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joshimath landslide : राहुल गांधी के ट्वीट के बाद सक्रिय हुए कांग्रेस नेता, हरीश रावत समेत इन नेताओं ने स्थिति का लिया जायजा

देहरादून :  उत्तराखंड के जोशीमठ में जारी भू – धंसाव को लेकर केंद्र और राज्य दोनों ही सरकारें चिंता में है। ऐसे में विपक्ष अपनी राजनैतिक दांव खेलने में मात नहीं खाना चाहता है। जिसको लेकर राहुल गांधी ने ट्वीट कर जोशीमठ के मुद्दे पर भाजपा को घेरने का प्रयास किया था , जिसके बाद से कांग्रेस के नेता इस मुद्दे को लेकर राज्य में सक्रिय नजर आ रहे है। इस कड़ी में रविवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और अनुकृति गुसाईं जोशीमठ की स्थिति का जायजा लेने पहुंचे थे। साथ ही आपदा पीड़ितों से बात चीत भी की थी।

कांग्रेस ने बैठक का किया आयोजन 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी व प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी भू धंसाव पर चिंता व्यक्त करते हुए पार्टी कार्यकत्र्ताओं को प्रभावित की सहायता करने और उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की अपील की थी, इसके साथ ही उनहोंने कहा कि, ”आपदा की इस घड़ी में पूरा देश एकजुट है और सभी जोशीमठ के निवासियों के साथ हैं। इस अपील के बाद जोशीमठ प्रकरण पर भी गुटों में बंटी दिख रही कांग्रेस हरकत में आई।”

शनिवार शाम को कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में 11 सदस्यीय समिति का गठन किया। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत व नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य व पहले ही जोशीमठ का दौरा कर चुके पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह समेत 11 वरिष्ठ पदाधिकारियों को शामिल किया गया। समिति गठित होने के बाद रविवार को कांग्रेस के नेताओं का जोशीमठ पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया।

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प्रदर्शनकारियों को मिला पूर्व सीएम हरीश रावत का साथ 

आपदा प्रभावित लोग विस्थापन की मांग को लेकर तहसील का घेराव कर रहे है। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल, अनुकृति गुसाईं रावत व बदरीनाथ के विधायक राजेंद्र भंडारी भी लोगों के समर्थन में उतरे है। इतना ही नहीं पूर्व सीएम ने आपदा पीड़ितों को घर जाकर उन्हें ढांढस भी बंधाया और हर संभव मदद का भरोसा दिया।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आपदा प्रभावितों के तत्काल पुनर्वास की मांग करते हुए कहा कि, ”सरकार ने भूधंसाव की समस्या को नजरअंदाज किया। जिससे यह बड़ी आपदा के रूप में सामने आया है। हरीश रावत ने कहा कि अगर परियोजनाओं से इस तरह के हालात जोशीमठ में बने हैं तो उन्हें बंद कर देना चाहिए।”

उन्होंने यह भी कहा कि,”अभी परियोजनाओं का काम रोका गया है यह बिल्कुल सही फैसला है। लेकिन, भविष्य में जोशीमठ को अगर बचाना है तो परियोजनाओं को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लेने होंगे। बदरीनाथ के विधायक राजेंद्र भंडारी ने कहा कि तत्काल विस्थापन के लिए भूमि का चयन कर बाजार भाव पर भवनों के मुआवजा की नीति घोषित करनी चाहिए।”

 

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