विश्व तंबाकू दिवस हम क्यों मनाते है ? देश भर में कितने प्रतिशत पड़ रहा है, इसका दुष्प्रभाव.
विश्व भर में तंबाकू से होने वाले नुकसान के बारे में बताया जाता है. इस बार World Tobacco Day 2020 की थीम युवाओं पर आधारित है. क्योंकि जैसे – जैसे समय बढ़ रहा है. आज युवा पीढ़ी इसकी शिकार होती जा रही है.
इस चार्ट के माध्यम से आप देख सकते हैं, कि कितनी तेजी से युवा इन नशीले पदार्थों का शिकार हो रहे हैं.
कैसे शुरुआत हुई इस दिन की
World Tobacco Day को 7 अप्रैल 1988 में WHO [ The World Health Organization ] की वर्षगांठ पर 31 मई को मनाया जाने लगा. इस दिन खास तौर पर तंबाकू से बनने वाले सभी उत्पादों पर रोक लगाई जाती है. साथ ही लोगों को जागरूक भी किया जाता है, कि तंबाकू से आपको कितनी भयानक बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है.
टोबैको थीम 2020
इस साल के टोबैको डे, खास तौर पर युवा पीढ़ी पर केंद्रित किया गया है. आज युवा पीढ़ी में नशीले पदार्थों के सेवन की मात्रा सबसे अधिक पाई जाती है. समय के साथ साथ नशीले पदार्थों का उत्पादन प्रति दिन बढ़ रहा है. जैसे हुक्का, कच्ची तंबाकू, पान मसाला, स्मोकिंग, इतना ही नहीं ई सिगरेट ने युवा पीढ़ी को न कभी छोड़ने वाले वाली लत लग दी थी. 2019 में राज्यसभा ने एक बिल पास किया था. जिसमें ई सिगरेट पर पूरी तरह रोक लगा दी थी.
कितना फर्क पड़ता है तंबाकू से
पूरे देश में करीब 70 लाख लोग तंबाकू से होनी वाली परेशानियों से जूझ रहे हैं. आपको जानकर हैरानी होगी, कि विश्व भर में तंबाकू से निजात के लिए 1 साल में लाखों लोगों की सर्जरी की जाती है. भारत में हर दिन 2739 लोग
तंबाकू के सेवन और इससे होने वाली बीमारी से दम तोड़ देते हैं.
कौन से होती हैं तंबाकू से बीमारियां
फेफड़ों की बीमारी – क्रोनिक ब्रोंकाइटिस, एम्फिसेमा ऐसी बीमारियां हैं, जो आपके फेफडों को गला देती हैं. सांस लेने भी अत्यधिक कठिनाई होती है. ये मौत का कारण भी बन जाती है.
कोरोनरी हार्ट डिसीज
स्मोकिंग करने से कोलेस्ट्रोल बढ़ जाता है. रक्तचाप की समस्या खड़ी हो जाती है जो बेहद खतरनाक है.पैरों की नसों में रुकावट
अधिक धूम्रपान करने से पैरों की नसों में थक्के जम जाते हैं और ओर जोकिम 16 गुना बढ़ जाता है.दिमाग का दौरा
दिमाग के दौरे से मरने वाले लोग 11 प्रतिशत होते हैं. इससे बीमार पड़ने की संभावना 1.5 प्रतिशत बढ़ जाती है.