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जसप्रीत बुमराह कैसे बने भारत के यॉर्कर किंग 

भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह अपनी कातिलाना गेंदबाजी के लिए जाने जाते हैं। 14 साल की उम्र में क्रिकेट में अपना करियर बनाने के बारे में फैसला लेने वाला यह गेंदबाज जल्द ही शादी करने वाला है। उन्होंने अपने पिता को 5 साल की उम्र में ही खो दिया था। इसके बाद मां ने ही उन्हें और उनकी बहन को बड़ा किया। जसप्रीत बुमराह का नाम जब मोहम्मद शमी के स्थान पर लिया गया . तब सभी के मन में एक दुविधा थी कि यह कौन हैं ? आइये जाने जसप्रीत बुमराह के बारे में .जसप्रीत बुमराह एक होनहार क्रिकेट ख़िलाड़ी जो कि राईट-आर्म-फास्ट मीडियम बॉलर हैं, जिसने 2013 से IPL के लिए खेलना शुरू किया . आईपीएल 2013 में जसप्रीत बुमराह मुंबई इंडियन्स टीम की तरफ से खेले और अपने पहले मैच में ही शानदार प्रदर्शन के कारण सबकी नज़रों में आ गये .

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जसप्रीत बुमराह ने अपना डेब्यू मैच 4 अप्रैल 2013 को मुंबई इंडियन्स की तरफ से रॉयल चैलेंजर बंगलौर के खिलाफ खेला जिसमे उन्होंने 32 रन देकर 3 विकेट लिए , इसके साथ ही ऐसे पहले ख़िलाड़ी बने जिसने अपने डेब्यू मैच में 3 विकेट झटके हो . उनके इसी प्रदर्शन के कारण वे सभी के लिए आकर्षण का केंद्र बन गये . उनके शानदार परफॉरमेंस को ध्यान में रखते हुए ही इन्हें 2016 में भारतीय टीम में शामिल किया गया जिसमे खिलाड़ी को चोट लगने के कारण इन्हें मौका मिला . यह टी20 इंटरनेशनल सीरीज ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ थी .

जसप्रीत बुमराह ने अपना पहला एक दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 23 जनवरी 2016 को खेला जिसमे उन्होंने 10 ओवर में 40 रन देकर 2 विकेट झटके और अपने शानदार प्रदर्शन को जारी रखा .

क्या आपने कभी यह सोचा है कि jaspreet ने अपनी यह unique bawling technique  कहां से सीखी? तो मैं आपको बता दूं कि यह technique उनहोंने अपनी मां की वजह से सीखी। जी नहीं, उनकी मां कोई cricketer नहीं थीं । इसके पीछे कि कहानी कुछ और ही है।  हुआ कुछ ऐसा कि गर्मियों के दिन थे और जसप्रीत की मां थोड़ी देर आराम करना चाहती थीं। लेकिन जसप्रीत घर के अंदर बोल से खेल रहे थे। वह बाहर नहीं जाना चाहते थे क्योंकि बाहर बहुत धूप थी ।  पर उनकी मां को बार-बार बॉल की आवाज होने के कारण नींद ही नहीं आ रही थी तो उन्हें एक आईडिया सूझा।

उन्होंने जसप्रीत को कहा कि वह घर के अंदर खेल सकते हैं लेकिन उन्हें बॉल को इस तरह  खेलना पड़ेगा कि बिल्कुल भी आवाज ना आए। जसप्रीत ने कुछ कोशिशों और थोड़ा सा दिमाग लगाकर एक ऐसा तरीका ढूंढ ही लिया। उन्हें यह पता चला कि जहां दीवार और फर्श एक साथ मिलते हैं उस तरफ में बॉल लगने पर सबसे कम आवाज करती है।  अब वह उसी जगह पर बॉल से खेलने लगे। अब इस तरह से आवाज भी कम होने लगी और जसप्रीत की मां भी आराम से सो गई। अब ना ही कभी बॉल खेलते समय उस जसप्रीत ने और ना ही कभी उनकी मां ने यह सोचा होगा कि यह तो उनकी टीम इंडिया में आने की तैयारी शुरू हो गई थी क्योंकि जसप्रीत आगे क्रिकेट के मैदान में भी इसी तरह बॉल पर अपना जादू चलाने वाले थे ।

समय के साथ-साथ जसप्रीत की दिलचस्पी क्रिकेट में बढ़ने लगी और जब वह 14 साल के हुए तो एक दिन उन्होंने अपनी मां से जाकर कहा कि वह क्रिकेटर बनना चाहते हैं। उनकी मां यह सुनकर हैरान हो गई और कहने लगी कि यहां तो हर गली में इतने बच्चे क्रिकेट खेलते हैं और ऐसे में क्रिकेटर बनना कोई आसान काम नहीं और टीम इंडिया का हिस्सा बनना बहुत ही मुश्किल है। तब जसप्रीत ने कहा कि आप मुझ पर भरोसा रखें। मैं पूरी मेहनत करूंगा। जसप्रीत की मां ने अपने बेटे की बात मान गईं और उन्हें एक मौका दिया ।

जसप्रीत ने भी अपने इस सपने को साकार करने के लिए जी जान लगा दी। वह सुबह स्कूल जाने से पहले cricket practice करते फिर  स्कूल अटेंड करने के बाद घर पहुंचने से पहले एक बार फिर क्रिकेट की प्रैक्टिस किया करते और अपना यह प्रैक्टिस सेशन वह कभी भी नहीं छोड़ते थे और आखिर में उनकी यह मेहनत रंग लाई जब  उनका सिलेक्शन गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के समर कैंप में हुआ। यहां उन्होंने अपनी बोलिंग एबिलिटी से सभी को हैरान कर दिया। इसके बाद जल्द ही उनका सिलेक्शन MRF pace foundation में हुआ। इसके बाद उनका सिलेक्शन गुजरात  under-19 में हुआ। उनके बेहतरीन परफॉर्मेंस के कारण उन्हें 2012 में पुणे में होने वाली सैयद मुश्ताक अली टी20 चैंपियनशिप के लिए चुना गया। यह उनकी जिंदगी का टर्निंग प्वाइंट था क्योंकि यह उनहें सफलता की ऊंचाइयों पर ले जाने वाला था ।

वहां उस समय के इंडियन कोच जॉन राइट , जो आईपीएल टीम मुंबई इंडियंस को तैयार कर रहे थे उनकी नजर जसप्रीत पर पड़ी और वह उनकी बॉलिंग technique से काफी प्रभावित हुए । इसके बाद जल्द ही जसप्रीत को मुंबई इंडियंस का हिस्सा बनने का ऑफर  आया जिसे साइन करने के बाद वह उस टीम में पहुंच गए जहां क्रिकेट के बड़े बड़े नायक जैसे सचिन तेंदुलकर, रिकि पोंटिंग और लसिथ मलिंगा थे ।

उनका मुंबई इंडियन  डेब्यू हुआ रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ जहां उनका 32 रन में 3 विकेट का स्कोर रहा। इसके बाद मलिंगा से उन्होंने बॉलिंग करने की और भी कई बारीकियां सीखी।

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