पारले एग्रो ने डेयरी उद्योग में की एंट्री, उतारे दो फ्लेवर्ड प्रोडक्ट
पारले एग्रो भारत में ब्रांडेड फ्लेवर्ड मिल्क बाजार को मौजूदा 800 करोड़ रुपए से बढ़ाकर अगले चार साल में 5,000 करोड़ रुपए करने की तैयारी कर रही है।
मार्केट में आज ढेरों ब्रांड और प्रोडक्ट मौजूद हैं। कुछ तो लोगों को खूब पसंद आते हैं। वहीं कुछ पर धूल जमी रहती है। लेकिन कुछ का नाम ही प्रोडक्ट की क्वालिटी को बता देता है। पारले एग्रो के प्रोडक्ट्स लोगों को काफी पसंद आते हैं। नाम से ही लोग दौड़े चले आते हैं। अब वह डेयरी क्षेत्र में भी प्रवेश कर चुके हैं। इस कंपनी ने घरेलू पेय पदार्थ कंपनी पारले एग्रो ने बुधवार को ‘स्मूद’ ब्रांड नाम के अंतर्गत फ्लेवर्ड दुग्ध उत्पादों को बाजार में उतारा है।
पारले एग्रो कंपनी ने कहा कि इस विविधीकरण के साथ गहन शोध और आधुनिक और नयी तकनीकों में व्यापक निवेश हुआ है, ताकि एक मजबूत डेयरी बुनियादी संरचना का निर्माण किया जा सके। साथ ही भारतीय उपभोक्ताओं के लिए नए उत्पाद पेश किए जा सकें। इसके साथ पारले एग्रो भारत में ब्रांडेड फ्लेवर्ड मिल्क बाजार को मौजूदा 800 करोड़ रुपए से बढ़ाकर अगले चार साल में 5,000 करोड़ रुपए करने की तैयारी कर रही है।
स्मूद दो विकल्पों में उपलब्ध है, चॉकलेट मिल्क और टॉफी कारमेल, जिसका लक्ष्य सभी आयु वर्ग के उपभोक्ता हैं। इस कंपनी की संयुक्त प्रबंध निदेशक और मुख्य विपणन अधिकारी नादिया चौहान ने इस बारे में कहा कि इस अविश्वसनीय उत्पाद को विकसित करने में समर्पित अनुसंधान एवं विकास में वर्षों का समय लगा है। सभी पारले एग्रो उत्पादों की तरह वह उपभोक्ताओं के बेहतरीन अनुभव के लिए बाजार में इसे पेश करने को लेकर बेहद खुश हैं।
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