Uttar Pradesh

यूपी में कोरोना की दूसरी लहर का असर 31 मई तक खत्म करने का लक्ष्य : सीएम योगी 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर का असर 31 मई तक खत्म करने का लक्ष्य हमने तय किया है। इसी के साथ जून में टीकाकरण का वृहद अभियान राज्य सरकार चलाएगी। मुख्यमंत्री शुक्रवार शाम को लखनऊ विकास प्राधिकरण के सभागार में लखनऊ मंडल के जिलों में कोविड दूसरी लहर से निपटने के लिए चल रहे प्रयासों की समीक्षा बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर के लिए भी हम अभी से तैयार हो रहे हैं। बच्चों को इससे बचाने के लिए पीडियाट्रिक्स आईसीयू के निर्माण की तैयारी युद्ध स्तर पर चल रही है। 

दस वर्ष से कम उम्र के माता-पिता को वैक्सीन का सुरक्षा कवच दिलाना लक्ष्य
तीसरी लहर से सभी को बचाने के लिए हमने टीकाकरण को वृहद अभियान के तौर पर चलाने का लक्ष्य रखा है। एक करोड़ 62 लाख से अधिक लोगों को टीका लग चुका है। इस सुरक्षा कवच के साथ-साथ यह भी व्यवस्था की जा रही है कि जो लोग शहर-गांव में लोग अस्पताल में जाने से परहेज कर रहे हैं। ऐसे में सभी जगह टीकाकरण चल रहा है, हमारा प्रयास है कि हम लोग 31 मई को कोरोना की दूसरी लहर को नियंत्रित करेंगे और जून में दोगुनी-तीन गुनी रफ्तार से टीकाकरण को आगे बढ़ाएंगे। ताकि तीसरी लहर में दस वर्ष से कम उम्र के बच्चों के माता-पिता को वैक्सीन उपलब्ध करवा सकें। इससे यदि कोई बच्चा संक्रमित होता है तो परिवार का कोई सदस्य उनके साथ रहकर देखभाल कर सकेगा।

तीसरी लहर से निपटने की युद्ध स्तर पर तैयारी
यदि पाजीटिविटी दर को देखें तो अकेले लखनऊ में 23 अप्रैल को 7100 से अधिक पॉजिटिव केस एक दिन में थे। आज की तारीख में यह संख्या सैकड़ा में यानी 200 के आसपास पहुंच गई है। दर की बात करें तो 20 के आसपास की पाजीटिविटी रेट अब 1.9 प्रतिशत के आसपास है। डब्ल्यूएचओ और नीति आयोग द्वारा तय रेट जो 5 के आसपास है, उससे भी काफी नीचे हैं हम। इस दौरान बेड्स की संख्या बढ़ाई गई। डीआरडीओ, एचएएल, चिकित्सा संस्थानों ने व्यापक पैमाने पर बेड्स बढ़ाए। तीसरी लहर के लिए हम अभी तैयार हो रहे हैं। बच्चों को इससे बचाने के लिए पीडियाट्रिक्स आईसीयू के निर्माण की तैयारी युद्ध स्तर पर चल रही है। 

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वर्तमान में अतिरिक्त आक्सीजन, भविष्य के संकट से निपटने की तैयारी
तीस से पचास गुना संक्रमण के कारण बीते दिनों अचानक से मरीजों की संख्या बढ़ गई थी। आक्सीजन का संकट आ गया था। भारत सरकार के सहयोग से आक्सीजन एक्सप्रेस चलाई गई। एयरफोर्स के माध्यम से आक्सीजन टैंकर भेजे गए। आक्सीजन की मांग के अनुसार पूर्ति की जा रही है। यानी हमारे पास इस वक्त अतिरिक्त आक्सीजन है। इसके अलावा भविष्य की जरूरों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न जिलों में 300 के आसपास प्लांट लगाने की कार्रवाई शुरू कर दी है। इनमें से अकेले 19 आक्सीजन प्लांट अकेले लखनऊ में प्रस्तावित हैं। 

जनता से अपील, हाई रिस्क वाले लोग घर से बाहर न निकलें
मुख्यमंत्री ने कहा कि लगातार जिलों का दौरा, समीक्षा बैठक जारी है। जिलों में वरिष्ठ अधिकारी, नोडल अफसर मौजूद हैं। सभी से 24 मई तक जिलों की रिपोर्ट मांगी गई है। यह टीम वर्क है, मेरी आपस सबसे अपील है कि पूरा देश करोना के खिलाफ लड़ रहा है। इस लड़ाई में जनता की जागरूकता की बहुत अहम भूमिका है। मास्क, दो गज की दूरी का नारा तो प्रधानमंत्री ने दिया था, साथ ही हाई रिस्क वाले व्यक्तियों से बाहर न निकलने की अपील की थी। इनमें बुजुर्ग, बच्चे, गर्भवती, किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीज, डायबिटिज मरीज या कमजोर इम्युनिटी वाले लोग शामिल हैं। इन्हें हर तरह की सावधानी रखनी होगी। इससे तीसरी लहर से भी बचेंगे। 

ब्लैक फंगस की एक नई चुनौती सामने आई है। जिन जनपदों में इसके मामले ज्यादा आए हैं, वहां पांच दिन पहले ही इसकी ट्रेनिंग करवा दी गई। गाइलडाइन जारी हो गई है। शासन स्तर पर दवा उपलब्ध कराने का प्रयास हो रहा है। इसके लिए केन्द्र बना दिए गए हैं। हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। सेकंड वेव में निगेटिव होने के बाद भी दिक्कतें बरकरार हैं, इसलिए हर जिले में पोस्ट कोविड वार्ड तैयार करने को कहा गया है।
 
टीकाकरण के लिए जागरूक करने की सभी से अपील
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड प्रोटोकाल का पालन करने और टीकाकरण के लिए जागरूक करें तो बहुत अच्छा होगा। देखने में आ रहा है कि लोग टीकाकरण से अभी भी हिचक रहे हैं। सरकार अपने स्तर पर काम कर रही है, सीएचसी को एक्टिव किया गया है। सरकार निशुल्क वैक्सीन के लिए संकल्पबद्ध है। 18-44 आयु वर्ग को राज्य सरकार और 45 से ऊपर वालों को केन्द्र सरकार निशुल्क टीका उपलब्ध कराएगी।

डब्ल्यूएचओ ने भी सराहा, सर्वाधिक टेस्ट करने वाला राज्य बने
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक समय देश के अंदर पाजिटिविटी रेट एकदम से बढ़ गया था। विशेषज्ञों ने आशंका जताई थी कि सबसे बड़ा हॉटस्पाट यूपी बनेगा। 25 अप्रैल से 10 मई के बीच के लिए आशंका जताई गई थी कि कोरोना के एक लाख पाजीटिव केस यूपी में आएंगे। व्यवस्था अस्त व्यस्त हो जाएगी। उत्तर प्रदेश ने भारत सरकार के सहयोग से कोरोना प्रबंधन को बेहतर तरीके से किया। हमारी निगरानी समिति द्वारा की जा रही स्क्रीनिंग, आरटी टीम द्वारा की जा रही टेस्टिंग, आरटीपीसीआर टेस्ट की क्षमता को कई गुना करने की हमारी कार्रवाई को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी सराहा है। उत्तर प्रदेश वर्तमान में सर्वाधिक टेस्ट करने वाला राज्य है। 4 करोड़ 62 लाख से अधिक टेस्ट हो चुके हैं। 

उन्होंने कहा कि निगरानी समितियां स्क्रीनिंग कर रही हैं, मेडिकल किट बांट रहीं, टेस्ट कर रही हैं। इसी के सार्थक परिणाम सामने आए हैं। जैसा कि आशंका जताई गई थी कि हर दिन एक लाख केस आएंगे, हम लोगों ने 24 अप्रैल तक केस को 38 हजार तक सीमित रखा। इसके बाद से लगातार पाजीटिव केस में कमी आई। शुक्रवार की बात करें तो सात हजार सात सौ पाजीटिव केस प्रदेश में आए। मृत्यु दर न्यूनतम स्तर यानी एक प्रतिशत के आसपास है। 

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