Lifestyle

Mustard Oil: सरसों के तेल से हो सकते हैं ये 6 गंभीर नुकसान!

भारत में अक्सर खानों में सरसों के तेल (Mustard Oil) के इस्तेमाल पर ज्यादा ज़ोर दिया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि सरसों का तेल भारतीय मौसम के हिसाब से सेहत और सुंदरता के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है।

भारत में माना जाता है कि आयुर्वेद में भी सरसों के तेल (Mustard Oil) का इस्तेमाल कई दवाइयों और इलाज में किया जाता है। सरसों के तेल में पाए जाने वाले तत्व सेहत के लिए फायदेमंद माने जाते हैं, मगर क्या आपको पता हैं कि इन फायदों के साथ इसके कई नुकसान भी हैं, जो आपको अवश्य मालूम होने चाहिए।

सरसों के तेल के नुकसान
1. सरसों के तेल में एरिटिक एसिड का हाई लेवल होता है, जो हमारे दिल की सेहत के लिए काफी नुकसानदायक माना जाता है। यह दिल की मांसपेशियों को काफी नुकसान पहुंचा सकता है।

2. खासकर महिलाओं को गर्भवास्था के समय में सरसों के तेल का खाने में ज़्यादा प्रयोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि इस तेल में कुछ ऐसे कैमिकल यौगिक होते हैं, जो पूरी तरह से शिशु के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित हो सकते हैं।

3. सरसों के तेल के लगातार प्रयोग से कई लोगों को राइनाइटिस हो सकता है। राइनाइटिस में बलग़म की झिल्ली में सूजन आ जाती है, जिससे खांसी, छींकना, भरी हुई नाक, नाक से पानी बहाना जैसी परेशानियां शुरू हो सकती हैं।

4. वैसे कुछ लोगों को सरसों के तेल से एलर्जी भी हो सकती है। इसमें खुजली या सूजन की परेशानी रहती है। इसलिए सरसों के तेल के सेवन के बाद यदि आपको इस तरह की परेशानी आ रही हैं, तो सरसों के तेल खाने से बचें।

5. सरसों के तेल की मालिश करने से कई लोगों की स्कीन पर चकत्ते हो जाते हैं। साथ ही लंबे समय तक मालिश करने से स्कीन काली भी पड़ सकती है। इससे कई लोगों को शरीर में दाने भी निकल सकते हैं।

6. कई शोध में मामूल हुआ है कि सरसों के तेल में यूरिक एसिड की उच्च मात्रा (42% से 47%) पाई जाती है। इस कारण से अगर भारी मात्रा में इसका सेवन किया जाए तो, हृदय संबंधी समस्याएं, श्वसन संबंधी समस्याएं, दस्त, एनीमिया, कैंसर, कोमा और यहां तक ​​कि सबसे गंभीर मामलों में मौत भी हो सकती है।

Follow Us
Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
%d bloggers like this: