छत्तीसगढ़ कुपोषण के मामले में सबसे आगे, इस वर्ष इतने प्रतिशत की हुई वृद्धि
छत्तीसगढ़ में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर राज्यव्यापी सीएम पोषण अभियान को अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है. मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान सहित विभिन्न योजनाओं की संयुक्त योजनाओं एवं समन्वित प्रयासों से बच्चों में कुपोषण दूर करने में बड़ी सफलता मिली है। राज्य में जुलाई 2021 के भारोत्तोलन के अनुसार, राज्य में केवल 18.84 प्रतिशत बच्चे ही कुपोषित पाए जाते हैं।
एनएफएचएस-4 की तुलना में छत्तीसगढ़ में कुपोषण में करीब 18.86 फीसदी की गिरावट देखी गई है। अन्य राज्यों की तुलना में देश के 21 अन्य राज्यों में कुपोषण का स्तर बढ़ा है जहां एनएफएचएस-5 के आंकड़े जारी किए गए हैं। सरकार का दावा है कि छत्तीसगढ़ कुपोषण को कम करने में अन्य राज्यों से काफी आगे है।
उल्लेखनीय है कि 2015-16 में जारी एनएफएचएस-4 में छत्तीसगढ़ में 37.7 फीसदी और राष्ट्रीय औसत में 35.7 फीसदी कुपोषण पाया गया। 2015-16 के बाद राज्य सरकार और महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से बाल कुपोषण को कम करने के प्रयास किए गए। वर्तमान में जुलाई 2021 में वेट फेस्टिवल 07 जुलाई से 16 जुलाई 2021 तक आयोजित किया गया था।
इस दौरान करीब 22 लाख बच्चों का वजन कर कुपोषण के स्तर का आकलन किया गया है। ऐप को केवल आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा एक्सेस किया गया था, इसलिए डेटा की गुणवत्ता प्रभावित नहीं होगी। छत्तीसगढ़ में जनवरी 2019 तक कुपोषित बच्चों की संख्या चार लाख 33 हजार 541 थी, जिनमें से मई 2021 में लगभग एक तिहाई 32 प्रतिशत या एक लाख 40 हजार 556 बच्चे कुपोषण से मुक्त हो चुके हैं।