गया जी: पितृदोष से मुक्ति के लिए करें तर्पण व श्राद्ध कार्य, इस दिन बन रहा शुभ योग
श्री हरि विष्णु की नगरी गया जहां होती हैं मोक्ष की प्राप्ति
गया जी भारत के बिहार जिले में स्थित भगवान श्री हरि विष्णु की नगरी मानी जाती है।
कहां जाता है कि यहां की भूमि पर मरणोपरांत व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
गया जी में पितृ तर्पण श्राद्ध कार्य करना बहुत ही उपयुक्त माना गया है,
यहां पर श्राद्ध करने से हर तरह के ऋण से मुक्ति मिल जाती है तथा वितरण या पूर्वजों के
कई दुष्परिणाम भी नष्ट हो जाते हैं।
यदि जातक की कुंडली में पितृदोष के योग बन रहे हो तो गया में तर्पण व श्राद्ध कार्य करने से पित्र दोष से मुक्ति मिलती है, रुके हुए कार्य बनने लगते हैं,
मान सम्मान में वृद्धि होती है तथा व्यक्ति को कई प्रकार के रोगों से भी छुटकारा मिल सकता है।
गया में अमावस्या के दिन पितरों को तर्पण देने व श्राद्ध कार्य करने से हर तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है।
पूजा से लाभ-
कर्ज से मुक्ति मिलेगी।
नौकरी और व्यापार में आ रही परेशानी दूर होगी।
अगर आप किसी मुकदमे में फंसे हैं तो उससे जल्द ही मुक्ति मिलेगी।
संतान से संबंधित हर तरह के कष्ट दूर होंगे।
हर क्षेत्र में सफलता मिलेगी।
गया में मिलता हैं पितृदोष के ऋण से छुटकारा-
ऋण चार तरह के होते हैं,
1. मातृ ऋण- इस ऋण के कारण आप कर्ज में दब जाते हैं. घर की सुख-शांति खत्म हो जाती है।
परिवार बिखर जाता है।
2.पितृ दोष- जिसको पितृ दोष लगता है उसके विवाह में परेशानी आती हैं। नौकरी छूट जाती है।
परीक्षा में बार-बार असफलता हाथ लगती है।
3.केतु ऋण- केतु ऋण के कारण संतान की प्राप्ति नहीं होती है।
अगर संतान हो भी जाती है तो हमेशा बीमार रहती है।
4 राहु ऋण- राहु के ऋण से व्यक्ति को कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने पड़ते हैं।
निर्दोष होते हुए भी मुकदमे में फंस जाते हैं। या दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है।
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