उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले सुबह में राजनीतिक सरगर्मियां काफी तेज हो गई हैं। जहां एक तरफ राजनीतिक पार्टियों का गठबंधन का दौर जारी है वहीं बनते बिगड़ते राजनीतिक समीकरण के बीच उत्तर प्रदेश से खबर सामने आई है। बता दें कि आजाद समाज पार्टी के नेता चंद्रशेखर रावण ने साफ कर दिया है कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से गठबंधन नहीं होने जा रहे हैं। प्रेस वार्ता से पहले ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि चंद्रशेखर रावण अखिलेश यादव से गठबंधन को लेकर कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं।
आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए चंद्रशेखर रावण ने साफ कर दिया कि मेरी अखिलेश से पिछले 6 महीने से लगातार मुलाकाते हो रही हैं। लेकिन सकारात्मक नतीजे न मिलने के कारण मैं आप को साफ कर दो कि लगता है अखिलेश यादव को दलितों की जरूरत नहीं है इसलिए वह गठबंधन में दलित नेताओं को नहीं चाहते।
गठबंधन न करने के बाद चंद शेखर रावण ने ऐलान किया कि वह अब अकेले दम पर चुनाव लड़ेंगे जन शेखर रावण ने कहा कि मैं स्वाभिमान की लड़ाई लड़ता आया हूं और आगे भी लड़ता रहूंगा। इतना ही नहीं है समाजवादी पार्टी आरोप लगाया कि अखिलेश यादव हमेशा बहुजन समाज को अपमानित किया है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में 20 फीसद से अधिक दलित आबादी रहती हैं और यह समुदाय पश्चिमी यूपी की कई सीटों पर सीधा अपना प्रभाव रखते हैं। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में 85 सीटें दलितों के लिए आरक्षित हैं और इन्हें सीटों पर दलितों का अच्छा जनाधार भी है।