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बिहार सरकार ने लॉकडाउन 31 जुलाई तक बढ़ाया, कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए उठाया कदम

बिहार सरकार ने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते बिहार में फिर से लॉक डाउन लगाया गया है।

कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए  बुधवार 16 से 31 जुलाई तक राज्य, जिला, अनुमंडल, अंचल और नगर निगम क्षेत्र में पूरी तरह लॉक डाउन रहेगा। हालांकि आवश्यक सेवाओं को लॉक डाउन से बाहर रखा गया है।

राज्य में टैक्सी और ऑटो सेवा चालू रहेगी। मालवाहक गाड़ियों के आनेजाने पर रोक नहीं लगाई गई है।

निजी वाहन उन्हीं लोगों द्वारा इस्तेमाल किया जा सकता है, जिन्हें लॉक डाउन से आनेजाने की छूट मिली है। इस दौरान धा्र्मिमक, राजनीतिक, सामाजिक आदि भीड़भाड़ वाले आयोजनों पर पूरी तरह रोक रहेगी।

गृह विभाग ने लॉक डाउन को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। पटना समेत कुछ जिलों में पहले से लॉक डाउन है।

गृह विभाग ने साफ किया है कि लॉक डाउन के दौरान जो पाबंदियां लगाई गई हैं उसमें डीएम छूट नहीं दे सकते हैं। अलबत्ता कंटेनमेंट जोन के बाहर स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार और कुछ गतिविधियों पर रोक जरूर लगा सकते हैं।

सेवाएं जो जारी रहेंगी 
– टैक्टी और ऑटो चलेंगे
– क्लिनिक, अस्पताल, दवा दुकान व जांच घर खुले रहेंगे
– ई- कॉमर्स, बैंक, बीमा संस्थान, केबल, दूरसंचारव व आईटी सेवाएं को भी छूट राशन, दुध, सब्जी, फल, मीट-मांस और पशुचारा की दुकानें खुली रहेंगी
– होटल-रेस्टूरेंट खुलेंगे, औद्योगिक और निर्माण गतिविधियां पहले की तरह चलेंगी निर्माण कार्य व कृषि से जुड़ी दुकानें भी खुलेंगी

इसकी इजाजत नहीं होगी
– व्यवसायिक, निजी प्रतिष्ठान, शिक्षण संस्थान, धार्मिक स्थल बंद रहेंगे
– सामाजिक, राजनीतिक, खेल-कूद, मनोरंजन, सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन पर भी रोक, बसों का परिचालन नहीं होगा

इनपर सेवाओं पर रहेगी पाबंदी 
– केन्द्र और राज्य सरकार ने कार्यालय बंद रहेंगे। आवश्यक सेवाओं में शामिल विभाग और कार्यालयों को छोड़ बाकी को 31 जुलाई तक बंद रखने का निर्देश दिया गया है। लॉक डाउन में जिन कार्यालयों में कामकाज होगा वहां 33 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थित रहेगी।
– बसों के परिचालन पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है।
– व्यवसायिक प्रतिष्ठान और निजी संस्थानों को भी बंद रखा जाएगा। हालांकि आवश्यक सेवाओं में शामिल निजी संस्थानों को इस परिधि से बाहर रखा गया है।
– स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान, प्रशिक्षण, अनुसंधान जैसे तमाम संस्थानों को बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं।
– धार्मिक स्थलों और पार्कों को बंद रखा जाएगा। लॉक डाउन के दौरान धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, मनोरंजन और खेल-कूद समेत तमाम भीड़भाड़ वाले आयोजन नहीं होंगे।
– कंटेनमेंट जोन में पहले की तरह पाबंदियां बरकरार रहेंगी।
– गैराज और मोबाइल रिपेयरिंट सेंटर डीएम की अनुमति के बाद ही खोले जा सकते हैं।

इन्हें लॉकडाउन से छूट
लॉक डाउन के दौरान कई पाबंदियां लगाई गई हैं। हालांकि आवश्यक सेवाओं को इससे बाहर रखा गया है। राशन, दुध, सब्जी, फल और मीट-मांस की दुकानें खुली रहेंगी। पशुचारा से जुड़ी दुकानों को भी इस छूट में शामिल रखा गया है।
– बैंक, बीमा और दूसरे आर्थिक गतिविधियों से जुड़े प्रतिष्ठानों को खुला रखा जाएगा।
– प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ निजी सुरक्षा एजेंसी, केबल और आईटी से जुड़ी आवश्यक सेवाओं को लॉक डाउन से मुक्त रखा गया है।

– क्लिनिक, अस्पताल, दवा दुकान, लैब और एम्बुलेंस सेवा जारी रहेगी।
– ई-कॉमर्स पर भी प्रतिबंध नहीं होगा। क्लोड स्टोरेज बंद नहीं होंगे।
– वहीं होटल, रेस्टूरेंट खुलेंगे पर यहां खाने की इजाजत नहीं होगी। लोग या तो यहां से खाना ले जा सकते हैं या फिर होम डिलेवरी की जा सकेगी।

औद्योगिक इकाइयां खुली रहेंगी
औद्योगिक इकाईयां भी खुली रहेंगी। हालांकि कोरोना से बचाव के लिए जारी गाइडलाइन का इन्हें सख्ती से पालन करना होगा। निर्माण और कृषि कार्य पर रोक नहीं लगाई गई है। इससे जुड़ी दुकानें भी खुली रहेंगी। केन्द्र सरकार के अधीन सेना, अर्द्धसैनिक बल, आपदा प्रबंधन, ट्रेजरी, पेट्रोलियम, ऊर्जा, पोस्ट ऑफिस, नेशनल इंफोर्मेटिक्स सेंटर को लॉक डाउन से मुक्त रखा गया है। वहीं राज्य सरकार के अधीन पुलिस, होमगार्ड, सिविल डिफेंस, जेल, चुनाव, आपदा प्रबंधन, जिला प्रशासन, उर्जा, स्वास्थ, खाद्य और आपूर्ति, कृषि, पशुपालन, सामाज कल्याण, वन विभाग और दूसरी आवश्यक सेवाओं से जुड़े काम जारी रहेंगे।

 

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