घर पर बने कॉटन के ट्रिपल लेयर मास्क भी पूरी तरह सुरक्षित: योगी आदित्यनाथ
द इंडिया राइज
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार की शाम पूरे प्रदेश के पत्रकारों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। उन्होंने कोरोना से निपटने के लिए की जा रही सरकार की तैयारियों के बारे में बताया, पत्रकारों से सुझाव मांगे और उन्हें तमाम सुझाव भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा की कोरोना से लड़ने के लिए घर पर बना कॉटन का ट्रिपल लेयर मास्क पूरी तरह सुरक्षित है। लोग दो मास्क बना लें और उन्हें धोकर अलग-अलग दिन इस्तेमाल करते रहें। एन95 मास्क की जरूरत केवल उसी स्टाफ को है जो कोरोना के मरीजों की सैंपलिंग समेत दूसरे जरूरी कार्यों में लगा है।
मुख्यमंत्री ने कोरोना से निपटने के लिए की जा रही तैयारियों का सिलसिलेवार ब्यौरा दिया। मुख्यमंत्री ने कहा की कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सरकार हर संभव उपाय कर रही है। लोगों की मदद के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया गया है।प्रदेश स्तर पर 11 टीमें बनी है जो हर एक चीज पर नजर रख रही है। इंसानों के साथ साथ जानवरों और पशु पक्षियों को भी खाने-पीने की कमी न हो यह तय किया जा रहा है।उन्होंने बताया कि दूसरे प्रदेशों के 20 से 25 लाख लोग दूसरे राज्यों में नौकरी या दूसरा कारोबार करते हैं। उत्तर प्रदेश के 40 से 45 लाख लोग दूसरे राज्यों में है। इसके लिए 16 आईएएस और 16 आईपीएस अफसरों की एक टीम बनाई गई है। जो यह तय करेगी कि बाहर से आए लोगों को उत्तर प्रदेश में कोई दिक्कत न हो और उत्तर प्रदेश के लोगों को दूसरे राज्यों में किसी तरह की समस्या का सामना नकरना पड़े। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 500 लोगों का स्टाफ बैठाया गया है इसके जरिए हम बाहर से आ रहे लोगों की निगरानी करने के साथ-साथ गांव देहात स्तर पर भी बारीक नजर रख पा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सबको एन 95 मास्क की जरूरत नहीं है। कपड़े का बना ट्रिपल लेयर मास्क पूरी तरह सुरक्षित है। इस बात को डब्ल्यूएचओ भी बता चुका है । सभी सक्षम लोग अपने अपने स्तर पर यह तय करें कि उनके इलाकों में स्वयं सहायता समूह बड़े पैमाने पर यह मास्क बनाकर लोगों को बांटें। यही नहीं अगर आप साफे या आ अंगोछे से मुंह ढक कर चल रहे हैं तो यह भी मास्क की तरह सुरक्षित है। बशर्ते यह पूरी तरह साफ हो और अच्छे से धुला हुआ हो। मीडिया इस बारे में लोगों को जागरूक करें।
प्रदेश में 15 अप्रैल से लॉकडाउन हटाने के बारे में पूछे जाने उन्होंने कहा कि इस बारे में विचार किया जा रहा है, 11 या 12 अप्रैल को केंद्र सरकार से बात करने के बाद ही इस बारे में कोई फैसला लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा की अलग-अलग योजनाओं का पैसा लाभार्थियों के खाते में जा रहा है। ऐसे में आने वाले दिनों में बैंकों में भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है। इस पर हम यह तय कर रहे हैं कि बैंकों में सोशल डिस्टेंसिंग का खास ध्यान रखा जाए।
स्कूलों द्वारा फीस के मैसेज भेजे जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने स्कूलों के रेगुलेशन के लिए एक्ट बनाया है। हम यह तय कर रहे हैं कि लॉकडाउन के दौरान कोई भी स्कूल अभिभावकों को फीस के लिए बाध्य ना करे। लॉकडाउन खत्म होने के बाद वह फीस ले सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह किसी भी स्कूल को फीस न लेने के लिए बाध्य नहीं कर सकते, क्योंकि स्कूलों को शिक्षकों और दूसरे स्टाफ का वेतन देना है। मगर स्कूल फीस न बढ़ाएं, इसे सख्ती से तय किया जाएगा। उद्योगों के लिए भी सरकार कुछ रियायतों पर विचार कर रही है।