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सर्दियों में बढ़ सकता है अस्थमा अटैक का खतरा, इन चीजों से रखें खास ध्यान

हेल्थ डेस्क :  अस्थमा के  मरीजों के लिए ठंड के दिन बड़े ही तकलीफदेह होते हैं। सांस की नलियों का सिकुड़ना और वातावरण में प्रदूषण का बढ़ना, अस्थमा अटैक की आशंका को और बढ़ा देता है। ऐसे में सर्दियों में अस्थमा अटैक से बचने के लिए इ बातों को ध्यान में रखें-

अटैक आने पर क्या करें-

-बिना देर किए डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा लें। इन्हेलर का इस्तेमाल करें।
-सीधे खड़े हो जाएं या बैठ जाएं और लंबी सांस लें। पर, लेटें बिल्कुल नहीं।
-कपड़ों को ढीला कर लें, संभव हो तो आरामदायक कपड़े पहनें। शांत रहने का प्रयास करें।
-गर्म कैफीन युक्त ड्रिंक लें, जैसे कॉफी इससे एक या दो घंटों के लिए श्वास मार्ग थोड़ा खुल जाएगा।
-डॉक्टर से संपर्क करें। बिना देर किए नजदीक के अस्पताल में जाएं।

सलाह-

-दमा के मरीजों को हर साल फ्लू का इंजेक्शन लगाना चाहिए, जो श्वसन मार्ग के संक्रमण से सुरक्षा देता है। डॉक्टर द्वारा बताई दवाएं लेते रहें। उपचार में खुद से बदलाव न करें। इनहेलर व दवाएं हमेशा पास रखें।
-जिन चीजों से एलर्जी है, उनसे दूर रहें। प्रदूषित स्थानों पर जाने से बचें। ठंड में देर रात के समय और बहुत सुबह घर से बाहर न निकलें। बाहर निकलते समय खुद को ढक कर रहें और मास्क जरूर पहनें।
-खान-पान सही रखें। विटामिन डी व सी से युक्त चीजों का अधिक सेवन करें। घर का बना ताजा भोजन करें। सूप पिएं। लहसुन और अदरक खाएं। दर्द व सूजन को कम करनेवाले इनके गुण दमा में राहत देते हैं।
-श्वसन तंत्र मजबूत बनाने के लिए 10 मिनट प्रणायाम करें। नियमित योग करना फेपड़ों की क्षमता को बढ़ाता है। इससे श्वास रोकने की क्षमता बढ़ती है और रक्त संचरण बेहतर होता है। इसके साथ ही पैदल चलना भी काफी फायदेमंद रहता है। सुबह ही सैर करना जरूरी नहीं है। दोपहर का समय चुनें या घर के भीतर ही टहलें।
-ठंड में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। घर, बिस्तर, कालीन व तकियों पर धूल-मिट्टी जमा न होने दें। समय-समय पर साबुन और कुनकुने पानी से हाथ धोना कई तरह के संक्रमण से बचाता है।

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