राष्ट्रपति के पास नंगे पांव पद्मश्री पुरस्कार लेने पहुंचे हरेकला हजब्बा, जानिए इनके बारे में
नई दिल्ली: देश के महामहिम रामनाथ कोविंद ने सोमवार को पद्मश्री पुरस्कार विजेताओं को पुरस्कार का वितरण किया। इस दौरान सबसे ज्यादा चर्चा में जो शख्सियत रहें, उनका नाम हरेकला हजब्बा है। हरेकला हजब्बा को भी 2020 के पद्मश्री पुरस्कार के लिए नामित किया गया था। राष्ट्रपति भवन में आयोजित हुए सम्मान समारोह में पूरा हॉल उस समय तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा जब एक व्यक्ति साधारण सा कपड़ा पहने नंगे पांव राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास पद्मश्री सम्मान लेने पहुंचा।
हरेकला बेहद ही साधारण और सामाजिक जीवन जीने वालों में शुमार रखते हैं। हरेकला हजब्बा को ये सम्मान उनके सामाजिक कार्य के लिए दिया गया है। हरेकला कर्नाटक के मंगलौर के हरेकला गांव में संतरा बेचते हैं। इसके साथ ही इससे होने वाली आय से पैसे निकालकर गरीब बच्चों के लिए स्कूल चलाते हैं, जिसमें गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षा दी जाती है।
200 में की स्कूल की शुरुआत
हरेकला हजब्बा खुद पढ़े-लिखे नहीं हैं। जिसकी वजह से उन्हें एकबार शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा और तभी उन्होंने उन बच्चों को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया जो पैसे के अभाव में शिक्षा से दूर रह जाते हैं। ये सफर हरेकला ने 1995 में शुरू किया था। साल 2000 में उन्होंने संतरा बेचकर बचाए पैसों की अपनी सारी जमापूंजी लगाकर स्कूल की शुरुआत की थी। हरेकला हजब्बा के इसी सराहनीय कार्य के लिए पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।