
दिल्ली : टेरर फंडिंग के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। आए दिन कभी मदरसों तो कभी किसी संस्थान से टेरर फंडिंग की खबरें सामने आती है।
वहीं अब इन टेरर फंडिंग पर रोक लगाने के लिए विभिन्न देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच तालमेल बढ़ाने के लिए दिल्ली में पहली बार दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ‘नो मनी फॉर टेरर’ का आयोजन किया जाएगा। एनआईए की देखरेख में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन के लिए 18 और 19 नवंबर की तारीख तय की गयी है। इस सम्मेलन में 75 देशों के शिरकत करने की संभावना है।
पीएम मोदी ने सम्बोधन में कही ये बात
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा की, ”हमारे देश ने आतंक की विभीषिका का सामना दुनिया के गंभीरता से लेने से बहुत पहले से किया है। दशकों से अलग-अलग रूपों में आतंकवाद ने भारत को चोट पहुंचाने की कोशिश की जिसकी वजह से हमने हजारों कीमती जानें गंवाईं। लेकिन हमने आतंकवाद का बहादुरी से मुकाबला किया। ”
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इसके आगे बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा की, ”आतंकवाद का दीर्घकालिक प्रभाव गरीबों और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर होता है,चाहे फिर वह पर्यटन हो या व्यापार। कोई भी उस इलाके को पसंद नहीं करता जहां लगातार खतरा बना रहता है। इसकी वजह से वहां के लोगों की आजीविका पर भी असर पड़ता है। इसलिए यह अहम है कि हम आतंवाद की जड़ों पर हमला करें। यह महत्वपूर्ण है कि हम संयुक्त रूप से कट्टरवाद और उग्रवाद की समस्या का समाधान करें। कट्टरवाद का समर्थन करने वाले का किसी भी देश में कोई स्थान नहीं होना चाहिए । ”