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खुशखबरी: योगी सरकार की इस योजना के तहत मिलेगा 15000 रुपये का अनुदान

मुख्‍यमंत्री की मंशा अनुरूप संस्कृति विभाग राज्य के ग्राम पंचायतों को अनुदान कराएगी उपलब्ध

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की लोक कला, संस्कृति और स्थानीय सभ्याचार को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार ने एक विशिष्ट अनुदान प्रक्रिया का आरंभ किया है। प्रदेश के ग्राम्य परिवेश, उससे जुड़ी लोक कला-संस्कृति व गुरु-शिष्य संगीत परंपरा को प्रश्रय देने के लिए सीएम योगी की मंशा के अनुरूप संस्कृति विभाग को निर्देशित किया गया है कि हर ग्राम पंचायत में वाद्य यंत्र उपलब्ध कराए जाएं। इस बात को ध्यान में रखकर संस्कृति विभाग एक सेट वाद्य यंत्र की खरीद के लिए अनुदान उपलब्ध कराएगी।

इस योजना के अंतर्गत एक सेट वाद्य यंत्र (जिसमें हारमोनियम, ढोलक, झाल, मंजीरा, करताल व घुंघरू आदि) की खरीद के लिए अनुदान उपलब्ध कराने की विस्तृत कार्ययोजना पर काम कर रही है। इसके अंतर्गत 30 हजार या उससे ज्यादा मूल्य के वाद्य यंत्र सेट की खरीद पर अधिकतम 15 हजार रुपये का अनुदान संस्कृति विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। वाद्य यंत्रों को उपलब्ध कराने के अतिरिक्त कलाकारों को पुरस्कृत करने को लेकर भी कार्य योजना पर काम चल रहा है।

जिलाधिकारी करेंगे ग्राम पंचायतों का चयन

यूं तो प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों में इस योजना को लागू किया जाएगा, लेकिन शुरुआती स्तर पर पहले जिलाधिकारी उन 50 ग्राम पंचायतों को चिह्नित करके उनकी लिस्ट संस्कृति विभाग को सौंपेंगे, जहां इस प्रकार की सांस्कृतिक गतिविधियां होती रही हैं। जिलाधिकारी से पर्याप्त मात्रा में आवेदन न मिलने पर जिला पर्यटन व संस्कृति परिषद द्वारा दिए गए आवेदन भी स्वीकार किए जाएंगे। परियोजना में ग्रामीण पर्यटन के लिए चयनित 229 ग्रामों को सम्मिलित किया जाएगा। विभाग से अनुदान प्राप्त होने के एक महीने के भीतर वाद्य यंत्रों को खरीदकर उनके बिल, फोटोग्राफ समेत अन्य विवरण संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश को उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। ऐसा न करने की स्थिती में वसूली की कार्रवाई करने का अधिकार संस्कृति विभाग के निदेशक के पास सुरक्षित रहेगा।

ग्राम पंचायतों को किया जाएगा प्रोत्साहित

जिन वाद्य यंत्रों की खरीद की जाएगी उन पर संस्कृति विभाग का नाम अंकित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त वाद्य यंत्रों के खरीद पर अगर 30 हजार से ज्यादा का खर्च आएगा तो अधिकतम 15 हजार का अनुदान संस्कृति विभाग द्वारा वहन किया जाएगा जबकि बाकी कि राशि का वहन ग्राम पंचायत खुद करेंगे। इसके अलावा, ग्राम पंचायत द्वारा अपने स्तर पर भी सांस्कृतिक आयोजनों को कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा जिसका ब्योरा और व्यय मद वार्षिक आधार पर संस्कृति विभाग को उपलब्ध कराया जाएगा।

विभिन्न मंडलियों को मिलेगा लाभ

इस अनुदान योजना के जरिए ग्राम पंचायत स्तर पर सक्रिय भजन कीर्तन मंडली, नुक्कड़ नाटक मंडली, गुरु शिष्य परंपरा, स्थानीय लोकगीत/ लोकनृत्य, भजन, संस्कार गीत मंडलियों को इस योजना से लाभान्वित करने का प्रयास किया जाएगा। वाद्य यंत्रों को उपलब्ध कराने के अतिरिक्त कलाकारों को पुरस्कृत करने को लेकर भी कार्य योजना पर काम चल रहा है।

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