Chhattisgarh

Chhattisgarh में ब्लैक फंगस से पीड़ित 15 फीसद मरीजों की मौत

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस (म्यूकर माइकोससिस) के मामले बढ़ने के साथ ही मौत की संख्या में भी लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। अब तक मिले ब्लैक फंगस के मरीजों में 15.75 फीसद लोग जान गवां चुके हैं।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि ब्लैक फंगस से मौत का राष्ट्रीय औसत जहां 40 फीसद से अधिक बताया जा रहा है। वहीं, राज्य में समय पर इलाज और बेहतर प्रबंधन के चलते मरीजों के मौत की संख्या कम है।

बता दें कि राजधानी रायपुर में 79 समेत राज्य में अब तक 400 ब्लैक फंगस के केस मिले हैं। इसमें से 42 की मौत ब्लैक फंगस से हुई है। जबकि अन्य बीमारियों से 21 लोगों की जान चली गई है। यह मरीज ब्लैक फंगस के शिकार थे। चिकित्सा विशेषज्ञों ने बताया कि ब्लैक फंगस के मरीजों में 80 फीसद बीपी और शुगर बीमारी से ग्रस्त हैं। इनका लंबे समय तक कोरोना का इलाज चला है।

ब्लैक फंगस के लक्षण
आंख, नाक में दर्द और आंख के चारों ओर लालिमा, नाक का बंद होना, नाक से काला या लाल तरल द्रव्य निकलना, जबड़े की हड्डी में दर्द होना, चेहरे में एक तरफ सूजन होना, नाक, तालु काले रंग का होना, दांत में दर्द, दांतों का ढ़िला होना, धुंधला दिखाई देना, शरीर में दर्द होना, त्वचा में चकते आना, छाती में दर्द, बुखार आना, सांस की तकलीफ होना, खून की उल्टी, मानसिक स्थिति में बदलाव आना।

बचाव के उपाय
ब्लैक फंगस के लक्षण आने पर तुरंत जांच कराएं। धूल भरे स्थानों में मास्क पहनकर, शरीर को पूरे वस्त्रों से ढंक कर, बागवानी करते समय हाथों में दस्ताने पहन कर और व्यक्तिगत साफ-सफाई रखें, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए खानपान पर विशेष ध्यान दें।

वर्जन
प्रदेश में ब्लैंक फंगस से मौत का दर 15 फीसद है। मरीजों की स्क्रीनिंग से लेकर इलाज की व्यवस्था का बेहर प्रबंधन किया गया है। एम्स, आंबेडकर, सेक्टर-9 हास्पिटल भिलाई में मरीजों बेहतर इलाज मिले। प्रदेश सरकार द्वारा हर स्तर पर व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।

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