लखनऊ: उत्तर प्रदेश में दोबारा योगी सरकार बनने से पहले योगी कैबिनेट में शामिल होने वालों के चेहरों को लेकर चर्चाएं काफी तेज हो गई हैं। यह कयासबाजी तेज हो गई है कि योगी कैबिनेट में किन नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है। वहीं कई पूर्व मंत्री ऐसे भी हैं जो इसबार चुनाव हार गए है। योगी सरकार के ऐसे 11 मंत्री हैं, जिन्हें जनता ने इसबार नकार दिया है। इन चेहरों की भरपाई बीजेपी किन लोगों को कैबिनेट में शामिल करके करेगी इस पर चर्चा तेज हो गई है। वहीं मुख्यमंत्री आवास पर शनिवार को प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह और संगठन मंत्री सुनील बंसल ने नई कैबिनेट के चेहरों को लेकर मंथन किया है। यूपी विधानसभा चुनाव जीतने के बाद योगी आदित्यनाथ कल यानि रविवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा स मुलाकात करेंगे।
इन चेहरों को लेकर चर्चा तेज…..
स्वतंत्रदेव सिंह: इसबार डॉ. दिनेश शर्मा के चुनाव न लड़ने और केशव प्रसाद मौर्य के सिराथू सीट से चुनाव हारने की वजह से कैबिनेट में डिप्टी सीएम के दोनों पदों के लिए नामों की तलाश शुरू हो गई है। ऐसे में सबसे प्रबल और सशक्त दावेदार के रूप में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह का नाम सबसे आगे चल रहा है।
असीम अरुण: आईपीएस की नौकरी छोड़ राजनीति में उतरे पूर्व पुलिस कमिश्नर असीम अरुण को योगी सरकार की कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। असीम अरुण को बीजेपी ने कन्नौज सदर से चुनाव लड़ाया था और उनहोंने पहली ही बार में जीत दर्ज करने भगवा का परचम लहराया है। ऐसा माना जा रहा है बीजेपी उन्हें शानदार जीत का इनाम दे सकती है।
दयाशंकर सिंह: भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह को योगी की नई कैबिनेट में जगह मिल सकती है। उन्होंने बलिया सदर से जीत हासिल की है। बीजेपी ने इस बार उनकी पत्नी स्वाती सिंह का टिकट काटकर उन्हें बलिया से प्रत्याशी बनाया था। स्वाती सिंह योगी सरकार में मंत्री रह चुकी हैं।
शलभमणि त्रिपाठी: मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार शलभमणि त्रिपाठी को भी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। शलभमणि त्रिपार्ठी देवरिया से भारी मतों से जीत हासिल की है। शलभमणि त्रिपाठी जनहित के मुद्दों को लेकर काफी संवेदनशील रहते हैं। कोरोना काल में उन्होंने मरीजों की सहायता में अहम रोल निभाया था।
राजेश्वर सिंह: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) लखनऊ के संयुक्त निदेशक रहे राजेश्वर सिंह को योगी कैबिनेट में शामिल किए जाने की चर्चाएं काफी तेज हैं। बता दें कि राजेश्वर सिंह वीआरएस लेने के बाद भाजपा के टिकट पर लखनऊ की सरोजनीनगर से चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की। उनके बारे में यह भी चर्चा है कि उनकी पकड़ दिल्ली में भाजपा के बड़े नेताओं से भी है।
अदिति सिंह: रायबरेली से कांग्रेस की नींव को हिला देने वाली अदिती सिंह को भी योगी कैबिनेट में शामिल किए जाने की संभावना है। बता दें कि अदिती सिंह की वजह से बीजेपी रायबरेली सदर सीट पर कमल खिलाने में सफल हुई है।
नितिन अग्रवाल: पूर्व सपा विधायक एवं भाजपा की सहायता से विधानसभा उपाध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचने वाले हरदोई के नितिन अग्रवाल को भी योगी की नई कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। चुनाव में शानदार प्रदर्शन के चलते पार्टी में उनका कद बढ़ा है।