Kidney Stone: किडनी की पथरी से परेशान हैं तो होम्योपैथी है सबसे बेहतर इलाज, बता रहे हैं डॉ. विकास वर्मा
द इंडिया राइज
बदलती जीवन शैली में इंसान किडनी की बीमारियों से भी जूझ रहा है। इसमें सबसे अहम है पिथरी (kidney stone)। गुर्दे की पथरी के कारण असहनीय पीड़ा होती है, और आमतौर पर किडनी में संक्रमण होने के कारण पेशाब में भी संक्रमण पाया जाता है। कई बार पेशाब में रक्त भी आने लग जाता है। आमतौर पर पथरी कैल्शियम ऑक्सलेट और यूरिक एसिड के कणों की बनती है। पथरी 1-2 एम एम से लेकर 20-25एम एम तक हो सकती है। पथरी गोल, चपटी,लम्बी, चिकनी और कई बार कांटे वाली नुकीली भी होती है। कई बार बहुत ज्यादा खुरदरी भी होती है पर कई बार ऐसा देखा गया है कि _*कुछ व्यक्तियों में विशेष रूप से बार बार पथरी बनाने की प्रवृत्ति देखी जाती है*_
इस बारे में एक बार चर्चा कर लेते हैं ज्यादातर लोगों के पेशाब में मौजूद कुछ रासायनिक पदार्थ क्षार के कणों को आपस में मिलाकर बनती है, इसके अलावा भी कारण हैं
जैसे कम पानी पीने की आदत
उनकी वंशानुगत पथरी होने की प्रवृत्ति
बार-बार मूत्र नलिका में संक्रमण होना
मूत्र मार्ग में अवरोध होना
फास्ट फूड जंक फूड ज्यादा खाना
ज्यादा कैल्शियम वाली दवाइयों का भी लंबे समय तक सेवन करना
व्यायाम ना करना और
हाइपर पैराथाईरोइडइडिसम जैसी बीमारी का होना आदि
आमतौर पर पथरी का दर्द होता है तभी पता चल पाता है कि पथरी है, पीठ में जहां गुर्दे होते हैं वहां दर्द होना, पेट में दर्द होना और पेट से लेकर आगे पेशाब की थैली से होते हुए मूत्र नालिका तक दर्द जाना ।
उल्टियां आना
पेशाब में जलन होना
पेशाब कम हो जाना
पेशाब में खून आना अचानक पेशाब का बंद हो जाना बार-बार पेशाब में संक्रमण होना सामान्य तौर पर यह लक्षण मरीजों में पाए जाते हैं।
कई बार पथरी का यदि साइज बड़ा है और गुर्दे के निचले भाग या गुर्दे से निकलने वाली नली जिसे यूरेटर कहा जाता है उसमें यदि पथरी फंसी है और लंबे समय तक उसके कारण संक्रमण हो रहा है तो गुर्दे भी खराब होने का डर हो सकता है। पथरी के निदान के लिए आमतौर पर एक्स-रे अल्ट्रासाउंड, पेशाब की जांच और यदि इस से भी निदान में स्पष्टता नहीं आ पा रही है तो आईवीपी जांच कराई जाती है।
किडनी स्टोन की क्या है वजह, कैसे हो सकता है आसान इलाज, जानने के लिए देखिए डॉ. विकास वर्मा का यह वीडियो https://www.youtube.com/watch?v=sUYtNfdKUhA
मरीज़ को क्या करना चाहिए
1-अधिक मात्रा में पानी पीना चाहिए मरीज को कम से कम 3 लीटर 4 लीटर पानी प्रतिदिन पीना चाहिए
पूरे दिन यदि पेशाब साफ होता है और पीला नहीं होता तो इसका मतलब आप पानी सही पी रहे हैं ।
2-पानी के अलावा जो पेय पदार्थ पथरी निकालने में मदद करते हैं वह नारियल का पानी का पानी, शरबत, लेमन आदि लेने से अच्छा रहता है, सोने से पहले दो गिलास पानी अवश्य पी कर सोएं।
3- मरीजों को खाने में नमक की मात्रा कम कर लेनी चाहिए और नमकीन अचार ज्यादा नहीं लेना चाहिए।
4-नींबू पानी, मौसमी का रस, अनन्नास का रस, करेला, केला जो आदि लेना पथरी के मरीज के लिए अच्छा रहता है ।
अ5-ब यदि किसी को ऑक्सालेट वाली पथरी हो गई है तो उसको टमाटर भिंडी, बैंगन, सहजन, पालक, खीरा, चीकू ,आंवला स्ट्रॉबेरी, शरीफा , काजू, अंगूर का जूस ,कैडबरी ,कोको चॉकलेट, थम्सअप ,पेप्सी कोला आदि ने लेना चाहिए
यूरिक एसिड पथरी के लिए परहेज जान लें
निम्नलिखित पदार्थों से यूरिक एसिड बढ़ सकता है तो इन्हें कम लेंगे तो आपके लिए अच्छा रहेगा जैसे स्वीट ब्रेड, व्होल व्हीट ब्रेड, दालें मटन, सेम, फूलगोभी, मशरूम, कद्दू, अंडा, बियर , शराब , दूध से बनी चीजें आदि न लें।
होम्योपैथी दवाओं से बरेली और आस पास के जिलों के हज़ारों मरीज़ों के गुर्दे, यूरेटर, पेशाब की थैली, मूत्र नालिका की पथरी को आसानी से निकाल चुके डॉ विकास वर्मा का मानना है यदि मरीज समय से डॉक्टर की सलाह ले ले तो वह गुर्दे की ऑपरेशन से बच सकता है। आमतौर पर जो दवाइयां गुर्दे की पथरी के केस में या इन ऊपर लिखी परिस्थितियों में दी जाती हैं वह है लाइकोपोडियम नक्स वॉमिका, कैंथरिस, बर्बेरिस वल्गैरिस, हाइड्रेंजिया,एसिड नाइट्रिक , सारसापरिला, परिएरा ब्रावा, हेडिओमा आदि, मरीज़ को स्वचिकित्सा से बचना चाहिए और किसी योग्य चिकित्सक से परामर्श लेकर दवा लेनी चाहिए।
डॉ विकास यहां ये भी कहते हैं कि ऐसा नहीं है कि हर पथरी निकल ही जाती है, पथरी के ओवर साइज होना, उसकी जगह , गुर्दों की हालत यदि खराब है आदि को देख कर यदि ऐसा लगता है कि मरीज़ के हित में यदि आपरेशन है तो उसको वैसा सुझाव दिया जाता है, वैसे 90 प्रतिशत केस में पथरी होमियोपैथी दवाओं की मदद से निकल ही जाती है।