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सुरक्षा में चूक:  ADGP ने पंजाब सरकार व पुलिस को लेकर किया नया खुलासा

पंजाब में प्रधानमंत्री मोदी की फिरोजपुर रैली को रद्द करने का मामला लगातार गर्माता जा रहा है। अब इस मामले में चन्नी सरकार भी शामिल है। दरअसल, राज्य के एडीजीपी कानून-व्यवस्था ने चन्नी सरकार को किसानों के बांध आंदोलन से तीन बार आड़े आने की चेतावनी दी थी। पुलिस को डायवर्जन प्लान तैयार करने को कहा गया है।

निर्देश 1 जनवरी, 3 और 4 जनवरी को भेजे गए, लेकिन किसी ने उन्हें गंभीरता से नहीं लिया, जिसके चलते प्रधानमंत्री मोदी का काफिला हुसैनीवाला के पास फ्लाईओवर पर 15 मिनट तक फंसा रहा और फिरोजपुर रैली को रद्द करना पड़ा। इसे पीएम मोदी की सुरक्षा में बड़ी खामी बताया जा रहा है।

एडीजीपी ने एक जनवरी को सुरक्षा ज्ञापन जारी कर उन्नत मार्ग व्यवस्था की योजना बनाने को कहा था। चूंकि 5 जनवरी को बारिश होने की संभावना है, इसलिए सीएम और अन्य वीआईपी सड़क मार्ग से आ सकते हैं। खासकर चंडीगढ़ से फिरोजपुर सेक्टर का इस्तेमाल किया जा सकता है। 3 जनवरी को जारी किए गए मेमो में कहा गया है कि फिरोजपुर में गन्ने के खेत, नहरें और नहरें हैं। यहां पुलिस कवरेज पर भी विचार किया जाना चाहिए। प्रदर्शनकारियों से कहा गया कि वे इस बात का भी ध्यान रखें कि रैली में कोई बाधा न आए। इसके अलावा राजपत्रित अधिकारियों को राष्ट्रविरोधी तत्वों, टिफिन बम, ग्रेनेड, आईईडी की तस्वीरें भी देने को कहा ताकि वे अपने कर्मचारियों को दिखा सकें।

एडीजीपी ने चार जनवरी को जारी ज्ञापन में किसानों की गतिविधियों पर पैनी नजर रखने के निर्देश दिए थे। उन्हें किसी भी तरह से फिरोजपुर विधानसभा को बाधित नहीं करने दिया जाना चाहिए। यह भी कहा गया था कि बांध की आवाजाही में रुकावटें आ सकती हैं। इसलिए ट्रैफिक डायवर्ट करने के लिए जरूरी प्लान पहले से बना लें। वहीं सीएम चन्नी कहना चाहते थे कि इस मामले में पीएम मोदी को विमान से जाना पड़ा। अचानक उसने सड़क लेने का फैसला किया। हालांकि, अब सवाल यह उठता है कि 3 वैकल्पिक मार्ग बनाने के संकेत को उनके ही अधिकारी ने क्यों नजरअंदाज कर दिया।

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