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UP News: घूस मांगने वाले वीडियो पर फंसे IPS अनिरुद्ध: DGP मुख्‍यालय ने बैठाई जांच, विपक्ष ने सरकार को घेरा

वायरल वीडियो में व्यापारी बोला- 10 लाख भेजता हूं; अनिरुद्ध कुमार ने कहा- मिनिमम 20 भेजिए

लखनऊ: मेरठ ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक अनिरुद्ध कुमार का एक व्‍यापारी से 20 लाख रुपये की घूस मांगने का वीडियो रविवार से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह वीडियो काफी पुराना बताया जा रहा है। इस वीडियो के सामने आने के बाद जहां विपक्षी दलों ने सरकार को घेरना शुरू किया तो वहीं, डीजीपी मुख्‍यालय ने भी इस पर जांच बैठा दी है। इस मामले की जांच कर तीन दिन के अंदर रिपोर्ट देने का आदेश दिया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ साल पहले सनबीम स्कूल के मालिक पर दुष्‍कर्म का केस दर्ज हुआ था। उस समय अनिरुद्ध कुमार वाराणसी में एएसपी चेतगंज थे। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस वीडियो के आधार पर उनका ट्रांसफर एएसपी इंटेलिजेंस में हुआ। इसके बाद उनकी पोस्टिंग एएसपी फतेहपुर हुई और वर्तमान में वह पुलिस अधीक्षक ग्रामीण के पद पर तैनात हैं।

विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा

उधर, इस वायरल वीडियो को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस की ओर ट्वीट करके यूपी सरकार को निशाने पर लिया जा रहा है।

UP News: घूस मांगने वाले वीडियो पर फंसे IPS अनिरुद्ध: DGP मुख्‍यालय ने बैठाई जांच, विपक्ष ने सरकार को घेरा

UP News: घूस मांगने वाले वीडियो पर फंसे IPS अनिरुद्ध: DGP मुख्‍यालय ने बैठाई जांच, विपक्ष ने सरकार को घेरा

मामले में डीजीपी मुख्यालय ने बैठाई जांच

इस मामले में डीजीपी मुख्यालय से जारी बयान में बताया गया कि 12 मार्च को मेरठ एसपी ग्रामीण के पद पर नियुक्त आईपीएस अधिकारी अनिरुद्ध सिंह का वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह किसी व्यक्ति से वीडियो कॉल के जरिए वार्तालाप करते हुए नजर आ रहे हैं। इस वीडियो के आधार पर उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे हैं। ये प्रकरण दो वर्ष पुराना है, लेकिन इसकी गंभीरता को देखते हुए पुलिस मुख्यालय द्वारा कमिश्नर वाराणसी से इस संबंध में जांच कर तीन दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी गई है।

2018 बैच के आईपीएस हैं

बता दें, अनिरुद्ध कुमार सिंह उत्तर प्रदेश कैडर के 2018 बैच के IPS अधिकारी हैं। उनकी पत्नी भी उत्‍तर प्रदेश में आईपीएस अधिकारी हैं। इस वायरल वीडियो को लेकर अनिरुद्ध कुमार ने कोई ऑफिशियल कमेंट करने से मना करते हुए कहा कि यह वसूली नहीं, बल्कि ट्रैप था।

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