पाकिस्तान भी कर रहा योगी की तारीफ ,उत्तर प्रदेश का कोरोना से निबटने का मॉडल हुआ प्रसिद्द
पाकिस्तान के एक पत्रकार और डॉन अख़बार के रेज़िडेंट एडिटर और डॉन चैनल के एंकर फ़हद हुसैन ने उत्तर प्रदेश के कोरोना से निपटने के उपाय की तारीफ़ों वाला एक ट्विट किया है | इस ट्विट में उन्होंने एक इंफ़ोग्राफ़िक के ज़रिए उत्तर प्रदेश और पाकिस्तान की जनसंख्या, घनत्व और कुल कोरोना मामले की तुलनात्मक तस्वीर पेश की है.
Look at this graph carefully. It compares death rate of Pakistan and Indian state of UP. Both have roughly same population profile & literacy. Pakistan has lesser density/km and higher GDP/capita. UP was strict with lockdown. We were not. See diff in death rate #COVIDー19
(1/2) pic.twitter.com/so8SgEtjCw— Fahd Husain (@Fahdhusain) June 7, 2020
पाकिस्तान की नाकामियों का ज़िक्र करते हुए उन्होंने लिखा है, ‘’ इस ग्राफ़ को ध्यान से देखिए, पाकिस्तान और भारतीय राज्य यूपी की मृत्युदर की तुलना की गई है. दोनों ही जगहों की आबादी, साक्षरता दर एक जैसी है. पाकिस्तान का जनसंख्या घनत्व कम और प्रति व्यक्ति जीडीपी यूपी से अधिक है. यूपी में लॉकडाउन को लेकर कड़ाई बरती गई और हमारे यहां ऐसा नहीं हुआ, अब ख़ुद मौत की दरों का अंतर देखें.‘’
इस दावे और ग्राफ़ की सोशल मीडिया और मीडिया में काफ़ी चर्चा है. पत्रकार फ़हद ने कुल पाँच स्तर पर दावे दिए हैं. जनसंख्या, प्रति किलोमीटर वर्ग जनसंख्या घनत्व, 45 से अधिक उम्र की आबादी, प्रति कैपिटा जीडीपी और शिक्षा दर.
पाकिस्तान की कुल आबादी 22.7 करोड़ है. वहीं उत्तर प्रदेश की आबादी भी लगभग 22 करोड़ ही है लेकिन यदि कोरोना के मामलो में देखा जाये तो बहुत बड़ा अंतर है
पाकिस्तान में कोरोना के कुल मामले 1 लाख 36 हज़ार तक पहुँच गए हैं और मरने वालों की संख्या 2,067 तक जा पहुँची हैं, उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां 7 जून तक कुल कोरोना के मामले 10,536 हैं और 275 लोगों की इस संक्रमण से अब तक मौत हो चुकी है.
दावा यही किया जा रहा है कि कैसे लगभग एक जैसी आबादी वाली जगहों पर कोरोना के मामले में इतना बड़ा अंतर आया.
अंतर साफ़ है, बात बात पर भारत से तुलना करने वाले पाकिस्तान को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से ही सबक लेना चाहिए
मज़दूरों को वापस लाना हो या कोटा में फंसे छात्रों को वापस लाने हेतु तुरंत फैसला करना, सभी 22 करोड़ जनसँख्या तक राशन तथा आवश्यक वस्तुओ का पंहुचाना हो या मज़दूरों के खातों में पैसा भेजकर मदद करना, सभी कार्यों में योगी आदित्यनाथ का मॉडल पाकिस्तान के मॉडल से बेहतर साबित हुआ है
अभी तक तो भारत का मीडिया ही योगी मॉडल की तारीफ करता था और अब तो पाकिस्तान के मीडिया ने भी यही कहना शुरू कर दिया है