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क्या है भारत में क्रिकेट का इतिहास, जानें यहां 

आज जिस खेल को दुनियाभर में फुटबॉल के बाद लोकप्रियता मिली है, वह है क्रिकेट. यूरोप और अफ्रीका से ज्यादा दक्षिण एशिया में बसे लोगों के लिए क्रिकेट एक बीमारी है जो यदि खिलाड़ी को लगे तो वह महान बन जाता है और दर्शकों को लगे तो इसके आगे सारे खेल फीके पड़ जाते हैं. यह खेल ऐसा है कि इसे हर वर्ग और उम्र के लोग सहजता और सरलता से समझकर अपना लेते हैं.

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cricket का शब्द कहां से आया ?

1598 में सबसे आरंभिक काल के ज्ञात संदर्भ में cricket को क्रेक्केट (Creckett) कहा जाता था. ऐसा माना जाता है यह नाम मध्य डच के क्रिक (-ए ), यानि छड़ी से व्युत्पन्न है या फिर पुरानी अंग्रेजी के क्रिक या क्राइके अर्थात बैसाखी या लाठी से लिया गया है. इसके अलावा सामुएल जॉनसन के अंग्रेज़ी भाषा के शब्दकोश (1755) में उन्होंने क्रिकेट की व्युत्पत्ति “क्राइके , सक्सोन, एक छड़ी” से बताया है. इतिहास में cricket को एक और संभावित स्रोत मध्य डच शब्द क्रिकस्टोल से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ एक लंबा हल्का स्टूल है, जिसका उपयोग चर्च में घुटने टेकने के लिए किया जाता था. इसका आकार शुरुआती क्रिकेट में इस्तेमाल होने वाले दो स्टंप विकेट से मिलता-जुलता था.

इंग्लैंड में cricket 

इंग्लैंड में जैसे-जैसे इस खेल की लोकप्रियता बढ़ी, वहां पर इस खेल को 18वीं सदी में राष्ट्रीय खेल घोषित किया गया। उस वक्त दुनिया के कई देशों में इंग्लैंड का उपनिवेश था, जिसकी वजह से इस खेल की लोकप्रियता तेजी से हुई। अंतरराष्ट्रीय cricket सन् 1844 से खेला जाने लगा था, लेकिन पहला टेस्ट मैच 1877 में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया। इतिहास के तारीखों में पहली बार 17 जनवरी 1598 में cricket का जिक्र मिलता है।

हालांकि क्रिकेट के उदय को लेकर बहुत सारी भ्रांतियां भी हैं, बहुत से मतों का मानना है कि cricket का उदगम फ्रांस में हुआ था। इससे पहले एक और भ्रांति के संदर्भ में बताया गया कि 10 मार्च सन् 1300 में किंग एडवर्ड द्वितीय ने वेस्टमिंस्टर और न्यूवेंडन में cricket खेला था। उस वक्त क्रिकेट को क्रेग कहा जाता था, जबकि विशेषज्ञों का मानना था कि शुरू में cricket को क्रैक कहते थे। इसका मतलब फन और गेम्स माना जाता था।

बच्चों के बाद बड़ों में ऐसे लोकप्रिय हुआ क्रिकेट

सामान्यतः ये माना जाता था कि cricket सिर्फ बच्चों का खेल है और इस कई पीढ़ी तक बच्चे ही खेलते थे। लेकिन 17 वीं सदी के आते-आते इस खेल को वयस्कों ने भी खेलना शुरू कर दिया और इस खेल के प्रति लोगों की गंभीरता भी बढ़ गई। हालांकि cricket के खेल का तकनीकी विकास जस का तस ही था, पेड़ और दरवाजे ही स्टंप का काम करते थे।

गिल्डफोर्ड में सन् 1550 में जॉन डेरिक रॉयल ग्रामर स्कूल के छात्र थे और जहां वह और उनके दोस्त cricket (creckett,circa)खेलते थे। सन् 1598 में गिल्डफोर्ड, सरे में एक प्लॉट के मालिकाना हक को लेकर कोर्ट केस हुआ था, जिसमें cricket का जिक्र था। 59 वर्ष के जॉन ने कोर्ट में तब बयान दिया था कि वह और उनके दोस्त 50 वर्ष पहले इसी प्लॉट पर क्रिकेट खेला करते थे। जॉन डेरिक के इस बयान को सबूत के तौर माना गया और इस बात पर मुहर भी लगाई गई कि 1550 में सरे के उस मैदान पर क्रिका यानि cricket खेला जाता था।

वयस्कों के क्रिकेट खेलने का जिक्र सन् 1611 में मिलता है, जब ससेक्स के दो व्यक्तियों को रविवार को चर्च न जाने बल्कि क्रिकेट खेलने के लिए गिरफ्तार किया गया था। इसी वर्ष एक डिक्शनरी में क्रिकेट को बच्चों का खेल बताया गया था, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि उस समय क्रिकेट को वयस्क नहीं खेलते थे।

भारत में क्रिकेट की शुरूआत 

भारत में क्रिकेट की शुरूआत 17वीं शताब्दी में ही हो चुकी थी। 1721 में ईस्ट इंडिया कंपनी के अंग्रेज नाविकों द्वारा बड़ौदा के पास कैम्बे में क्रिकेट खेलने आए थे और यह भारत में क्रिकेट खेलने का सबसे पहले किस्सों में से है। भारत में, और इसके बाद पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश में क्रिकेट की शुरूआत और स्थापना ईस्ट इंडिया कंपनी के द्वारा की गई थी। 1792 तक कलकत्ता क्रिकेट और फुटबॉल क्लब की शुरूआत हो चुकी थी। हालांकि 1799 में दक्षिण भारत में भी एक क्रिकेट क्लब शुरू हुआ था। 1845 में सेपॉय क्रिकेटरों ने यूरोप के क्रिकेटरों के साथ सिलहैट में मैच खेला था। आज ये जगह बांग्लादेश में स्थित है।

1848 में भारत में पहले क्रिकेट क्लब की शुरुआत हुई थी। क्लब का नाम ओरिएंटल पारसी क्रिकेट क्लब था और ये माना जाता है कि पहला अंतराष्ट्रीय क्रिकेट मैच 1844 में खेला गया था लेकिन आधिकारिक रूप से इंटरनेशनल टेस्ट क्रिकेट 1877 में शुरू हुआ था। उस समय क्रिकेट केवल इंग्लैंड में खेला जाता था जो अब एक पेशेवर रूप से ज्यादातर कॉमनवेल्थ देशों में खेला जाता है। भारत में प्रथम श्रेणी क्रिकेट की शुरुआत 1864 में हुई थी। इस मैच में मद्रास और कलकत्ता की टीम का मुकाबला हुआ था।

1926 में मैरेलबोर्न क्रिकेट टीम ने भारत का दौरा किया था, हालांकि ये कोई आधिकारिक दौरा नहीं था लेकिन भारतीय खिलाड़ी इस टीम के साथ मैच खेलने को लेकर खासे उत्साहित थे। भारत के महान क्रिकेटर सी के नायडु ने उस टूर पर बेहतरीन खेल दिखाते हुए शतक जमाया था। भारत क्रिकेट बोर्ड की शुरूआत 1928 में हो चुकी थी और 1932 में भारत ने पहला टेस्ट मैच खेला था। 

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कई भारतीय राजाओं के प्रयासों के बाद रणजी ट्रॉफी की शुरूआत 1935 में हुई थी और ये टूर्नामेंट आज भी खेला जाता है। नवानगर के राजा रंजीत सिंह जो पढ़ाई के लिए इंग्लैंड गए थे, ने वहां जाकर क्रिकेट में अच्छा नाम बना लिया था। राजा रंजीत सिंह को फॉदर ऑफ इंडियन cricket कहा जाता था। हालांकि उन्होंने भारत के लिए कभी cricket नहीं खेला और वे ताउम्र इंग्लैंड के लिए क्रिकेट खेलते रहे। 19 शताब्दी का मध्य और अंतिम हिस्सा भारत की cricket में बढ़ती लोकप्रियता की गाथा कहता है।

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