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Heart Attack In India: दिल की वजह से जान की बाजी हार रहे लोग, अब सतीश कौशिक की मौत ने सबको चौंकाया

भारत में हार्ट अटैक से मरने वालों में 10 में से 4 की उम्र 45 साल से कम, कोरोना के बाद अचानक हार्ट अटैक से होने वाली मौत बढ़ा रही चिंता

Heart Attack In India:बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता सतीश कौशिक (Satish Kaushik Death) का 67 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. इससे एक दिन पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर होली खेलने के तस्वीरों को शेयर किया था,जिसमें वह बिल्कुल ठीक नजर आ रहे थे. बीते कुछ दिनों में हार्ट अटैक के ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां सामान्य लोगों की अचानक दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो जा रही है.

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आपको बता दें कि हार्ट अटैक पड़ने पर ढाई मिनट का समय काफी अहम होता है. अगर इस दौरान आपने कुछ खास टिप्स को फॉलो कर लिया तो दिल का दौरा पड़ने पर जान जाने की संभावना काफी कम हो जाता है. सरन अस्पताल बरेली के डॉक्टर सुदीप सरन ने बताया कि भारत में दिल का दौरा पड़ने पर 10 में से 5 लोग ही हॉस्पिटल पहुंच पाते हैं. ऐसे में जो लोग समय पर अस्पताल पहुंच गए, उन्हें तो इलाज मिल जाता है. लेकिन वो लोग जो तुंरत अस्पताल नहीं पहुंच पाते हैं, उनकी जान कुछ खास सावधानियां बरत कर बचाई जा सकती है.

अचानक हार्ट अटैक आए तो करें ऐसा
डॉक्टर सरन ने बताया कि अगर आपके आस-पास किसी को दिल का दौरा पड़ता है, तो उसे जितनी जल्दी हो सके Sorbitrate टैबलेट देना चाहिए. इस टैबलेट को जीभ के नीचे रखने से आपके दिल के काम करने की क्षमता करीब 10 फीसदी तक बढ़ जाती है. दिल के मरीजों या हाई बीपी वाले मरीजों को इस दवा को हमेशा अपने पास रखना चाहिए. किसी भी इमरजेंसी में इसकी जरूरत पड़ सकती है.

अटैक आने के बाद ढाई मिनट सबसे अहम
अगर आपके आसपास कोई अचानक से बेहोश हो जाता है, तो सबसे पहले उसकी पल्स चेक करें. अगर पल्स नहीं मिल रही तो ऐसा हो सकता है कि उसके हार्ट अटैक आया हो. ऐसे दो से ढाई मिनट के अंदर उसके हार्ट को रिवाइव करना बहुत जरूरी है, नहीं तो ऑक्सीजन के कमी के चलते उसका ब्रेन डैमेज हो सकता है. ऐसे में हार्ट अटैक आने पर तुरंत सीने पर जोर का मुक्का मारें. पेशेंट के सीने पर हर पांच सेकेंड के गैप पर जोर से मुक्का मारते रहें, जब तक वो होश में नहीं आ जाता है. इससे उसका दिल फिर से काम करना शुरू कर देगा और उसे तुंरत अस्पताल लेकर जाएं.

क्या हैं हार्ट अटैक के लक्षण
हार्ट अटैक (Heart Attack) की स्थिति में सीने में दर्द होना, सांस लेने में तकलीफ, पसीना आना या बैचेनी होना, घबराहट महसूस होना आदि प्रमुख लक्षण हैं. अगर आप डायबिटीज या ब्लड प्रेशर के मरीज हैं या आपको कोलेस्ट्रॉल आदि की समस्या है तो आपको अपने दिल का विशेष खयाल रखना चाहिए. इसके साथ ही अगर आप पहले से जल्दी थकने लगे हैं, जैसे सीढ़ियां चढ़ना या कोई और फिजिकल एक्टिविटी करने में आपको जल्दी थकान हो जाती है, तो आप डॉक्टर के पास जाकर अपनी जांच करा सकते हैं.

लाइफ स्टाइल में करें ये बदलाव
हाई बीपी के मरीजों को बहुत ज्याेदा नमक नहीं खाना चाहिए. Dietary Approaches to Stopping Hypertension के अनुसार हाई बीपी के मरीजों के लिए दिन भर में केवल दो-तिहाई नमक ही पर्याप्तस होता है. अगर सिर्फ नमक को सीमित मात्रा में खाया जाए तो हाई बीपी को कंट्रोल रखने में काफी मदद मिलती है.

अगर आप प्रोसेस्डई मीट खाते हैं, तो इस आदत को भी छोड़ दें. इसे खाने से भी हाई बीपी की समस्या् बढ़ने का रिस्कि बढ़ जाता है.

ज्याआदा शुगर खाना भी हाई बीपी के मरीजों के लिए अच्छा नहीं माना जाता है. इसलिए नमक के साथ-साथ ज्याढदा चीनी खाने से भी परहेज करें.

अगर आप बाहरी जंकफूड, फास्टीफूड और दूसरी चीजें खाते हैं, तो अपनी इस आदत को सुधार लें. इन चीजों से आपका मोटापा बढ़ता है. मोटापे को हाई बीपी ही नहीं, बल्कि तमाम अन्यी बड़ी बीमारियों की वजह माना जाता है.

इसके अलावा नियमित रूप से वर्कआउट करें ताकि आपका वेट न बढ़े और शरीर फिट रहे. योग और मेडिटेशन करें ताकि आपका दिमाग शांत रहे और तनाव से बचे रहें. तनाव को भी हाई बीपी की वजह माना जाता है.

अगर आप हाई बीपी की कोई दवा ले रहे हैं, तो उसे नियमित रूप से समय पर लेते रहें. अगर आपके घर में हाई बीपी की फैमिली हिस्ट्रीा रही है, तो 40 साल के बाद नियमित रूप से जांच करवाएं.

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क्या कोरोना है हार्ट अटैक की असली वजह?
जिन लोगों को कोरोना हो चुका है उन लोगों को डॉक्टर विशेष सावधानी बरतने की सलाह देते हैं। ऐसे में हार्ट अटैक के पीछे की असली वजह कोरोना को ही समझा जा रहा है। हालांकि अब तक इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है। एक नई स्टडी से पता चला है कि कोविड से संक्रमित हो चुके लोगों में कई जानलेवा बीमारियों का खतरा तुलनात्मक रूप से अधिक है।

इस अध्ययन के आधार पर करोड़ों लोग खतरे के दायरे में आते हैं। द सन की खबर के अनुसार, Heart में छपी रिसर्च में कहा गया है कि कोरोना के चलते अस्पताल में भर्ती हुए लोगों में, अंसक्रमित लोगों की तुलना में, वीनस थ्रोम्बोम्बोलिज़्म (VTE) विकसित होने की संभावना 27 गुना अधिक है। जिन लोगों को इलाज के लिए अस्पताल नहीं जाना पड़ा उनमें VTE विकसित होने की संभावना अंसक्रमितों की तुलना में तीन गुना ज्यादा है। वीटीई एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें नसों में खून का थक्का बन जाता है। अगर यह थक्का बड़ा हो जाए या इसका इलाज न किया जाए तो यह मौत का कारण भी बन सकता है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट
लंदन की क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कहा कि जिन लोगों को कोविड संक्रमण के चलते अस्पताल में भर्ती कराया जाता है, उनमें दिल की धड़कनें रुकने की संभावना 21 गुना और स्ट्रोक आने की संभावना 17 गुना ज्यादा होती है। उनमें एट्रियल फाइब्रिलेशन (अनियमित हृदय) और पेरीकार्डिटिस (हृदय की सूजन) और हार्ट अटैक की भी संभावना अधिक होती है। निष्कर्ष बताते हैं कि हृदय रोग और मौत का सबसे बड़ा जोखिम संक्रमण के पहले 30 दिनों के भीतर होता है लेकिन बाद में भी कुछ समय के लिए इसका खतरा रहता है।

कोरोना वैक्सीन पर क्यों जाता है शक?
हाल फिलहाल में हो रही हार्ट अटैक से मौतों के पीछे कोरोना वैक्सीन को मुख्य कारण बताया जाता है। हालांकि इसके पीछे कोई साइंटिफिक रीजन नहीं है। यह सिर्फ एक बेबुनियाद चर्चा का विषय है। जी बिजनेस हिंदी वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में अमृता अस्पताल में कार्डियोलॉजी, प्रोफेसर और एचओडी डॉ विवेक चतुर्वेदी ने बताया है कि भारत में मौजूद कोरोना वैक्सीन और हार्ट अटैक का कोई संबंध नहीं है।

हालांकि सोशल मीडिया पर इस बारे में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं कि क्या कोरोना वैक्सीन के प्रभाव से हार्ट अटैक के चांसेज बढ़ रहे हैं? इस पर डॉ विवेक का कहना है कि भारत में मौजूद किसी भी वैक्सीन का हार्ट अटैक या दिल से जुड़ी बीमारियों का कोई लिंक नहीं पाया गया है। वहीं राजीव गांधी अस्पताल में कार्डियो सर्जन और सीनियर कंस्लटेंट डॉ. अजीत जैन का मानना है कि ये बात सही है कि इससे जुड़े कोई रिपोर्ट नहीं हैं जो यह साबित करते हों कि इसका हार्ट अटैक से कोई संबंध है, लेकिन भारत में जितनी भी कोरोना की वैक्सीन दी जा रही हैं, उनमें से किसी की भी लॉन्ग स्टडी नहीं हुई है, इनकी स्टडी की जानी चाहिए।

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किस उम्र के लोगों को ज्यादा खतरा आंकड़ों से समझिए
आंकड़ों के अनुसार, भारत में हार्ट अटैक से मरने वालों में 10 में से 4 की उम्र 50 साल से कम है। वहीं 10 साल में भारत में हार्ट अटैक से होने वाली मौतें करीब 75% तक बढ़ गई हैं। अमेरिका के एक रिसर्च जनरल में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2015 तक भारत में 6.2 करोड़ लोगों को दिल से जुड़ी बीमारी हुई। इसमें से 2.3 करोड़ लोग ऐसे थे जिनकी उम्र 40 साल से कम है।

यानी, 40 फीसदी दिल के मरीजों की उम्र 40 साल से कम है, ऐसी ही एक स्टडी 2018 में भी आई थी, तब साइंस जर्नल लैंसेट ने दिल की बीमारियों से जुड़े 1990 से 2016 तक के आंकड़े जुटाए थे। इस स्टडी में दावा किया गया था कि 1990 में भारत में होने वाली कुल मौतों में से 15.2% का कारण दिल से जुड़ी बीमारियां थीं। 2016 में ये आंकड़ा बढ़कर 28.1% पर आ गया। यानी, 2016 में भारत में होने वाली हर 100 में 28 मौत का कारण दिल से जुड़ी बीमारियां थीं।

हाल ही में हार्ट अटैक से जान गंवाने वालों की पूरी लिस्ट देखिए-

बंगाली अभिनेत्री एंड्रिला शर्मा का 24 साल की उम्र में हार्ट अटैक से मौत।

78 साल की उम्र में मशहूर अभिनेत्री रही तबस्सुम की 2 बार हार्ट अटैक आने के बाद मौत हो गई।

46 साल के पॉपुलर टीवी एक्टर सिद्धांत वीर सूर्यवंशी को जिम में वर्कआउट के दौरान हार्टअटैक आया और मौत हो गई।

59 साल के कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव की जिम में कसरत करते वक्त हार्ट अटैक आया और कुछ दिन बाद मौत हो गई।

46 साल के कन्नड़ अभिनेता पुनीत राजकुमार की हार्ट अटैक से मौत हुई।

41 साल के टीवी अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला का भी हार्ट अटैक के बाद निधन हुआ।

53 साल की उम्र में सिंगर केके की लाइव परर्फोंमेंस के दौरान हार्ट आने से मौत हो गई।

52 साल के महाराष्ट्र के विधायक रमेश लटके का दुबई में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।

‘भाभी जी घर पर हैं’ फेम एक्टर दीपेश भान की 41 साल की उम्र में हार्ट अटैक से मौत।

जम्मू-कश्मीर में 21 साल का एक लड़का नाचते हुए मंच पर गिरा,उसे हार्ट अटैक आया था और उसकी मौत हो गई।

मुंबई में गरबा खेलते हुए एक 35 साल के शख़्स की हार्ट अटैक से मौत हो गई।

33 साल के एक जिम ट्रेनर बैठे-बैठे बेहोश हो गया और उसकी भी हार्ट अटैक आने से मौत हो गई।

क्या हैं कार्डियक अरेस्ट के लक्षण
सांस लेने में समस्या
जल्दी थकान महसूस होना
बार-बार बेहोश होना
हार्ट का तेजी से धड़कना
सीने में जलन और दर्द
सिर घूमना
पेट और सीने में एक साथ दर्द

हार्ट अटैक की आम वजह जान लीजिए
मोटापा
धूम्रपान और शराब का अत्यधिक सेवन
हाई फैट डाइट
डायबिटीज
हाई कोलेस्ट्रॉल
हाई बीपी

बचाव के लिए क्या उपाय अपनाएं
वजन कंट्रोल में रखें
शुगर नियंत्रित रखें
तनाव कम लें
बैड कोलेस्ट्रॉल कम करें
खाने में तेल और घी का कम इस्तेमाल करें
वॉक और हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें
खाने में फल, सलाद और सब्जियों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें
इसके अलावा समय-समय पर हेल्थ की जांच कराते रहें

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