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केरल: सियासत के रंग में रंगा रहा है कुलपति की नियुक्ति का मुद्दा, जानें क्या है मामला…

मुख्यमंत्री ने मुझे पत्र लिखकर आश्वासन दिया है कि, कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। लेकिन अब वे प्रस्ताव कर रहे हैं कि वे कुलपति की

नई दिल्ली: केरल में विश्वविद्यालय कानून संशोधन विधेयक विवाद ने अब सियासी रूप ले लिया है। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने राज्य सरकार के प्रस्ताव पर नाराजगी प्रकट की है।

राज्यपाल ने कहा कि, मुख्यमंत्री ने मुझे पत्र लिखकर आश्वासन दिया है कि, कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। लेकिन अब वे प्रस्ताव कर रहे हैं कि वे कुलपति की नियुक्ति करेंगे। इसका मतलब होगा शैक्षणिक संस्थानों की स्वायत्तता घटेगी। लेकिन, जब तक मैं यहां हूं, विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता को कोई हानि नहीं होगी। मुख्यमंत्री अपनी बातों से पलट क्यों रहे हैं।

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राज्यपाल ने स्पष्ट किया कि, सब कुछ मेरिट के आधार पर माना जाएगा। सरकार को कुलपतियों को संचालित करने की शक्ति नहीं दी जा सकती है। मैं इसे स्पष्ट रूप से कह रहा हूं, यह कार्यकारी हस्तक्षेप होगा।

गौरतलब है कि, केरल विधानसभा में एक सितंबर को विवादास्पद विश्वविद्यालय कानून (संशोधन) विधेयक 2022 पारित कर दिया गया था। इसका असर ये हुआ था कि, विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में राज्यपाल की शक्तियों को कम करने की कोशिश थी।

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