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Health: जानें क्या है ब्रेस्टफीडिंग कराने के फायदे और क्या है लाभ…
बच्चे के जन्म के समय उसका वजन कम होता है

Breastfeeding: मां के दूध के बच्चे का संपूर्ण आहार माना जाता है। यही वजह है कि डॉक्टर्स बच्चों के स्तनपान के लिए ही प्रोत्साहित करते हैं। मां के दूध मे तमाम न्यूट्रिएंट्स होते हैं। बच्चे के जन्म के बाद 6 महीने तक बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग करवाना जरूरी होता है। इससे बच्चे का विकास होता है। मां का दूध बच्चे को पिलाने से बच्चे में सांस की समस्या या कान की समस्या नहीं होती है। इसके साथ ही एलर्जी, डायबिटीज, एक्जिमा से भी बचाव होता है।
मां के दूध से बच्चे का ओवरऑल विकास होता है। आमतौर पर बच्चे के जन्म के समय उसका वजन कम होता है, वहीं अगर बच्चे को मां का दूध दिया जाता है कि वजन भी बढ़ता है। मां के दूध से बच्चे का शारीरिक विकास ही नहीं बल्कि बच्चे का मानसिक विकास भी होता है। वहीं महिलाओं को भी स्तनपान करवाने से काफी फायदे होते हैं। उनके अंदर हैप्पी हार्मोंग्स का विकास होता है साथ ही इसके साथ ही माता को गर्भाशय के कैंसर का खतरा भी कम हो जाता है। इससे वजन भी मेनटेन रहता है।