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बनना चाहते हैं बैडमिंटन प्लेयर, जानें ये कुछ जरूरी टिप्स

आज के समय में खेल सिर्फ खेल नहीं रह गया है बल्कि ये लाखों रुपये कमाने का एक बेहतर साधन बन चुका है। साथ ही यह मशहूर होने का बहुत ही बेहतर जरिया भी है। देखा जाये तो आज के समय में लोग खेलकूद में काफी दिलचस्पी ले रहे हैं। यदि आपको कोई स्पोर्ट्स पसंद है तो इसके ज़रिए आप अपनी पसंद और शौक़ को अपना प्रो़फेशन बना सकते हैं।

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खेल अब करियर के नए आयाम विकसित कर रहे हैं। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आये दिन होने वाले तरह-तरह के मैच और प्रतियोगिताओ के कारण खेल, खिलाड़ी और उससे जुड़ें लोगों के सामने ऊंचाइयों को छूने का अवसर है। हालांकि, हमारे देश में सबसे ज्यादा क्रेज क्रिकेट का है मगर पिछले कुछ वर्षों में बैडमिंटन और इसके खिलाड़ी बहुत ही शानदार तरह से उभरकर सामने आये हैं। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे है कि एक बैडमिंटन प्लेयर कैसे बना जा सकता है। 

बैडमिंटन प्लेयर बनने के लिए लोगों को लगातार अत्याधिक मेहनत करनी होती और इसके कई नियमो के विषय में जानकारी प्राप्त करनी होती हैं जिसके बाद ही अभ्यर्थी इस पद को प्राप्त करने में सफल हो सकता है | बैडमिंटन प्लेयर बनने वाले व्यक्ति को सैलरी भी अच्छी प्रदान की जाती है | यदि आप भी बैडमिंटन प्लेयर बनना चाहते हैं, तो यहाँ पर आपको बैडमिंटन प्लेयर कैसे बने, नियम, कब करें शुरुआत, टिप्स की पूरी जानकारी प्रदान की जा रही है। 

बैडमिंटन प्लेयर बनने वाले व्यक्ति की शारीरिक क्षमता बहुत ही अच्छी होनी चाहिए क्योंकि इस फील्ड में करियर बनाने वाले व्यक्ति की जब तक  शारीरिक क्षमता अच्छी  नहीं होगी तब तक खेल के मैदान में  डटकर  सामना नहीं कर सकेगा | इसके साथ ही यदि आपको बैडमिंटन प्लेयर  बनना है तो इसमें बनाये गए कुछ नियमो के विषय में पूरी जानकारी रखनी आवश्यक होती है |

बैडमिंटन रैकेट की लम्बाई – 680 मिलीमीटर

इसकी कुल चौड़ाई –  230 मिलीमीटर

इसका आकार – अंडाकार, इसमें एक हैंडल लगा हुआ होता है, जिसे पकड़ कर खिलाड़ी कॉक को स्ट्रोक करते हैं।

एक अच्छे क़िस्म के रैकेट का वजन – 70 से 95 ग्राम के बीच होता है |

एक शटलकॉक  का वज़न  करीब –  4.74 ग्राम से 5.50 ग्राम के मध्य होता  है।

इसका आधार – 25 मिलीमीटर से 28 मिलीमीटर के व्यास का एक वृत्त होता है, यह एक  व्यास का  व्रत होता है, जिसका आकार एक तरफ गोलाकार  होता है | इसी का इस्तेमाल करके प्लेयर पूरे खेल को खेलते है |बैडमिंटन कोर्ट का आकार चतुर्भुज होता है जिसे एक नेट की सहायता से दो खिलाड़ियों के खेलने के लिए दो बराबर भागों में विभाजित कर दिया जाता है। प्रायः एक ही कोर्ट को इस तरह से तैयार कर लिया जाता है कि वह  सिंगल्स और डबल्स दोनों के लिए इस्तेमाल हो सके |

यदि अहम कोर्ट की चौड़ाई की बात करें तो  कोर्ट की चौड़ाई 6.1 मीटर या 20 फिट होती है, जो सिंगल्स मैच के दौरान घटाकर 5.18 मीटर कर दी जाती है। कोर्ट की पूरी लम्बाई 13.4 मीटर या 44 फिट होती है। इसके अलावा कोर्ट के बीच में स्थित नेट से 1.98 मीटर पीछे दोनों तरफ एक सर्विस लाइन  बनी हुई होती  है। डबल्स कोर्ट के दौरान ये सर्विस लाइन बेक बाउंड्री से 0.73 मीटर की दूरी पर होती है।

आपको बता दें कि एक अच्छा बैडमिंटन खिलाड़ी बनने के लिए अच्छी शारीरिक बनावट और बढ़िया स्टैमिना, दिमागी तौर पर मजबूत और समर्पण का भाव होना बेहद ही जरूरी होता है। पी.वी सिंधु और साइना नेहवाल के लंबे होने की वजह से लोगों को लगता है कि इसमें हाइट का फायदा मिलता है, मगर यह लोगों की गलतफ़हमी है।

छोटे कद के लोग भी यह खेल अच्छा खेल सकते हैं। अगर आपके अन्दर इस खेल के प्रति समर्पण और लगाव है तो आप 6 या 7 वर्ष की उम्र से ही इसे सीखना प्रारंभ कर सकते हैं। यह बात जान लेना बहुत ही आवश्यक है कि इस खेल में कामयाबी के लिए खिलाड़ी के लिए सबसे पहले शॉट पर कंट्रोल बनाना जरूरी होता है। अपनी बेस लाइन से सामने वाले खिलाड़ी की बेस लाइन तक शटल को पहुंचाने में जरा-सी चूक आपको भारी पड़ जाती है।

शॉट ज्यादा तेज लग गया तो शटल थर्ड लाइन के बाहर गिर सकती है और थोड़ा धीमा रह गया तो शटल सेंटर कोर्ट तक ही रह जाएगी और विपक्षी के पास एक जोरदार स्मैश लगाकर पॉइंट बनाने का आसान मौका आ जाएगा। इसलिए अगर इस खेल में करियर बनाना है तो एक अच्छी अकैडमी में एडमिशन लेना ही होगा। जब तक आप अच्छे से बेहतर की ओर बढ़ना नहीं सीखते, तब तक आप एक औसत खिलाड़ी ही कहलाते हैं। इसलिए टाइमिंग को अपनी ट्रेनिंग में रुकावट न बनने दें। खुद को फिट रखने के लिए भी आपको कई तरह के ऐरोबिक्स करने पड़ते हैं, जिन्हें घर पर भी किया जा सकता है।

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बैडमिंटन प्लेयर बनने की टिप्स 

  1. बैडमिंटन प्लेयर बनने के लिए आप कम उम्र से ही अपने मोहल्ले की गलियां या फिर किसी फील्ड में बैडमिंटन खलेने की प्रैक्टिस करते रहें |
  2. आपको खेल में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए सबसे पहले शॉट पर कंट्रोल बनाना  अनिवार्य  होता है।
  3. देश के सभी बड़े शहरों में बैडमिंटन ट्रेनिंग सेंटर उपलब्ध है, वहां से आप इसके लिए ट्रेनिंग ले सकते है और एक बैडमिंटन प्लेयर बन सकते है |
  4. कोच की मदद ले सकते हैं क्योंकि कोच अपने अभ्यर्थी को इस खेल में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए सभी नियमो के बारे में समझाता है |
  5. इस खेल से सम्बंधित सभी नियमो की जानकारी रखे |

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