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जानिए एड्स से जुड़ी कुछ खास बातें , क्या है इसके लक्षण और बचाव

हर वर्ष हम विश्व भर में 1 दिसम्बर को हम एड्स दिवस मनाते है। पर फिर भी इस बीमारी पर कोई खुलकर बात नहीं कर पाता है। न तो इस बीमारी को लेकर कोई जागरूक है और न ही इस बीमारी के बारे में सही तरीके से किसी को लक्षण और बचाव को कोई जानता है ।

आज हम आपको इस खबर में एड्स से जुड़ी खास बातें बताएंगे। जिससे आप जानेंगे किस तरह से यह रोग होता है, क्या लक्षण होते है और सब से जरूरी बात आप इससे कैसे बच सकते है। आइए जानते है-

एचआईवी क्या है ?

एचआईवी अर्थ है ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस यह वो  वायरस है जो एड्स को पैदा करता है , जो हमारे शरीर के भीतर जाकर हमारे आपके इम्यून सिस्टम को कमजोर बना देता है और खून को सफेद पानी में बदल देता है।

एड्स क्या है ? 

एड्स का अर्थ अक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम होता है।  जब सही समय पर एचआईवी का उपचार नहीं किया जाता,  तो इससे एड्स हो जाता है।  एड्स, एचआईवी का तीसरा और सबसे खतरनाक चरण है। एक व्यक्ति जिसका एचआईवी का इलाज नहीं किया गया है, उसे एड्स विकसित होने की संभावना ज्यादा रहती है। एड्स होने से पहले इंसान तकरीबन 10 से 15 साल तक एचआईवी ग्रसित रहता है।

ऐसे फैलता है एड्स 

1. बिना प्रोटेक्शन लिए किसी के साथ संभोग करने की स्थिति में एड्स फैलने की संभावना बढ़ जाती है.

2. एक ही सिरिंज और सुई का इस्तेमाल बार-बार किए जाने पर भी संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है.

3. एचआईवी संक्रमित रक्त से दूषित चिकित्सक उपकरणों का उपयोग किसी दूसरे पर करने से भी यह फैल सकता है.

4. संक्रमित योनि स्राव, वीर्य और खुले घावों के संपर्क में आने से भी यह बीमारी फैल सकती है.

5. जो भी महिला इस बीमारी से संक्रमित है, अगर वह शिशु को स्तनपान कराती है तो भी यह संक्रमण फैल सकता है.

ऐसे जाने एड्स के लक्षण 

एड्स को शुरू में पहचान पाना मुश्किल होता है , यह पता नहीं चल पाता कि एचआईवी हमारे शरीर मे प्रवेश कर चुका है कि नहीं, क्यों एचआईवी के लक्षण तुरंत पता नहीं चलते है। यह लक्षण तकरीबन 5 से 10 साल के बीच पता चलते है। वे लक्षण कुछ इस प्रकार से होते है। जैसे – अगर मुंह में सफेद चकत्तेदार धब्बे उभरना, शरीर से अधिक पसीना निकलना, बार-बार थकान की शिकायत होना, अचानक वजन कम होने लगना, तेज बुखार रहना, बार-बार दस्त लगना, जांघों और बगलों की लसिका ग्रंथियों की सूजन से गांठें पड़ना, सारे शरीर में खुजली और जलन होना, निमोनिया, टीबी, स्किन कैंसर जैसी तकलीफें होने लगे, तो एड्स का टेस्ट करवाने में देर नहीं करनी चाहिए।

एड्स से बचने के उपाय

एड्स से पीड़ित व्यक्ति को संभोग से दूर रहना चाहिए.

असुरक्षित सेक्स संबंध, समलैंगिक सेक्स संबंध और वेश्याओं से सेक्स करने से बचें.

संभोग के बाद मूत्र त्याग करके अपने गुप्तांगों को साफ पानी से अच्छी तरह धोएं.

सैलूनों में शेविंग करवाते समय नई ब्लेड का उपयोग करने को कहें.

होठों पर घाव, खून का रिसाव हो तो चुम्बन से बचें, क्योंकि इस बीमारी के वायरस लार के माध्यम से आपके खून में पहुंचकर आपको इस रोग से पीड़ित कर सकते हैं.

ब्लड को शरीर में लेने के पहले उसकी एच.आई.वी. मुक्त होने की जांच अवश्य करवा लें.

इंजेक्शन लगवाते समय डिस्पोजेबल सिरिंज और निडिल का ही प्रयोग करें.

यदि किसी अविवाहित पुरुष या स्त्री एड्स से संक्रमित हो जाए तो उन्हें विवाह नहीं करना चाहिए, क्योंकि एड्स उनके जीवनसाथी और बच्चों को संक्रमित करके उनका जीवन बर्बाद कर देगा.

 

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