
नीतीश सरकार को बड़ी राहत, जातिगत गणना पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, सुनवाई से किया इनकार
पटना : बिहार की जाति आधारित जनगणना को लेकर दायर की गयी याचिका की सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ इंकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने बिहार की नीतीश सरकार को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जाति गणना के खिलाफ दायर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया।
आपको बता दे की, बीते दिनों पहले शीर्ष अदालत में जाति आधारित गणना पर रोक लगाने की मांग को लेकर विभिन्न याचिकाएं दायर की गईं। हिंदु सेना ने अपनी याचिका में आरोप लगाए कि, जातिगत गणना के जरिए नीतीश सरकार समाज को बांटने का काम कर रही है। वहीं, नालंदा के सामाजिक कार्यकर्ता अखिलेश कुमार ने अपनी याचिका में इसे असंवैधानिक करार दिया।
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बिहार में 7 जनवरी पहले चरण की जातिगत गणना की शुरुआत की गयी थी। जो शनिवार को खत्म हो रहा है। पहले चरण में मकानों की गिनती की जा रही है। इसके बाद एक अप्रैल से दूसरा चरण होगा, जिसमें लोगों की जाति समेत अन्य आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। नीतीश सरकार का कहना है कि यह जातिगत जनगणना नहीं है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक सर्वे है। राज्य सरकार अपने स्तर पर ऐसा सर्वे करा सकती है।