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रविंद्र जडेजा ने पत्‍नी के लिए दिखाई सियासी सक्रियता, जानिए जो क्रिकेटर्स से बन गए राजनेता

रविंद्र जडेजा की बहन नैना जडेजा और पिता अनिरुद्ध सिंह जडेजा कांग्रेस से जुड़े हुए हैं और पूरी तरह से सक्रिय भी हैं।

गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण में गुरुवार को राज्‍य की 89 सीटों पर मतदान जारी है। भारतीय क्रिकेटर रविंद्र जडेजा और उनकी पत्‍नी भारतीय जनता पार्टी से प्रत्याशी रीवाबा जडेजा ने भी मतदान किया। जडेजा अपनी पत्‍नी के सपोर्ट में खुलकर सियासी मैदान में हैं। उन्होंने रीवाबा के लिए जमकर प्रचार-प्रसार भी किया है। 2019 में बीजेपी ज्‍वॉइन करने वाली रीवाबा जडेजा को पार्टी ने इस चुनाव में जामनगर उत्तर सीट से टिकट दिया है। वहीं, रविंद्र जडेजा की बहन नैना जडेजा और पिता अनिरुद्ध सिंह जडेजा कांग्रेस से जुड़े हुए हैं और पूरी तरह से सक्रिय भी हैं।

टीम इंडिया के स्‍टार ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा की राजनीतिक सक्रियता देखते हुए मन में ये सवाल भी उठता है कि आखिर क्रिकेट खेल से सन्‍यास लेने के बाद कंमेंटेटर या कोच बनने वाले खिलाड़ियों में कितने खिलाड़ी ऐसे हैं, जो सियासी मैदान पर अपनी पारी खेलने के लिए उतरे हैं। आज हम आपको 12 ऐसे भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे, जो क्रिकेट जगत को अलविदा कहने के बाद नेता बन गए।

मंसूर अली खान पटौदी

टाइगर’ के नाम से मशहूर मंसूर अली खान पटौदी सिर्फ 21 साल की उम्र में भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान बन गए थे। पटौदी के नौवे नवाब ने क्रिकेट में जलवे बिखेरने के बाद राजनीति में भी हाथ आजमाया। उन्होंने सन् 1971 में पटौदी स्टेट (गुड़गांव) से विधानसभा का पहला चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 22 सितंबर, 2011 को इनका निधन हो गया।

चेतन चौहान

भारत के लिए 40 टेस्‍ट, सात एकदिवसीय मैच और 179 प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच खेलने वाले क्रिकेटर चेतन चौहान ने सन् 1985 के बाद राजनीति की तरफ रुख किया और भारतीय जनता पार्टी ज्‍वॉइन की। वह बीजेपी के टिकट पर यूपी की अमरोहा सीट से सन् 1991 और 1998 में लोकसभा चुनाव लड़े और जीत हासिल की। यूपी सरकार में मंत्री रहे चेतन चौहान का 16 अगस्‍त, 2020 को निधन हो गया था।

कीर्ति आजाद

राजनीति के क्षेत्र में पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद का बड़ा नाम है। सन् 1983 में टीम इंडिया ने पहली बार वर्ल्ड कप जीता था, जिस टीम का हिस्सा थे कीर्ति। सात टेस्ट और 25 एकदिवसीय मैच खेलने वाले कीर्ति आजाद ने सन् 1993 में दिल्‍ली विधानसभा चुनाव जीता और विधायक बन गए। भाजपा से कांग्रेस और कांग्रेस से टीएमसी में शामिल होने वाले कीर्ति आजाद लगातार राजनीति में सक्रिय हैं। बता दें कि इनके पिता भागवत झा आजाद बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

नवजोत सिंह सिद्धू

क्रिकेटर्स से राजनेता बनने वाली लिस्ट में नवजोत सिंह सिद्धू भी एक बड़ा नाम है। सन् 1983 से 1999 तक वे क्रिकेट के मंजे हुए खिलाड़ी रहे और इस दौरान उन्‍होंने 51 टेस्‍ट, 136 वनडे, 157 प्रथम श्रेणी व 205 ‘ए’ श्रेणी क्रिकेट मैच खेले। इसके बाद क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद वह भारतीय जनता पार्टी से राजनीति के मैदान में आ गए। सिद्धू ने वर्ष 2004 और 2009 में भाजपा के टिकट से अमृतसर से लोकसभा चुनाव जीता। लेकिन, फिर वह 2016 में बीजेपी छोड़कर वर्ष 2017 कांग्रेस में शामिल हो गए और उन्‍हें पर्यटन और सांस्कृतिक मामलों का मंत्री बनाया गया। फिलहाल, नवजोत सिंह सिद्धू रोडेरेज केस में पटियाला जेल में एक साल की सजा काट रहे हैं।

मोहम्‍मद अजहरुद्दीन

कलाई के जादूगर कहे जाने वाले पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्‍मद अजहरुद्दीन के नाम 99 टेस्ट में 22 और 334 एकदिवसीय मैच में सात शतक हैं। उन्‍होंने भी क्रिकेट के बाद राजनीति का राह चुनी। अजहरुद्दीन 19 फरवरी, 2009 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए। उसी साल कांग्रेस से उन्‍होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले से चुनाव लड़ा और जीत हासिल कर लोकसभा सांसद बने।

विनोद कांबली

भारत के लिए 17 टेस्‍ट, 104  वनडे, 129 प्रथम श्रेणी और 221 एलाइट समूह मैच खेलने वाले पूर्व क्रिकेटर विनोद कांबली को तो वैसे सभी लोग जानते हैं। सन् 2000 में क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद उन्‍होंने फिल्मों का रुख किया और कई फिल्‍मों में काम किया। फिल्मी करियर फ्लॉप होने के बाद विनोद कांबली ने राजनीति में भी हाथ आजमाया। वे लोक भारती पार्टी के सदस्य रहे। वर्ष 2009 के महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव में कांबली विखरोली से उम्‍मीदवार के रूप में खड़े हुए, लेकिन इस मोर्चे पर भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी।

सचिन तेंदुलकर

क्रिकेट का भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर के नाम 200 टेस्ट मैच, 463 वनडे, एक टी-20 इंटरनेशनल और 78 आईपीएल मैच खेलने का रिकॉर्ड है। देश के सर्वोच्‍च नागरिक सम्‍मान ‘भारत रत्‍न’ से सम्‍मानित सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट के बाद राजनीति के क्षेत्र में भी अपनी पारी की शुरुआत की। अप्रैल, 2012 में सचिन ने राज्यसभा की सदस्यता ली और मई में राज्यसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली। फिलहाल, सचिन तेंदुलकर क्रिकेट जगत में ही सक्रिय हैं।

मोहम्मद कैफ

इस लिस्ट में अगला नाम है मोहम्मद कैफ का। टीम इंडिया के 13 टेस्‍ट, 125 वनडे और  29 आईपीएल मैच खेलने वाले कैफ ने कांग्रेस से अपनी राजनीति की शुरुआत की। इन्होंने वर्ष 2014 में यूपी की फूलपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन सफलता हाथ नहीं आई थी। इसके बाद वर्ष 2017 में उन्होंने राजनीति को अलविदा कह दिया था।

एस श्रीसंत

दाहिने हाथ के तेज गेंदबाज शान्ताकुमारन (एस) श्रीसंत ने टीम इंडिया के लिए 27 टेस्ट मैच में 87 विकेट, 53 वनडे में 75 विकेट और 10 टी-20 इंटरनेशनल में सात विकेट लिए। वहीं, 44 आईपीएल मैचों में उनके नाम 40 विकेट हैं। आईपीएल फिक्सिंग की वजह से समय से पहले खत्म होने वाले क्रिकेट करियर के बाद श्रीसंत ने रियालिटी शो में डांस किया। इसके बाद वर्ष मार्च, 2016 में राजनीति में आने का फैसला किया और भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए। उन्होंने केरल विधानसभा चुनाव में तिरुवनंतपुरम से चुनाव लड़ा, लेकिन उन्‍हें जीत नहीं मिली।

गौतम गंभीर

58 टेस्‍ट, 147 वनडे, 37 टी-20 इंटरनेशनल और 154 आईपीएल मैच खेलने वाले बायें हाथ के सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर भी क्रिकेट की पिच से संन्यास लेने के बाद राजनीति के मैदान उतरे। 22 मार्च, 2019 को वह भाजपा में शामिल हो गए। लोकसभा चुनाव 2019 में पूर्वी दिल्ली से बीजेपी के टिकट पर उन्‍होंने चुनाव लड़ा और आतिशी मरलेना को हराकर शानदार जीत हासिल की।

मनोज तिवारी

भारतीय क्रिकेट टीम में मनोज तिवारी ज्यादा सफल नहीं रहे थे। उन्‍होंने भारत के लिए 12 वनडे और तीन टी-20 मैच खेले हैं, जबकि 125 प्रथम श्रेणी मैच और आईपीएल में भी दम दिखाते नजर आए थे। लेकिन, राजनीति में उनका करियर काफी शानदार चल रहा है। फरवरी, 2021 में मनोज तिवारी ममता बनर्जी की अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। इसी वर्ष विधानसभा चुनाव में शिबपुर सीट से उन्हें उम्मीदवार बनाया गया और उन्‍होंने जीत हासिल की। वर्तमान में वह बंगाल सरकार में खेल और युवा मामलों के राज्य मंत्री हैं।

हरभजन सिंह

टीम इंडिया के लिए हरभजन सिंह ने 103 टेस्ट मैच, 236 वनडे और 28 टी-20 मैच खेले हैं और सबसे सफल गेंदबाजों में से एक हैं। वह हाल ही में आम आदमी पार्टी से राजनीति में आए हैं। हरभजन सिंह ने 18 जुलाई, 2022 को ही AAP की ओर से राज्यसभा मेंबर के रूप में शपथ ली।

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