Lifestyle

हमारी पढ़ाई पर खराब वस्तु का कितना प्रभाव पड़ता है? कैसा होना चाहिए वास्तु

जब भी हम अपना घर बनवाते हैं तो अपने घर को वास्तु ( vastu ) शास्त्र के हिसाब से रखते हैं खासकर हिंदुओं में किस दिशा में क्या होना चाहिए इस बात का खास ध्यान रखा जाता है माना जाता है कि यह हमारे जीवन पर एक अच्छा प्रभाव डाल सकता है वही जब पढ़ाई की बात होती है तो वास्तुशास्त्र ( vastu ) हमारी पढ़ाई पर भी अपना प्रभाव डालता है जिस कमरे में हम पढ़ाई करते हैं उस कमरे में किस दिशा की ओर बैठकर हम पढ़ रहे हैं हमारी स्टडी टेबल किस दिशा में रखी है यह बहुत मायने रखता है।

vastu

यह भी पढ़े : यूपी आज से गांवों में चलेगा विशेष अभियान, दस लाख एंटीजेन जांच का लक्ष्य 

पढ़ाई के वक्त मेहनत के साथ साथ वास्तु शास्त्र भी सफल होने के लिए बहुत आवश्यक माना जाता है कि अगर सही वास्तु शास्त्र के हिसाब से सही दिशा में बैठकर पढ़ाई की जाए तो वह जल्दी और हमेशा के लिए याद रहती है अगर आपके स्टडी रूम में स्टडी टेबल गलत दिशा में उपस्थित है तो विद्यार्थी के लिए कई प्रकार के नकारात्मक सिद्ध हो सकते हैं वास्तु के अनुसार कुछ ऐसी दिशाएं होती है जहां पढ़ाई करना मानसिक तनाव और डिप्रेशन का कारण बन जाता है।

जिससे छात्र कितनी भी एक ज्यादा मेहनत क्यों ना कर ले उसको अच्छे परिणाम प्राप्त नहीं होती इसलिए आपका यह जानना बहुत जरूरी है कि अगर आप भी ऐसी ही गलत दिशा में बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं तो आप अपना स्थान बदलने तो चलिए जानते हैं की क्या है उचित वास्तु शास्त्र जो जानकार और विशेषज्ञ बताते हैं।

यह भी पढ़े : यूपी आज से गांवों में चलेगा विशेष अभियान, दस लाख एंटीजेन जांच का लक्ष्य 

पश्चिमी वायव्य

यह दिशा उत्तर पश्चिम दिशा के मध्य में मौजूद होती है यह स्थान पढ़ने के लिए या फिर अपने स्टडी रूम में स्टडी टेबल को रखने के लिए बिल्कुल प्रतिकूल होती है जानकारों का कहना है कि इस स्थान पर अगर कोई व्यक्ति पढ़ाई करता है तो वह उसके लिए मानसिक तनाव और अवसाद का कारण बन सकती है। ऐसे में इस दिशा में बैठकर किसी भी कार्य को संपादित करने से बचना चाहिए जिससे लिए आपको लंबे समय तक यहां पर बैठना पड़े विशेष तौर पर मानसिक क्षमता से जुड़े कार्य जैसे कि पढ़ाई करने के लिए यह स्थान वास्तु के सिद्धांतों के अनुरूप नहीं।

यह भी पढ़े : यूपी आज से गांवों में चलेगा विशेष अभियान, दस लाख एंटीजेन जांच का लक्ष्य 

दक्षिणी नैऋत्य

यह दिशा दक्षिण और दक्षिण पश्चिम के मध्य में स्थित होती है, इस दिशा में बैठकर पढ़ाई करने से इम्तिहानो में बच्चों को अच्छे अंक प्राप्त नहीं होते हैं इस दिशा में स्टडी रूम होने पर अगर विद्यार्थी बहुत अधिक परिश्रम भी करता है तो भी अंतिम नतीजे में उसे अच्छे अंक और सफलता प्राप्त करने से वंचित रहना पड़ता है यहां पर अध्ययन सामग्री भी रखने से बचें तो बेहतर होगा।

इन बातों का रखें विशेष ध्यान

  1. अगर आप स्कूली और कॉलेज की शिक्षा पूरी कर चुके हैं और नौकरी की तलाश करने के लिए पढ़ाई कर रहे हैं तो आपके लिए सबसे उत्तम स्थान उत्तर दिशा होती है अपना हर कार्य और पढ़ाई से जुड़ा कोई भी कार्य उत्तरी दिशा में बैठकर समाप्त करें.
  2. अगर छोटे बच्चे पढ़ाई में मन लगाकर अपनी पढ़ाई को पूरा कर अच्छे परिणाम हासिल नहीं कर पा रहे हैं तो ऐसी परिस्थितियों में बच्चों की स्टडी करने के लिए पश्चिमी दिशा अच्छी है इस दिशा में बैठकर अपने विद्यार्थी को उसकी मेहनत के अनुरूप परिणाम जरूर मिलेंगे.

यह भी पढ़े : यूपी आज से गांवों में चलेगा विशेष अभियान, दस लाख एंटीजेन जांच का लक्ष्य 

नोट : लिखा गया इसलिए किसी भी वास्तविकता की गारंटी नहीं लेता है यह जानकारी विभिन्न सूत्रों से प्राप्त करी गई है ऐसे में हमारा उद्देश्य है आप तक सूचना पहुंचाना है इसके उपयोग करता इसे महसूस ना समझ कर ही लें इसके अतिरिक्त इसका किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही होगी.

Follow Us
Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
%d bloggers like this: