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Yes Bank: होली पर यस बैंक के खाताधारकों को बड़ी राहत, अब एटीएम से निकाल सकेंगे रकम 

Yes Bank:  भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा नियंत्रण में लिए जाने के कुछ दिनों बाद यस बैंक के खाताधारकों के लिए अच्छी खबर आई है। बैंक ने देर रात ट्वीट कर अपने ग्राहकों को सूचित किया कि वे अब अपने डेबिट कार्ड के जरिए एटीएम से पैसे निकाल सकते हैं। आपको बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रविवार को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में भारत के सबसे हाई प्रोफाइल बैंकरों में से एक यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर को गिरफ्तार कर लिया है।
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यह ट्वीट उन हजारों यस बैंक ग्राहकों के लिए राहत लेकर आया है, जो महीने में 50,000 रुपये प्रति माह निकलने के फैसले के बाद रोजाना बैंक के बाहर लाइनों में लग रहे थे। शुक्रवार सुबह 6 बजे से लागू होने वाला आरबीआई का यह निर्देश 3 अप्रैल 2020 तक प्रभावी रहेगा।

यस बैंक का संकट सामने आने के कुछ दिनों बाद कपूर को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) और अन्य अपराधों के तहत गिरफ्तार किया गया है। विवादास्पद रियल्टी फर्म दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉपोरेर्शन लिमिटेड (डीएचएफएल) के साथ कपूर और उनके परिजनों के संबंध के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई है। वर्ष 2003-2004 में यस बैंक के सह-संस्थापक रहे कपूर बाद में इसके एमडी और सीईओ बन गए, लेकिन उन्हें सितंबर 2018 में पद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया।

जांच के हिस्से के रूप में ईडी के अधिकारियों ने वर्ली स्थित कपूर के आवास समुद्र महल पर छापा मारा। साथ ही ईडी ने शनिवार को मुंबई और नई दिल्ली स्थित कपूर की तीन बेटियों के घरों की भी तलाशी ली थी। उनकी तीनों बेटियां राखी कपूर टंडन, रोशनी कपूर और राधा कपूर घोटाले की कथित लाभार्थी हैं। ईडी के अधिकारी ने कहा कि तलाशी के दौरान बहुत सारे भ्रामक दस्तावेज पाए गए और एजेंसी ने डीएचएफएल के प्रमोटरों और अन्य कंपनियों के साथ उनके संबंधों को लेकर जांच की।

यस बैंक में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगा स्टेट बैंक, 2,450 करोड रुपये का होगा निवेश
देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने शनिवार को घोषणा की कि वह संकट से घिरे यस बैंक की 2,450 करोड़ रुपये में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगा। उसने स्पष्ट किया कि इस खरीदारी के बाद पुनर्गठित बैंक में जमाएं और देनदारियां पहले की तरह बनी रहेंगी। यस बैंक इससे पहले पूंजी जुटाने में असफल रहा था। इसके बाद बृहस्पतिवार को रिजर्व बैंक ने सरकार के साथ विचार विमर्श कर बैंक के निदेशक मंडल को बर्खास्त कर दिया और उसमें प्रशासक नियुक्त कर दिया। बैंक के लेनदेन पर रोक लगाते हुये तीन अप्रैल तक ग्राहकों के लिये खाते से निकासी को 50,000 रुपये पर सीमित कर दिया।

स्टेट बैंक ने एक बयान में कहा, “यस बैंक के दो रुपये अंकित मूल्य वाले 255 करोड़ शेयर हैं। एसबीआई को 2,450 करोड़ रुपये में 10 रुपये प्रति शेयर के भाव पर 245 करोड़ शेयर जारी किए जाएंगे। ये पुनर्गठित बैंक की शेयर पूंजी का 49 प्रतिशत होगा।” बयान में कहा गया कि पूंजी लगाने के तीन साल तक एसबीआई अपनी हिस्सेदारी को 26 प्रतिशत से कम नहीं कर सकता है।

स्टेट बैंक ने कहा, “पुनर्गठित यस बैंक के बोर्ड का पुनर्गठन किया जायेगा। इसमें मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक, गैर- कार्यकारी चेयरमैन और गैर- कार्यकारी निदेशक होंगे। पुनर्गठन के बाद यस बैंक के निदेशक मंडल में एसबीआई के नामित निदेशक होंगे। आरबीआई बोर्ड में अतिरिक्त निदेशक नियुक्त कर सकता है। बोर्ड में नियुक्त किए गए सदस्य एक साल तक या यस बैंक लिमिटेड द्वारा वैकल्पिक बोर्ड गठित किए जाने तक, पद पर बने रहेंगे।”

रिजर्व बैंक ने एसबीआई के पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य वित्तीय अधिकारी प्रशांत कुमार को यस बैंक का प्रशासक नियुक्त किया है। एसबीआई ने कहा, “पुनर्गठित बैंक के कर्मचारी कम से कम एक साल की अवधि तक पहले से मिल रहे वेतन और समान नियम-शर्तों पर काम करते रहेंगे। हालांकि, नया निदेशक मंडल बैंक के प्रमुख प्रबंधकीय पदों पर बैठे व्यक्तियों की सेवाओं को किसी भी समय समाप्त करने को लेकर स्वतंत्र होगा। इसके लिये तय प्रक्रिया अपनाई जायेगी।

बयान के मुताबिक पुनर्गठित बैंक की सभी जमाएं और देनदारियां समान रूप से जारी रहेंगी। बैंक के सभी कार्यालय और शाखाएं पहले की तरह काम करते रहेंगे और पुनर्गठित बैंक को नए कार्यालय और शाखाएं खोलने या मौजूदा कार्यालयों और शाखाओं को बंद करने की इजाजत होगी!

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