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Corona virus: जानिए क्‍यों खतरनाक है कोरोना वायरस, क्‍यों पड़ा नाम, कैसे बचें इससे

Corona virus:कोरोना वायरस को लेकर दुनियाभर में चिंता बढ़ रही हैं। जापान और जर्मनी में को पहली बार इस विषाणु के मानव से मानव में फैलने की जानकारी मिली थी। इसके बाद भारत में भी इसके केरल से एक मामला सामने आया। ऐसे में एशियन देश इस बीमारी को लेकर सचेत होते दिख रहे हैं। कोरोना वायरस से जुड़ी ऐसी कई बातें हैं, जिनकी जानकारी होना बहुत जरूरी है-
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कोरोना वायरस की कैसे हुई उत्पत्ति 
आमतौर पर सभी के मन में यह ख्याल आया होगा कि यह खतरनाक वायरस कहां से आया। मेडिकल रिपोर्ट्स के अनुसार Corona virus कुछ खास प्रजातियों के जानवरों में पाया जानेवाला वायरस है। इनमें सांप और चमगादड़ जैसे जीव शामिल हैं। जब यह वायरस इंसानों में पहुंचा, तो इसने अपने आप को इस तरह विकसित कर लिया कि यह इंसानों में भी जीवित रह पाए यानी इंसानी शरीर में भी ठीक तरीके से पनप सके। इसका यही बदला हुआ मेडिकल एक्सपर्ट्स के सामने चैलेंज बना हुआ है।

इस वायरस का नाम क्यों पड़ा कोरोना
कोई भी समझदार इंसान यह बात को जरूर जानना चाहेगा कि आखिर इस वायरस का नाम कोरोना क्यों पड़ा? दरअसल, जब सूर्य को ग्रहण लगता है यानी सूर्य ग्रहण के वक्त जब पृथ्वी सूर्य को पूरी तरह ढक देती है तो गोले के रूप में सूरज दिखना तो बंद हो जाता है लेकिन उसकी किरणों द्वारा हर तरफ फैल रही रोशनी दिखाई पड़ती है, जो तेजी से कहीं ब्रह्मांड में विलुप्त होती हुई दिखती है। इसे इस तरह भी समझा जा सकता है कि यह सूरजमुखी के फूल की तरह की संरचना बन जाती है। जो बीच से काली होती है और इसके वृत्त के चारों तरफ नर्म किरणों का प्रकाश फैल रहा होता है, जैसे सूरजमुखी की पंखुड़ियां होती हैं। पृथ्वी की छाया के चारों तरफ फैल रही सूर्य की इस रोशनी को कोरोना कहा जाता है। इसी कारण इस वायरस का नाम कोरोना दिया गया क्योंकि इसकी बनावट कोरोना जैसी ही है। दरअसल, यह वायरस गोल है और इसकी सतह पर पृथ्वी के कोरोना की तरह प्रोटीन की स्टेन्स यानी शाखाएं उगी हुई हैं। जो हर दिशा में फैलती हुई महसूस होती हैं।

कोरोनो वायरस क्या है
वायरसों का एक बड़ा समूह है कोरोना जो जानवरों में आम है। अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीएस) के अनुसार, कोरोना वायरस जानवरों से मनुष्यों तक पहुंच जाता है। अब एक नया चीनी कोरोनो वायरस, सार्स वायरस की तरह है जिसने सैकड़ों को संक्रमित किया है। हांगकांग विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के वायरोलॉजिस्ट लियो पून, जिन्होंने पहले इस वायरस को डिकोड किया था, उन्हें लगता है कि यह संभवतः एक जानवर में शुरू हुआ और मनुष्यों में फैल गया।
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चीन के वुहान से निकला वायरस सार्स जैसा खतरनाक
वैज्ञानिक लियो पून के मुताबिक, “हमें पता है कि यह निमोनिया का कारण बनता है और फिर एंटीबायोटिक उपचार का जवाब नहीं देता है, जो आश्चर्यजनक नहीं है। फिर मृत्यु दर के मामले में SARS 10 फीसदी व्यक्तियों को मारता है, यह स्पष्ट नहीं है कि वुहान कोरोना वायरस कितना घातक होगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सभी देशों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं कि वे कैसे इससे निपटने की तैयारी कर सकते हैं, जिसमें बीमार लोगों की निगरानी कैसे की जाए और मरीजों का इलाज कैसे किया जाए। कुछ महत्वपूर्ण बातें जो आपको एक कोरोनो वायरस के बारे में पता होनी चाहिए –

कोरोना वायरस के असर के लक्षण
वायरस लोगों को बीमार कर सकते हैं, आम तौर पर श्वसन तंत्र की बीमारी के साथ या एक आम सर्दी के समान। कोरोना वायरस के लक्षणों में नाक बहना, खांसी, गले में खराश, कभी-कभी सिरदर्द और शायद बुखार शामिल है, जो कुछ दिनों तक रह सकता है। कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों यानी जिनकी रोगों से लड़ने की ताकत कम है ऐसे लोगों के लिए यह घातक है। बुजुर्ग और बच्चे इसके आसान शिकार हैं।

MERS और SARS कोरोना वायरस के रूप
मध्य पूर्व श्वसन सिंड्रोम, जिसे एमईआरएस (MERS) वायरस के रूप में भी जाना जाता है का हमला पहली बार 2012 में मध्य पूर्व देशों में देखा गया था। इससे श्वसन संबंधी समस्याएं  होती हैं, लेकिन लक्षण बहुत अधिक गंभीर होते हैं। MERS से संक्रमित हर 10 में से तीन से चार रोगियों की मृत्यु हो गई थी। गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम, जिसे सार्स (Severe Acute Respiratory Syndrome या SARS) के रूप में भी जाना जाता है, एक अन्य किस्म का कोरोना वायरस है जो अधिक गंभीर लक्षण पैदा कर सकता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, दक्षिणी चीन के गुआंगडोंग प्रांत में पहली बार इसकी पहचान की गई थी। यह भी सांस संबंधी समस्याओं का कारण बनता है, लेकिन इसके कारण दस्त, थकान, सांस की तकलीफ, श्वसन संकट और गुर्दे की विफलता भी हो सकती है। रोगी की उम्र के आधार पर, सार्स के साथ मृत्यु दर 0-50% मामलों में थी।
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कोरोना वायरस कैसे फैलता है
कोरोना वायरस जानवरों के साथ मानव संपर्क से फैल सकता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, वैज्ञानिकों को लगता है कि MERS ने ऊंटों से निकल कर संक्रमित किया था, जबकि सार्स के प्रसार के लिए सिवेट बिल्लियों को दोषी ठहराया गया था। जब वायरस के मानव-से-मानव संचरण की बात आती है, तो अक्सर ऐसा तब होता है जब कोई व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति के स्राव के संपर्क में आता है। वायरस कितना वायरल है, इसके आधार पर खांसी, छींक या हाथ मिलाना जोखिम का कारण बन सकता है। किसी संक्रमित व्यक्ति के छूने और फिर अपने मुंह, नाक या आंखों को छूने से भी वायरस का संक्रमण हो सकता है।

कोरोना वायरस के संक्रमण का उपचार
इसका कोई विशिष्ट उपचार नहीं है। ज्यादातर समय, लक्षण अपने आप ही चले जाएंगे। डॉक्टर दर्द या बुखार की दवा से लक्षणों में राहत दे सकते हैं। कमरे में ह्यूमिडिफायर या गर्म पानी से नहाना गले में खराश या खांसी के साथ मदद कर सकता है। मरीजों को सलाह दी जाती है कि खूब सारे तरल पदार्थ पिएं, आराम करें और जितना हो सके सोएं। यदि लक्षण आम सर्दी से बदतर महसूस होते हैं, तो अपने डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

आप इसे कैसे रोक सकते हैं
कोरोना वायरस से बचने के लिए कम से कम अभी तक कोई टीका नहीं है। MERS वैक्सीन के लिए परीक्षण चल रहे हैं। आप बीमार लोगों से दूरी रह कर संक्रमण के अपने जोखिम को कम कर सकते हैं। अपनी आंखों, नाक और मुंह को छूने से बचने की कोशिश करें। अपने हाथों को अक्सर साबुन और पानी से अच्छी तरह कम से कम 20 सेकंड तक धोएं। यदि आप बीमार हैं, तो घर पर रहें और भीड़ से बचें व दूसरों से संपर्क न करें। जब आप खांसते या छींकते हैं, तो अपने मुंह और नाक को ढक लें और आपके द्वारा स्पर्श की जाने वाली वस्तुओं और सतहों को कीटाणुरहित कर दें। 2014 के एक अध्ययन से पता चला है कि गर्भवती महिलाओं में, MERS और SARS या कोरोना वायरस का अधिक गंभीर असर हो सकता है।

कोरोनावायरस और बिल्ली, कुत्ते और अन्य जानवर
पालतू जानवर कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। 2011 के अध्ययन के अनुसार, बिल्लियों में संक्रामक पेरिटोनिटिस हो सकता है और एक पैंट्रोपिक कैनाइन कोरोना वायरस बिल्लियों और कुत्तों को संक्रमित कर सकता है।

दुनिया भर में अब तक 1775 मरे, संक्रमित लोगों की संख्या 71 हजार के पार 
चीन में कोरोना की वजह से मरने वालों की संख्या 1,770 पर पहुंच गई। रविवार को यहां कोरोना ने 105 लोगों को निगल लिया। इसके अलावा 2,048 नए मामलों की पुष्टि होने से कुल संक्रमित लोगों की संख्या 70, 548 हो गई है। चीन से बाहर 500 से अधिक लोगों के संक्रमित होने के मामलों की पुष्टि हो चुकी है और पांच लोग इसके शिकार बन चुके हैं।

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