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क्या है टेबल टेनिस का इतिहास, जानें खेल का नियम 

भारत की चार सदस्यीय टेबल टेनिस (Table tennis) टीमअचंत शरत कमल की अगुआई में मंगलवार को अंतिम ओलम्पिक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए दोहा रवाना हो गई. यह टूर्नामेंट अचंत शरत कमल के साथ-साथ एंथनी अमलराज और पॉलोमी घटक तथा शामिनी कुमारेसान के लिए बेहद ही जरूरी टूर्नामेंट है. इसी टूर्नामेंट में ही तय होगा कि वह लंदन के लिए टिकट कटा पाएंगे या नहीं. पिछले महीने हांगकांग में आयोजित एशियाई क्वालीफिकेशन टूर्नामेंट में इनको हार का सामना करना पड़ा जबकि भारत की ओर से युवा सौम्यजीत घोष और अंकिता दास ने लंदन ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है. ओलंपिक के लिए ये खिलाड़ी क्वालीफाई करते हैं ये तो बाद में पता चलेगा उससे पहले आइए जानते हैं टेबल टेनिस से जुड़े कुछ रोचक तथ्य.

टेबल टेनिस खेलों को आयोजित कराने और उस पर नियंत्रण रखने के लिए अंतरराष्ट्रीय टेबल टेनिस संघ की स्थापना 1926 में की गई. यह वैश्विक संगठन है. फिलहाल इस संगठन में 215 सदस्य हैं. इस खेल की अलग-अलग श्रेणियां है जिसमें शामिल हैं पुरुष एकल, महिला एकल, पुरुष युगल और महिला युगल.

टेबल टेनिस एक समय में दो (एकल) या चार (युगल) खिलाड़ियों के बीच खेला जाता है. प्रत्येक खिलाड़ी के पास एक बल्ला (रैकेट) होना आवश्यक है. यह रैकेट रबड़ से लेमिनेट किया हुआ होता है. टेबल की लंबाई 9 फुट, चौड़ाई 5 फुट, सतह की मोटाई 1 इंच (या 3/4 इंच भी) तथा भूमि से ऊंचाई 2.5 फुट होती है. लकड़ी के अलावा स्लेट, कांच या प्लास्टिक की सतह के टेबल भी बनाए जाते हैं. टेबल के बीच जाल तना रहता है जिसकी चौड़ाई में आर-पार 6 इंच ऊंचा, और लंबाई 183 सेंटीमीटर होता है. अंतरराष्ट्रीय टेबल टेनिस संघ द्वारा मंजूर टेबल की सतह ग्रीन या ब्लू होनी चाहिए. गोलाकार गेंद जिसका व्यास 37.2 मिलीलीटर से कम तथा 40 मिलीमीटर से अधिक नहीं होता. इसका भार 2.7 ग्राम होता है.

क्या है नियम

सर्विस में गेंद का सम्पर्क करता हुआ मुक्त हाथ खुला, अंगुलियाँ जुड़ी हुई तथा अंगूठा मुक्त रहता है. सर्विस की हुई गेंद खिलाड़ी द्वारा इस प्रकार प्रहारित की जाएगी कि सीधे जाल को पार करके विरोधी के क्षेत्र को स्पर्श कर ले. यदि खिलाड़ी बिना टप्पा खाए गेंद को वापिस लौटाता है या टेबल की सतह को हाथ से छूता है या फिर टेबल को हिलाता है तो ऐसी परिस्थिति में खिलाड़ी अपना अंक खो सकता है. इसके अलावा बीच-बीच में अंपायर द्वारा चेतावनी भी दी जाती है अगर कोई खिलाड़ी इसका अनुसरण नहीं करता तो वह अपने अंक खो सकता है.

पूरे मैच में अगर कोई खिलाड़ी 11 अंक प्राप्त कर लेता है तो उसे विजेता घोषित कर दिया जाता है. मैच एक, तीन और पांच सेटों का होता है. खेल उस समय तक जारी रहता है जब तक कोई खिलाड़ी या युगल खिलाड़ी विश्राम के लिए नहीं कहता.टेनिस और टेबल टेनिस दोनों ही रैकेट और बॉल से खेले जाने वाले अत्यंत रोमांचक और प्रतिस्पर्धात्मक खेल हैं जो दुनियां के अधिकांश देशों में लोकप्रिय हैं। दोनों ही खेलों में रैकेट, बॉल, नेट और खिलाडियों की संख्या की को देखा जाय तो एक जैसे लगते हैं किन्तु वास्तव में टेनिस और टेबल टेनिस दो अलग अलग खेल हैं और दोनों की प्रकृति, खेल का तरीका, स्कोरिंग सबकुछ अलग हैं।

टेनिस और टेबल टेनिस दोनों ही खिलाडियों की शारीरिक दक्षता के साथ साथ मानसिक दृढ़ता,कॉन्सेंट्रेशन और तीव्र प्रतिक्रियात्मकता की उत्कृष्टता को परखता है अपने इन्ही गुणों की बदौलत खिलाडी अपने श्रेष्ठता को साबित करता है। इस पोस्ट में इन्हीं दो खेलों टेनिस और टेबल टेनिस के बारे में हम पढ़ेंगे और टेनिस और टेबल टेनिस में क्या अंतर है, जानेंगे।


टेनिस की शुरुवात उत्तरी फ्रांस से हुई मानी जाती है। 12 वीं शताब्दी में इसे इंडोर गेम के रूप में खेला जाता था। उस ज़माने में इसे jeu de paume कहा जाता था जिसका अर्थ हथेली का खेल होता था। फ्रांस के लुइस टेंथ इस खेल को काफी पसंद करते थे। उन्हें टेनिस के इतिहास का प्रथम ज्ञात खिलाडी माना जाता है। बाद में 19 वीं शताब्दी में इंग्लैंड में इस खेल में कई सुधार हुए और यह एक नए रूप में सामने आया। इसे अब आउटडोर गेम के रूप में खेला जाने लगा। 1874 में विश्व का पहला टेनिस टूर्नामेंट लैमिंग्टन लॉन टेनिस क्लब, बर्मिंघम में खेला गया। यह टूर्नामेंट आल इंग्लैंड टेनिस एंड क्रॉकेट क्लब द्वारा आयोजित प्रथम चैंपियनशिप जो 1877 में हुआ था से तीन वर्ष पहले आयोजित किया गया था।

टेबल टेनिस को पिंग पांग या व्हिफ व्हाफ्फ भी कहा जाता था। टेबल टेनिस के खेल की शुरुवात विक्टोरियन इंग्लैंड से मानी जाती है जहाँ इसे उच्च वर्गों में डिनर के बाद घर के अंदर खेले जाने की परंपरा थी। 1860 और 1870 के बीच भारत में मिलिट्री अधिकारीयों के द्वारा इसी तरह के एक खेल की शुरुवात की गयी थी जिसे बाद में वे अपने साथ इंग्लैंड ले गए। इस खेल का नाम टेबल टेनिस 1921-22 में रखा गया जब पिंग पांग एसोसिएशन का पुनर्गठन हुआ। 1926 में इंटरनेशनल टेबल टेनिस एसोसिएशन की स्थापना हुई और उसी वर्ष टेबल टेनिस की पहली अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिता लंदन में आयोजित की गयी।

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