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जानिए क्या है गतिशक्ति योजना, पीएम मोदी आज करेंगे लॉन्च

योजना के तहत केंद्र सरकार के 16 मंत्रालयों और विभागों लाये जाने की तैयारी की गई है। इसके जरिये केंद्र सरकार की सभी बड़ी योजनाओं के लिए सभी विभागों में समन्वय स्थापित हो सकेगा।

दिल्ली । एक नेशनल मास्टर प्लान के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पीएम गति शक्ति योजना की शुरुआत करने जा रहे है। अब सबसे बड़ा मन में उठने वाला सवाल ये है । आखिर यह गति शक्ति योजना है क्या  और किस तरह से कार्य करेगी।

दरअसल इस योजना के तहत केंद्र सरकार के 16 मंत्रालयों और विभागों लाये जाने की तैयारी की गई है। इसके जरिये केंद्र सरकार की सभी बड़ी योजनाओं के लिए सभी विभागों में समन्वय स्थापित हो सकेगा। देश की तरक्की की राह में इस योजना की अहम भूमिका बताई जा रही है. पीएमओ के मुताबिक गतिशक्ति परियोजना विभागीय रुकावटों को खत्म कर देगी और प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में हितधारकों के लिए समग्र योजना को संस्थागत रूप देगी।

इसके साथ ही गति शक्ति योजना के तहत एक वेबसाइट लॉन्च की जाएगी। जिसमे केंद्र सरकार की साल 2024-25 तक की सभी बड़ी योजनाओं के बारे में पूरी जानकारी होगी। सूत्रों के मुताबिक हर प्रोजेक्ट का स्थान, उसका लागत, परियोजना तैयार होने की तारीख, उसके फायदे और नुकसान, ये सारी जानकारी वेबसाइट पर डाली जाएगी।

क्या है गति शक्ति योजना?

इसके तहत सभी विभागों को एक केंद्रीकृत पोर्टल के माध्यम से एक-दूसरे की परियोजनाओं का पता चलेगा और मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी लोगों, वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान के लिए एकीकृत और निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।  गतिशक्ति परियोजना व्यापकता, प्राथमिकता, अनुकूलन, समकालीन और विश्लेषणात्मक तथा गतिशील होने के छह स्तंभों पर आधारित है। यह बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करेगा, रसद लागत में कटौती करेगा, आपूर्ति श्रृंखला में सुधार करेगा और स्थानीय वस्तुओं को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बना देगा।

इस तरह करेंगी काम

अलग से योजना बनाने और डिजाइन करने के बजाय परियोजनाओं को अब एक सामान्य दृष्टि से डिजाइन और उनका क्रियान्वयन किया जाएगा। इसमें भारतमाला, सागरमाला और अंतरदेशीय जलमार्ग जैसे विभिन्न मंत्रालयों और राज्य सरकारों की बुनियादी ढांचा योजनाएं शामिल होंगी। इसमें टेक्सटाइल क्लस्टर, फार्मास्युटिकल क्लस्टर, रक्षा गलियारा, इलेक्ट्रॉनिक पार्क, औद्योगिक गलियारा, फिशिंग क्लस्टर और एग्री जोन जैसे आर्थिक क्षेत्रों को कनेक्टिविटी में सुधार और भारतीय व्यवसायों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए कवर किया जाएगा।

मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी लोगों, वस्तुओं और सेवाओं के परिवहन के एक साधन से दूसरे मोड में आवाजाही के लिए एकीकृत और निर्बाध संपर्क प्रदान करेगी. यह बुनियादी ढांचे की अंतिम गंतव्य कनेक्टिविटी की सुविधा और लोगों के लिए यात्रा के समय को भी कम करने में सहायक होगी।

यह आगामी कनेक्टिविटी परियोजनाओं, अन्य व्यावसायिक केंद्रों, औद्योगिक क्षेत्रों और आसपास के वातावरण के बारे में लोगों और व्यावसायिक समुदाय की जानकारी प्रदान करेगी. निवेशकों को उपयुक्त स्थानों पर अपने व्यवसाय की योजना बनाने में भी मदद मिलेगी।

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