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जानें कैसे श्रेयस अय्यर बने टीम इंडिया के अहम बल्लेबाज

टीम इंडिया के युवा बल्लेबाज श्रेयस अय्यर मैदान पर काफी शांत नजर आते हैं लेकिन वह घर पर काफी मजाकिया अंदाज में रहते हैं। श्रेयस अय्यर shreyas iyer अपनी करियर की शुरुआत घरेलू मैच से किया था उनके अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए 2014 में उन्हें ट्रेंट ब्रिज की क्रिकेट टीम के लिए यूनाइटेड किंगडम में खेलने का मौका मिला था उन्होंने  ट्रेंट ब्रिट की टीम के​ लिए 299 रन की पारी खेल कर एक रिकॉर्ड बनाया | श्रेयस ने अपना पहला मैच  2014—15 के रणजी ट्राफी टूर्नामेंट के दौरान मुंबई टीम की ओर से खेला था।

श्रेयस ने पूरे टूर्नामेंट में 50.56 के औसत से 803 रन बनाये थे। इनमें 2 शतक और 6 अरद्धशतक शामिल है। फिर वे  2015-16 के रणजी ट्राफी में कुल 1321 रन बनाए। इनमें 4 शतक और 7 अरद्धशतक शामिल है | इस टुर्नामैच में वे सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाडी थे | श्रेयस इंडियन प्रीमियर लीग में 2015 में दिल्ली डेयरडेविल्स की फ्रेंचाइजी के लिए खेले है। जिन्होंने 2015 इंडियन प्रीमियर लीग में कुल 14 मैचों में 439 रन बनाए थे। 2017 में श्रेयस अय्यर को आस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट श्रंखला के मैच में विराट कोहली के कवर खिलाड़ी के रूप में रखा गया था। हालां​कि उस मैच में उनको खेलने का मौका नहीं मिला लेकिन फील्डिंग अच्छी किये थे उन्होंने Stephen O’Keefe को रनआउट  किया था ।

अक्टूबर 2017 में श्रेयस अय्यर को न्यूजीलैंड के खिलाफ ट्वेंटी—20 सीरीज में भारतीय टीम में शामिल किया गया। इसी सीरीज के मैच में 3 नवंबर 2017 को उन्हें पहली बार बल्लेबाजी का मौका मिला और उन्होंने 21 गेंदों पर 23 रन बनाये थे।  श्रेयस अय्यर 2018 के आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स के टीम से खेल रहे है, ये दिल्ली डेयरडेविल्स के कप्तान है इनका आईपीएल में अभी तक अच्छा प्रदर्शन रहा है इनकी बल्लेबाजी देख कर काफी प्रशंसा किया जा रहा है.

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अंतरराष्ट्रीय कैरियर

श्रेयस अय्यर ने अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कैरियर की शुरुआत ०१ नवम्बर २०१७ को न्यूज़ीलैंड क्रिकेट टीम के खिलाफ फिरोज शाह कोटला ग्राउंड, दिल्ली में की थी हालाँकि उस मैच में इन्हें बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला था। इसके बाद अय्यर को राजकोट के मैच में खेलने का मौका मिला और २१ गेंदों पर २३ रनों की पारी खेली थी। फिर बाद में अय्यर को सीरीज के अंतिम मैच में भी जो विशाखापत्तनम में खेला गया था उसमें मौका मिला लेकिन वर्षा के कारण वो मैच मात्र ८-८ ओवर का था जिसमें अय्यर ने ६ गेंदों पर ६ रन बनाए थे।

इसके बाद श्रेयस अय्यर ने अपने एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की शुरुआत श्रीलंका के खिलाफ ३ वनडे मैचों की सीरीज के दौरान १० दिसम्बर २०१७ को धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश में श्रीलंकाई टीम के खिलाफ  की थी लेकिन पहले एक दिवसीय मैच में ये विफल  रहे थे और महज ९ रन ही बना पाए थे नुवान प्रदीप की गेंद पर बोल्ड आउट हुए थे। लेकिन श्रृंखला के दूसरे मुकाबले (मोहाली के पीसीए स्टेडियम) में इन्होंने अपने हुनर को दिखाया और रोहित शर्मा का साथ देते हुए शानदार बल्लेबाजी की थी और ८८ रनों की पारी खेली। उस मैच में रोहित शर्मा  ने अपने एक दिवसीय क्रिकेट कैरियर का तीसरा दोहरा शतक लगाया था।

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इंडियन प्रीमियर लीग

श्रेयस अय्यर जिन्हें २०१८ इंडियन प्रीमियर लीग में गौतम गंभीर द्वारा कप्तानी छोड़े जाने के बाद दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम के कप्तान बना दिया और उन्होंने पहले ही कप्तानी वाली मैच में अच्छी बल्लेबाजी करते हुए ९३ नाबाद रन बना दिए है। ये २०१५ से ही आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए खेलते आ रहे है।

श्रेयस अय्यर की पसंदीदा चीजें

क्रिकेट के अलावा फुटबॉल भी shreyash ayyar को बहुत अच्छा लगता है। चेल्सिया उनकी फेवेरट टीम है। उल्लेखनीय है कि भारतीय क्रिेकेट टीम के मौजूदा कप्तान विराट कोहली का दूसरा फेवरेट खेल भी फुटबॉल है। विराट के पहले के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और सौरभ गांगुली का दूसरा पसंदीदा खेल भी फुटबॉल ही रहा है।

उन्हें बॉलीवुड के गायक अरिजीत​ सिंह के गाए गाने सुनना अच्छा लगता है। अंग्रेजी गायकों में Ed Sheeran के गाने उन्हें अच्छे लगते हैं। फरहान अख्तर की फिल्म ”भाग मिल्खा भाग” उन्हें बहुत पसंद आई थी। श्रेयस के मुताबिक इस फिल्म ने मेरे जीवन को सीधा प्रभावित किया है।

भारत के लिए अब तक 40 इंटरनैशनल मैच खेल चुके अय्यर के पिता संतोष ने एक वीडियो शो पर उनकी पुरानी बातें शेयर कीं।

संतोष अय्यर ने बताया कि कैसे श्रेयस अपनी मम्मी को खाने को लेकर बातें करते थे। उन्होंने बताया कि एक दिन वह एक डॉग को घर में ले आए और कहा कि आज इसकी बिरयानी बना लीजिए।

शो में संतोष ने कहा, ‘ये (श्रेयस) अपनी मम्मी को काफी परेशान करता था। कभी यह नहीं कहता था कि आज खाने क्या बना रही हो, अकसर कहता था कि आप आज क्या बिगाड़ रही हो। एक दिन अपनी मम्मी को डॉग लाकर मजाक में कहता कि इसकी बिरयानी बनाइए।’ 
इस पर श्रेयस बताते हैं, ‘मम्मी अकसर पूछती कि क्या बनाऊं, आज क्या खाने का मन है तो मैंने ऐसा किया।’

श्रेयस के पिता ने एक और पुरानी कहानी शेयर की। उन्होंने बताया कि मुंबई अंडर-16 के लिए खेलते समय श्रेयस के प्रदर्शन में गिरावट आई तो कोच ने कहा कि उनका ध्यान भटक रहा है। संतोष ने कहा, ‘जब कोच ने कहा कि आपके बेटे के पास प्रतिभा है, लेकिन उसका ध्यान भटक रहा है। मैं थोड़ा परेशान हुआ। मुझे लगा कि वह किसी के प्यार में है या गलत संगत में पड़ गया।’

उन्होंने बताया कि उस समय मनोचिकित्सा को इतना महत्व नहीं दिया जाता था। ऐसे समय में माता-पिता अपने बच्चों को डांटते थे, लेकिन श्रेयस को उन्होंने मनोचिकित्सक के पास ले जाने का फैसला किया। श्रेयस तब 16 साल के थे।

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