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सपा का पैदल मार्च फेल ! धरने पर बैठे अखिलेश

पुलिस प्रशासन की तरफ से सपा के इस पैदल मार्च सपा कार्यालय से लगभग 200 मीटर की दूरी पर ही रोक दिया गया।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र की आज से से शुरुआत हो गई है। प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल यानी समाजवादी पार्टी की तरफ सत्र के पहले दिन ही अपना शक्ति प्रदर्शन दिखाने की कोशिश की गई। सपा प्रमुख और नेता विरोधी दल अखिलेश यादव के नेतृत्व ने सपा विधायकों ने आज विधानसभा तक पैदल मार्च निकालने की कोशिश की। हालांकि, पुलिस प्रशासन की तरफ से सपा के इस पैदल मार्च सपा कार्यालय से लगभग 200 मीटर की दूरी पर ही रोक दिया गया।

नहीं मांगीं गई थी अनुमति: जेसीपी लॉ एंड आर्डर

जॉइंट कमिश्नर ऑफ़ पुलिस लॉ एंड आर्डर पियूष मोर्डिया ने बताया कि समाजवादी पार्टी की तरफ से पैदल मार्च की न तो अनुमति मांगी गई और न ही कोई सूचना दी गई थी। लखनऊ कमिश्नरेट की तरफ से एक मार्ग निर्धारित किया गया था जिसका रूट बंदरियाबाग चौराहे से लाल बत्ती होते हुए विधान भवन गेट न सात से प्रवेश कर सकते हैं। इस रूट की जानकारी भी दी गई थी। हालांकि, सपाइयों की तरफ से इस रूट को फॉलो नहीं करने की बात कही गई और वे राजभवन से होते हुए जाने की जिद पर अड़े रहे। लखनऊ कमिश्नरेट की तरफ से बरिगेडिंग कर दी गई।

धरने पर बैठ गए अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के पैदल मार्च को अनुमति न मिलने पर अखिलेश यादव सड़क पर भी धरने पर बैठ गए। इस दौरान उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश की जनता ने भाजपा को दोबारा मौका दिया है। लेकिन सरकार को जनता की तकलीफ न दिखाई दे रही और न ही सुनाई दे रही है। किसानों को राहत नहीं दी जा रही है, बड़े पैमाने पर जानवर बीमारी से मर रहे हैं। महंगाई बढ़ रही है। कानून व्यवस्था ध्वस्त है, भ्रष्टाचार चरम पर है। दूध, दही, पनीर पर जीएसटी लगाया गया है, खाने-पीने की चीजें लगातार महंगी हो रही है। भाजपा ने सपने दिखाए थे वह सब फेल होते नजर आ रहे हैं। बड़े पैमाने पर बेरोजगारी बढ़ी है।

अखिलेश यादव ने कहा कि हम सदन में जनता के ही मुद्दों को उठाने के लिए जा रहे थे लेकिन भाजपा सरकार इन मुद्दों को फेस नहीं करना चाहती है। लोकतंत्र को बचाने के लिए समाजवादी पार्टी इसी तरह से संघर्ष करती रहेगी।

 

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