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Indian Army: पैराशूट न खुलने से पैरा कमांडो की हुई मौत , भारतीय सेना समेत इन लोगों ने जताया शोक

जम्मू कश्मीर : लेह-लद्दाख(Leh-Ladakh) में युद्धाभ्यास के दौरान एक पैरा कमांडो की पैराशूट न खुलने से मौत हो गई। सैनिक की पहचान नायक सूरज पाल के रूप में हुई है, जो आगरा स्थित पैरा-ब्रिगेड में तैनात था। सूरज पाल की टीम पर्वत प्रहार एक्सरसाइज के लिए लेह गए हुए थे। तभी एक्सरसाइज के दौरान पैराशूट नहीं खुला।

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गौरतलब है बीते शनिवार को थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे(Manoj Pandey) की मौजूदगी में भारतीय सेना ने लद्दाख में पर्वत प्रहार एक्सरसाइज के जरिए अपनी ऑपरेशनल तैयारियों को परखा। भारतीय सेना ने एक संक्षिप्त बयान जारी कर बताया कि, ”अपनी दो दिन के लद्दाख सेक्टर के दौरे के दौरान थलसेना प्रमुख जनरल पांडे ने पर्वत-प्रहार य़ुद्धाभ्यास(mountain strike maneuver) को देखा। वहीं लेह-लद्दाख में ‘पर्वत प्रहार’ अभ्यास के दौरान पैराशूट नहीं खुलने से पैराट्रूपर सूरज पाल की मौत हो गई। ”

भारतीय सेना ने व्यक्त किया शोक

सेना ने ट्वीट किया, ”थलसेना अध्यक्ष जनरल मनोज पांडे समेत भारतीय सेना के सभी अधिकारियों ने ड्यूटी के दौरान नायक सूरज पाल के दुर्भाग्यपूर्ण निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया और शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।” अपने ट्वीट में, सेना ने एक दिन पहले सेंट्रल कमांड द्वारा पोस्ट किए गए एक ट्वीट को भी साझा किया, जिसमें उनके निधन की जानकारी दी गई थी।

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सीएम योगी ने भी व्यक्त किया शोक , 50 लाख सहायता राशि की घोषणा 

नायक सूरज पाल की निधन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ(Yogi Adityanath) ने ट्विट कर श्रद्धांजली अर्पित की है और सैनिक के परिजनों को 50 लाख रुपए सहायता राशी देने को कहा है। उन्होंने ट्विट कर लिखा कि, ”कर्तव्य पालन के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए हाथरस निवासी सेना के जवान श्री सूरज पाल जी तथा आगरा निवासी नौसेना के जवान श्री हरेश कुमार सिंह जी को विनम्र श्रद्धांजलि! प्रभु श्री राम दिवंगत आत्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान व परिजनों को यह दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ हैं। परिजनों को 50-50 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने के साथ ही परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी तथा जनपदों की एक-एक सड़क का नामकरण भी शहीदों के नाम पर किया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार दिवंगत सैनिकों के परिजनों के साथ खड़ी है।”

 

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