विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस पर करें अपनी आदतों में सुधार, वरना भविष्य में फिर होगा एक और महामारी से सामना
प्रकृति के बिना हमारा कोई अस्तित्व नहीं है। हवा, पानी, भोजन, धूप सब कुछ हमें प्रकृति से ही मिलता है। यदि प्रकृति की सेहत बिगड़ने लगी तो हम सभी की जान भी खतरे में पड़ सकती है। पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने एवं लोगो को जागरूक करने के लिए हर वर्ष 28 जुलाई को ‘विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस’ मनाया जाता है।
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस मनाने का उद्देश्य
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस का इतिहास ज्ञात नहीं है। लेकिन हर साल 28 जुलाई को मनाये जाने वाले इस दिवस पर लोगों का ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जाता है कि पर्यावरण को बचाएं, पेड़ों को ना काटें और जानवरों को ना मारा जाए। दिन प्रतिदिन विलुप्त होते पेड़-पौधे और अलग-अलग नस्ल के जानवरों को मद्देनजर रखते हुए इस दिवस को हर साल मनाया जाता है।वातावरण को अनुकूलता व संतुलित बनाने के लिए धरती से विलुप्त हो रहे जानवरों की उचित देखभाल और उनके संरक्षण के लिए स्कूल और कॉलेजों में ज्यादा से ज्यादा जागरुकता अभियान चलाए जाते हैं।
इन 10 तरीकों से करें प्रकृति का संरक्षण
1. ऐसे चीजें खरीदें जिसका दोबारा उसे हो सके और वे प्रकृति में खुद से सड़-गल जाते हैं।
2. जल की बचत करें। देखने में आया है कि पानी का दुरुपयोग बड़े पैमाने पर हो रहा है। इंसान मुंह धोते समय नल को खोले रहता है, जिससे पानी बर्बाद होता रहता है। इसी तरह नहाने के समय में इंसान फालतू पानी बहाता है। इन सबसे बचने की जरूरत है।
3. बिजली की बचत करें। जब आपका काम हो जाए तो बिजली से चलने वाले उपकरणों को बंद कर दें। इस तरह से बिजली की भी बचत होगी और पैसे की भी।
4. पौधे कई तरह से हमें फायदा पहुंचाते हैं। इसलिए ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाएं और इस धरती को हरा-भरा बनाएं
5. खुद से सब्जियां उगाएं। दरअसल बाजार में जो सब्जियां बिगती हैं, उनको उगाने में रसायन और कीड़ानाशकों का इस्तेमाल होता है। इस तरह की सब्जियां आपके स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है और पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाती हैं।
6. इधर-उधर कूड़ा फेंकने की बजाय कम्पोस्टिंग करे। इससे दो फायदा होगा। एक तो माहौल में गंदगी नहीं होगी और जब गंदगी नहीं होगी तो बीमारियां कम पैदा होंगी। दूसरा फायदा यह होगा कि कम्पोस्ट खाद मिलेगी जिसका इस्तेमाल फसल या सब्जियों की पैदावार बढ़ाने के लिए किया जा सकता है।
7. बैटरियां पर्यावरण के लिए काफी खतरनाक हैं। इसलिए बेहतर यह होगा कि ऐसी बैटरियों का इस्तेमाल करें जो दोबारा रिचार्ज हो सकें।
8. धूम्रपान न सिर्फ आपके और आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है बल्कि यह पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाता है। आपके आसपास जो लोग खड़े होते हैं, वे भी धुएं से प्रभावित होते हैं।
9. अपने वाहन का जितना हो सके, कम इस्तेमाल करें। वाहनों के कारण भी प्रदूषण और तापमान में बढ़ोतरी हो रही है।
10. लोगों को प्रकृति, पर्यावरण और ऊर्जा संरक्षण के फायदे के बारे में बताएं। उनको ऐसा करने के लिए प्रेरित करें
प्रदूषण पर्यावरण का सबसे बड़ा दुश्मन
पूरा विश्व आज पर्यावरण को लेकर चिंतित है। बता दें पर्यावरण वायु, जल, मिट्टी, मानव और वृक्षों से मिलकर बना है। इनमें से किसी भी एक के असंतुलित होने पर पर्यावरण प्रक्रिया असहज हो जाती है जिसका सीधा असर मानव जीवन पर पड़ता है। साथ ही इन दिनों प्रदूषण भी पर्यावरण का सबसे बड़ा दुश्मन बना हुआ है। भारत में वायु प्रदूषण से जनित रोगों से लगभग 12 लाख एवं जल प्रदूषण से जनित रोगों से 3 लाख मौतें प्रति वर्ष होती हैं। प्रदूषण मानव जीवन के साथ ही पेड़, पौधे और जलवायु को भी प्रभावित करता है।
लॉकडाउन में मिला प्रकृति को सुकून
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर के देशाें ने लॉकडाउन लगाकर खुद को घरों में कैद कर लिया। लॉक डाउन ने दुनिया की रफ्तार थम गई लेकिन इस दौरान प्रकृति ने खुलकर सांस ली। लेकिन लॉकडाउन खत्म होने के बाद अब फिर हम बेपरवाह हो चले हैं। जिस धरती पर रह रहे हैं उसी का सर्वनाश कर रहे हैं। यदि हमने आज, अभी और इसी वक्त से पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान नहीं दिया तो आने वाली पीढ़ी के लिए जीवन अंधकारमय हो सकता है।
मानव जीवन के लिए पर्यावरण का अनुकूल और संतुलित होना बेहद महत्वपूर्ण है।
पर्यावरण संरक्षण सभी की जिम्मेदारी
कुछ लोग यह मानते हैं की पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करना सिर्फ सरकार या कुछ संस्थाओं की ज़िम्मेदारी है। यह निरर्थक सोच है, वास्तव में पर्यावरण संरक्षण समाज के हर वर्ग तथा हर नागरिक की ज़िम्मेदारी है। प्रत्येक व्यक्ति जब इस अभियान से जुड़ेगा, तभी हम पर्यावरण को वर्तमान और भविष्य के लिए संरक्षित कर पाएंगे।