कारोबार

आरबीआई ने गोल्ड लोन लेने वालों को दी बड़ी सौगात, ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं

कोरोनाकाल में पूरे देश को इंतजार था कि केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में कोई छूट देगा। लेकिन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कोई भी छूट देने की घोषणा नहीं की है। इसके साथ ही सोने पर कर्ज लेने वालों को भी बैंक ने बहुत बड़ी सौगात दी है।

मौजूदा ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं

आपको बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपने मौजूदा ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत ब्याज दरों में मौजूदा रेट पर ही रखने का फैसला लिया है।रेपो दर को 4 प्रतिशत पर पूर्ववत रखा गया है।रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद कहा कि प्रमुख नीतिगत दरों को यथावत रखा गया है।

सोना गिरवी रखने पर पहले से ज्यादा पैसा मिलेगा

कोविड-19 के कारण बड़ी संख्या में लोगों के सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है। इससे निपटने के लिए आम आदमी घर में रखी गोल्ड ज्वैलरी पर लोन ले रहा है। जेवर तथा आभूषणों के बदले मिलने वाले ऋण की सीमा 75 प्रतिशत से बढ़ाकर 90 प्रतिशत कर दी है। अब सोना गिरवी रखने पर आपको 15% ज्यादा पैसा मिलेगा।अभी तक यानी 6 अगस्त तक 1 लाख के गोल्ड पर 75 हजार रुपए का लोन मिल रहा है। आरबीआई के फैसले के बाद कल यानी 7 अगस्त से 1 लाख के गोल्ड पर 90 हजार रुपए का लोन मिलेगा। यानी अब 1 लाख रुपए के गोल्ड पर 15 हजार रुपए का अतिरिक्त लोन मिल जाएगा। आरबीआई के इस फैसले से आम आदमी को ज्यादा लोन के लिए कम गोल्ड गिरवी रखना होगा। ग्राहक 31 मार्च 2021 तक इस छूट का लाभ उठा सकते हैं।

जीडीपी को 4% पर रखने का लक्ष्य 

रिजर्व बैंक को जीडीपी को सामान्यत: चार प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य दिया गया है। इसके साथ ही यह ऊंचे में छह प्रतिशत और नीचे में दो प्रतिशत तक भी जा सकती है। जून 2020 में खुदरा मुद्रास्फीति इस दायरे को पार करती हुई 6.09 प्रतिशत पर पहुंच गई। दास ने कहा कि अर्थव्यवस्था में अप्रैल- मई के निम्न स्तर से सुधार आना शुरू हो गया था, लेकिन हाल में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बाद कई शहरों में फिर से लॉकडाउन लगाए जाने से तेजी से बढ़ती गतिविधियां फिर कमजोर पड़ गईं।

कोरोना से अर्थव्यवस्था पर पड़ा बुरा असर

केंद्रीय बैंक ने कहा है कि कोरोना वायरस के मामलों में तेजी आने से अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है। धीमी पड़ी आर्थिक गतिविधियों को देखते हुए केंद्रीय बैंक ने कंपनियों, सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के कर्ज पुनर्गठन की मंजूरी दे दी है।आरबीआई गवर्नर ने कहा कि दबाव झेल रहे एमएसएमई कर्जदारों का ऋण खाता यदि मानक श्रेणी में है तो वह भी कर्ज के पुनर्गठन के पात्र होंगे।

Follow Us
Show More

Related Articles

Back to top button
%d bloggers like this: