छत्तीसगढ़ के सुकमा के बेस कैंप पर माओवादी हमला, तीन के मौत की हुई पुष्टि
सुकमा व बीजापुर सीमातर्वी इलाके में स्थित सिलगेर जहां हाल ही में सुरक्षा बल के जवानों ने नया कैंप स्थापित किया है। जहां ग्रामीण चार दिनों से विरोध कर रहे हैं, लेकिन अब कैंप में गोलीबारी हुई है जिसमें तीन लोगों की मौत हुई है और शव पुलिस के कब्जे में हालांकि शिनाख्त नहीं हो पाई है। वहीं, आईजी ने दावा किया है कि भीड़ की आड़ में नक्सलियों ने कैंप पर हमला किया, जिसके बाद फायरिंग हुई और तीन की मौत हो गई है।
सुकमा में सोमवार दोपहर करीब दो बजे जिले जगरगुण्ड़ा थानाक्षेत्र मे स्थित सिलगेर कैंप में गोलीबारी हुई, जिसमें तीन की मौत बताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक 14 मई से यहां पर कैंप का विरोध आसपास के गांवों के ग्रामीण कर रहे थे। रविवार को ग्रामीण वहां से चले गए थे लेकिन सोमवार सुबह से और ज्यादा संख्या में ग्रामीण जुटे, जिनके हाथों में लाठी व पारंपरिक हथियार थे।
ग्रामीण कैंप खालने के विरोध में नारेबाजी कर रहे थे। तबी गोली चली जिसके बाद वहां पर भगदड़ मच गई। ग्रामीण वहां से भाग गऐ मौके से तीन शव बरामद हुए है। जवान कैंप के बाहर इलाके की सर्चिग कर रहे थे। वही पुलिस का दावा है कि भीड़ की आड़ में नक्सलियों ने कैंप पर हमला किया था जिसकी जवाबी कार्रवाई में जवानों ने गोलीबारी की है।
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ग्रामीण नहीं चाहते कैंप खुले
14 मई से कैंप का विरोध ग्रामीण कर रहे है। जगरगुड़ा थाने से करीब 16 किमी. दूर स्थित सिलगेर कैंप खुलने से ग्रामीण नाराज हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कैंप यहां पर नही खोला जाऐ। क्योंकि कैंप खुलेंगें तो आदिवासियों के साथ मारपीट करेंगें और फर्जी केस में जेल भेज देंगें। इसलिए ग्रामीण यहां पर कैंप का विरोध कर रहे है। इसके अलावा जिले के अन्य नए कैंपों का विरोध ग्रामीण कर रहे है।
नक्सल प्रभावित इलाका है सिलगेर
कोंटा ब्लाक का सिलगेर पंचायत घोर नक्सल प्रभावित है। वहां जाने के लिए सड़क तक नहीं है। जगरगुड़ा से जाना काफी मुश्किल है। इसलिए वहां पर बीजापुर के जवानों द्वारा कैंप स्थापित किया गया है। तर्रेम से सिलगेर तक सड़क बनाने का भी काम पुलिस कर रही है, जिसको नक्सलियों ने खोदने की कोशिश की थी। कैंप स्थापित किया गया था, जिसके बाद नक्सलियों द्वारा लगातार ग्रामीणों को गुमराह कर विरोध कराया जा रहा था। साथ ही पुलिस व प्रशासन के द्वारा ग्रामीणों को समझाइश दी जा रही थी।