‘5 डी’ रणनीति से रुक सकती है महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा, जानिए कैसे
ब्रेकथ्रू महिला अधिकारों के लिए कर रहीं पिछले 20 वर्षों से काम
लखनऊ: ‘5 डी’ रणनीति से रुक सकती है महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा| महिलाओं के साथ सार्वजनिक जगहों पर होने वाली हिंसा के मुद्दे पर ब्रेकथ्रू और लॉरियल पेरिस के अभियान ‘स्टैंडअप अगेंस्ट स्ट्रीट हैरेसमेंट’ के तहत राजधानी में एक कार्यशाला का आयोजन हुआ। यह आयोजन महाराजा बिजली पासी डिग्री कॉलेज में किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि डीसीपी रुचिता चौधरी शामिल हुईं। साथ ही करीब 200 प्रतिभागियों ने भी हिस्सा लिया।
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‘5 डी’ रणनीति से रुक सकती है महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा
मुख्य अतिथि डीसीपी रुचिता चौधरी ने प्रतिभागियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा, महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा को रोकने के लिए हम सभी को व्यक्तिगत और संस्थागत दोनों तरह से प्रयास करने की जरूरत है। किसी एक के प्रयास से महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा को नहीं रोका जा सकता।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जगहों को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका बायस्टेंडर की है, उसे घटना के समय मूकदर्शक बन के नहीं रहना है। उसे हिंसा को रोकने के लिए हस्तक्षेप करने के जरूरत है, लेकिन खुद की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखते हुए।
जाने 5डी के बारे में
डीसीपी रुचिता चौधरी ने बताया कि, इसके लिए 5डी जैसी रणनीति बहुत मददगार साबित हो सकती है। बस जरूरत इसे समझने और अपनाने की है। उन्होंने 5डी रणनीति में बताते हुए कहा कि, डिस्ट्रैक्ट (ध्यान बांटना), डेलीगेट (किसी दूसरे की सहायता लेना), डॉक्यूमेंट (रिकॉर्ड रखना), डिले (रुकावट डालना), डायरेक्ट (सीधे तौर पर रोकना) शामिल है।
ब्रेकथ्रू महिला अधिकारों के लिए कर रहीं पिछले 20 वर्षों से काम
कार्यशाला के प्रशिक्षक शुभम तिवारी और सना उम्मीद ने कहा कि, ब्रेकथ्रू महिला अधिकारों के लिए कार्य करने वाली संस्था है जो महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने के लिए पिछले 20 वर्षों से काम कर रही है। इसी कड़ी में हम लोग इस तरह की कार्यशाला के माध्यम से सार्वजनिक जगहों को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने और बायस्टेंडर की भूमिका को प्रभावी बनाने पर काम कर रहे हैं।
उन्होंने प्रतिभागियों को विभिन्न उदाहरणों और वीडियो-शो के माध्यम से सार्वजनिक स्थानों पर होने वाली हिंसा को रोकने के लिए 5डी की रणनीति के बारे में बताया। यह एक ऐसा तरीका है, जिसे आसानी से लोग अपनाकर सार्वजनिक जगहों को महिलाओं के लिए सुरक्षित बना सकते हैं।
इस अवसर पर कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. सुमन गुप्ता ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि, इस प्रकार की कार्यशाला का आयोजन बड़े स्तर पर करने की जरूरत है, जिससे अधिक लोग इस मुद्दे को समझ पाएं। साथ ही महिलाओं के लिए एक सुरक्षित दुनिया बनाने में अपनी भूमिका निभाने के लिए आगे आएं।