सलमान को लेकर उनकी एक्स गर्लफ्रेंड सोमी अली ने किया ये खुलासा, कह दी ये बड़ी बात
पूर्व अभिनेत्री से सामाजिक कार्यकर्ता बनी सोमअली और सलमान खान की प्रेम कहानी ने हमेशा उनके प्रशंसकों को आकर्षित किया है। कम ही लोग जानते हैं कि भाईजान और अली ने लगभग एक दशक तक डेट किया। एक मीडिया इंटरव्यू में सोमी अली ने बताया, “हम हिंदी फिल्में देखते थे। मैंने ‘मैंने प्यार किया’ देखी और मुझे सलमान पर क्रश हो गया था। उस रात मुझे एक सपना आया और मैंने भारत जाने का फैसला किया।”
उन्होंने आगे बताया, “जब मैं 16 साल की थी तो मेरे लिए यह सोचना हास्यास्पद था कि मैं मुंबई जा सकती हूं और उससे शादी कर सकती हूं। मैंने शादी का सपना देखा और सोचा कि यह भगवान की भविष्यवाणी थी। मैंने एक सूटकेस लिया और मां से कहा कि मैं सलमान खान से शादी करने मुंबई जा रही हूं। वह अमिताभ बच्चन के जमाने से थीं तो उन्होंने मुझसे पूछा, ‘सलमान कौन है?’ मैंने उन्हें बताया ‘वह एक बड़ा स्टार है और मैंने सपना देखा था! यह एक संकेत है। उन्होंने तुरंत मुझे एक कमरे में बंद कर दिया। आखिर में मैंने पिताजी से कहा कि मैं मुंबई में अपने रिश्तेदारों से मिलना चाहती हूं और ताजमहल देखना चाहती हूं। मैंने उन्हें मनाने के लिए धार्मिक कार्ड खेला। मैं पाकिस्तान गई और फिर मुंबई के लिए उड़ान भरी। मैंने सलमान की फोटो अपने बटुए के अंदर रखी और जब तक मैं यहां पहुंची तब तक उनकी बागी (1990) रिलीज हो चुकी थी, और सलमान पहले से ही मेगास्टार बन चुके थे।
सोमी अली ने और खुलासा करते हुए कहा, “हम नेपाल जा रहे थे। मैं उनके बगल में बैठी थी। मैंने उन्हें दिखाते हुए उनकी फोटो हटा दी। मैंने उनसे कहा, ‘मैं तुमसे शादी करने के लिए आई हूं!” उन्होंने कहा, ‘मेरी एक प्रेमिका है।’ मैंने कहा कि कोई बात नहीं, मैं एक किशोरी थी। हमारा रिश्ता एक साल बाद शुरू हुआ जब मैं 17 साल की हो गई। उन्होंने मुझसे कहा, ‘आई लव यू।’ यह बहुत आश्वस्त करने वाला नहीं था।”
मैंने उनके माता-पिता और परिवार से बहुत कुछ सीखा। आखिरकार किसी भी रिश्ते में अगर आप खुश नहीं हैं, तो अलग होना बेहतर है। यही हाल था सलमान और मेरे रिश्ते का। मैंने वापस अमेरिका जाने का फैसला किया। मैंने उनके माता-पिता से जो सीखा वह बहुत ही अद्भुत है। उनका एक खुला घर था। आए दिन लोग आते-जाते रहते थे। एक और महत्वपूर्ण सबक जो मैंने सीखा वह यह है कि हम सब एक जैसे हैं। वे धर्म में बिल्कुल भी भेद नहीं करते थे।”