभी पहनने वाले कपड़ों को ही जगह दी गई है लेकिन आने वाले समय में यहां अनुपयोगी अन्य सामग्री जैसे पुस्तकों , किताबों और खिलौनों के अलावा शूज और स्लीपर को भी जगह दी जायेगी। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के मिशन प्रबंधक संजीव कुमार सिन्हा ने बताया है कि सेंटर्स की स्थापना और संचालन में नगर निगम, सामाजिक संस्थाओं और स्थानीय नागरिकों का भी सहयोग लिया जा रहा है। इस अभियान से उन्हें भी जोड़ा जा रहा है क्योंकि इस अभियान की सफलता जन सहभागिता पर निर्भर कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि जो सामग्री जरुरत मंद लोग नहीं ले जायेंगे उनकी रीसाइक्लिंग का जायेगी जिससे उसका पुनर्नवीनीकरण किया जा सके।