India Rise Special
Trending

उत्तराखंड : कुंभ में कोविड जांच में फर्जीवाड़ा, मैक्स कॉरपोरेट कंपनी के खिलाफ दर्ज हो सकता है मुकदमा

हरिद्वार महाकुंभ मेले में कोविड जांच के फर्जीवाड़े के मामले में जिला प्रशासन ने मैक्स कॉरपोरेट कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तैयारी कर ली है। जिलाधिकारी सी रविशंकर का कहना है कि प्रारंभिक जांच में कुछ अनियमितताएं सामने आई हैं। इसी आधार पर इसी कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा। महाकुंभ मेला प्रशासन ने कोरोना जांच का ठेका मैक्स कॉरपोरेट कंपनी को दिया था और कंपनी ने ही 11 निजी लैब को अधिकृत किया था। 

मालूम हो कि महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं और संतों की कोविड जांच में फर्जी तरीके से निगेटिव रिपोर्ट देने का मामला सामने आ चुका है। इस फर्जीवाड़े के बाद से शासन से लेकर प्रशासन तक हड़कंप मचा हुआ है। शासन के आदेश पर जिलाधिकारी ने जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई है।

मंगलवार को मेला प्रशासन स्वास्थ्य ने भी जांच शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार, शासन ने जिलाधिकारी सी रविशंकर को इस मामले में मैक्स कॉरपोरेट कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। बुधवार को अमर उजाला से बातचीत में जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।

यह भी पढ़ें : उत्तराखंड : डीजीपी की फर्जी फेसबुक आईडी से मांगे रुपये, मुकदमा दर्ज 

जिलाधिकारी ने बताया कि मुकदमा दर्ज कराने के लिए पूरी ड्राफ्टिंग की जा रही है। उन्होंने बताया कि ड्राफ्टिंग होने के बाद गुरुवार शाम तक मामले में मुकदमा दर्ज करा दिया जाएगा। 

कड़ी कार्रवाई और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए
वहीं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि यह एक गंभीर अपराध है, लापरवाही नहीं। इस मामले में कड़ी कार्रवाई और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। 

कुंभ में हुए भ्रष्टाचार से धूमिल हुई उत्तराखंड की छवि: किशोर
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने मुख्यमंत्री से अविलंब कुंभ घोटालों की जांच की मांग उठाई है। कहा कि कोरोना जांच रिपोर्टों में भ्रष्टाचार मानवता के प्रति अपराध है। कुंभ मेले में इस तरह की लापरवाही और भ्रष्टाचार से ही प्रदेशवासियों पर कोरोना की आफत आई है।

मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में उपाध्याय ने कहा कि कुंभ मेले में भ्रष्टाचार के जिस तरह से नित नए खुलासे हो रहे हैं, वह राज्य की छवि को धूमिल करने वाले हैं। वर्ष 2010 में भी ठीक ऐसी ही स्थितियां सामने आईं थीं। सरकार का भ्रष्टाचारी चेहरा कांग्रेस ने सदन के भीतर और बाहर बेनकाब किया था।

उस वक्त भी हर व्यक्ति की जुबान पर कुंभ मेले में हुए भ्रष्टाचार के किस्से थे। अखाड़ों और संतों ने खुले रूप से आरोप लगाए और यहां तक कहा कि कुछ छद्म संतों की हथेलियां गरम कर सरकार के पक्ष में बयान दिलवाए गए। उपाध्याय ने कहा कि इस बार भी कुंभ मेले में इस तरह के भ्रष्टाचार के कारण ही प्रदेश पर कोरोना का यह प्रलयकाल आया है।

Follow Us
Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
%d bloggers like this: