मुंबई: चुनाव आयोग ने शनिवार को ‘शिवसेना’ पार्टी के नाम और चिन्ह धनुष-बाण पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के दावे को मंजूरी दे दी। अब इस फैसले के खिलाफ उद्धव ठाकरे सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। उन्होंने रविवार को अपने घर मातोश्री में पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई है। वहीं, शिंदे गुट भी सुप्रीम कोर्ट में कैविएट यानी विरोध पत्र दाखिल करेगा। यानी चुनाव आयोग के निर्णय को चुनौती दी जाएगी तो शिंदे गुट को सुने बिना कोर्ट निर्णय नहीं देगी।
इन सबके बीच शिवसेना का नाम-निशान शिंदे गुट को मिलने पर उद्धव ठाकरे गुट के ट्विटर हैंडल से ब्लू टिक हटा दिया गया है। वहीं, उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने बड़ा आरोप लगाते कहा कि ‘शिवसेना’ से उसका नाम और निशान छीनने के लिए 2000 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है। उनके इस दावे पर पलटवार करते हुए शिंदे गुट के विधायक सदा सर्वंकर ने पूछा कि “क्या संजय राउत कैशियर हैं?”
संजय सिंह के बयान की बड़ी और अहम बातें
संजय राउत ने कहा कि अमित शाह क्या बोलते हैं?, उस पर महाराष्ट्र के लोग ध्यान नहीं देते। जो सत्य को खरीदने का काम करते हैं, वो झूठ और सच की क्या बात कर रहे हैं? इसका फैसला जनता समय आने पर करेगी। शिवसेना किसकी थी और किसकी होगी?, ये फैसला महाराष्ट्र के लोग लेंगे। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि शिवसेना और उसका निशान तीर-कमान छीना गया है और ऐसा करने के लिए तक दो हजार करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है। इस दावे पर मैं कायम हूं। ठाकरे गुट के नेता राउत ने कहा कि कश्मीरी पंडित आज भी कश्मीर से जम्मू में आकर क्यों रुके हैं? कश्मीरी पंडितों की हत्या क्यों हुई?, क्या उन्हें संरक्षण मिला?… सरकार, इसका जवाब दे। कश्मीरी पंडित आज भी घर वापसी के लिए तैयार नहीं हैं, यह किसकी विफलता है। आज भी जम्मू की सड़क पर सैकड़ों कश्मीरी पंडित न्याय के लिए बैठे हुए हैं। अमित शाह को अगर यह बात मालूम नहीं है तो वो गृह मंत्री के पद पर ना रहें।