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मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष ने उठाए 11 मुद्दे, कांग्रेस समेत 19 दल करेंगे देशव्यापी प्रदर्शन

नई दिल्ली : महंगाई, किसान आंदोलन और पेगासस जासूसी मामले समेत कई मुद्दों को लेकर कांग्रेस मोदी सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस के नेतृत्व में 19 दलों ने 11 सूत्रीय मांगे रखी हैं और सरकार के खिलाफ 20 से 30 सितंबर तक पूरे देश में प्रदर्शन का ऐलान किया है।

इस मसले को लेकर कांग्रेस की कार्यवाहक अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वर्चुअल मीटिंग की। बैठक के बाद विपक्षी दलों के नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी किया है। इन नेताओं ने केंद्र सरकार से पेगासस मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच कराे, तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने, महंगाई पर अंकुश लगाने और जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की है।

संयुक्त बयान में कहा गया है कि हम सत्तारूढ़ पार्टी के उस रवैये की निंदा करते हैं। जिस तरह पार्टी ने मॉनसून सत्र में परेशानियां उत्पन्न की, पेगासस स्पाईवेयर के इस्तेमाल पर चर्चा कराने या जवाब देने से इनकार किया, कृषि विरोधी कानूनों को निरस्त करने की मांग, कोरोना महामारी के मिसमैनेजमेंट, और महंगाई बेरोजगारी पर चर्चा नहीं कराई गई। सरकार की ओर से इन मुद्दों के साथ जनता को प्रभावित करने वाले कई दूसे मुद्दों पर जानबूझकर चर्चा नहीं की गई।

मॉनसून सत्र के आखिरी दिन राज्यसभा में हुए हंगामे का जिक्र करते हुए इन दलों ने दावा किया कि हमारे विरोध को रोकने के लिए मार्शलों की तैनाती कर कुछ महिला सांसदों और कई सांसदों को चोटिल किया गया। सांसदों को सदन के अंदर अपनी बात रखने से रोका गया।

पीएम मोदी के स्वतंत्रता दिवस भाषण का जिक्र करते हुए आगे कहा किया कि पीएम ने अपने भाषण में लोगों की समस्या और उनके दर्द से जुड़े एक भी मुद्दे पर बात नहीं की। उनका भाषण सिर्फ बयानबाजी था। विपक्ष ने कहा कि असल में यह पिछले दो सालों के भाषणों को ही नए तरीके से पेश किया गया है।

कोरोना संकट पर मिसमैनेजमेंट का आरोप लगाते हुए कहा गया कि सरकारी स्तर पर व्यापक कुप्रबंधन के कारण जनता को भारी दुख दर्दों से गुजरना पड़ा। सरकार ने संक्रमण और मौत के आंकड़ों को भी कम करके बताया।

टीकाकरण को लेकर विपक्ष की तरफ से कहा गया कि, अभी तक देश के 11.3 प्रतिशत व्यस्कों को ही कोरोना का टीका लगा है। अगर इसी रफ्तार से यह चला तो साल के अंत तक लक्ष्य हासिल करना असंभव है। विपक्षी दलों ने यह आरोप भी लगाया कि टीकाकरण की धीमी गति की असली वजह टीकों की कमी है।

इसके अलावा विपक्ष ने भारतीय अर्थव्यवस्था की बर्बादी, बेरोजगारी और गरीबी समेत कई अन्य मुद्दों का जिक्र भी किया। विपक्ष का कहना है कि सरकार की वजह से लोगों का जीना मुश्किल हो चुका है। इसके साथ ही विपक्ष ने किसान आंदोलन, पेगासिस जासूसी, राष्ट्रीय संपत्तियों के निजीकरण जैसे दूसरे मुद्दों पर भी हमला बोला।

विपक्षी पार्टियों की तरफ से कहा गया कि कुल 11 मुद्दों को लेकर हम 20 से 30 सितंबर के बीच पूरे देश में केंद्र सरकार का विरोध करेंगी। सभी विपक्षी दलों की राज्य इकाइयां विरोध प्रदर्शनों के आयोजन की रूपरेखा तैयार करेंगी।

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