Start-Up

जानिए क्या है स्टार्टअप योजना,क्या हैं इसके फायदे

देश में बढ़ती रोजगार की समस्याओं को देखते हुए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर स्टॉर्टअप इण्डिया योजना की घोषणा की। वर्ष 2016 में इसे शुरू किया गया। इसको शुरू करने के पीछे पीएम का उद्देश्य था कि लोग नौकरी मांगने वाले ना बनकर नौकरी देने वाले बने। आइये जानते हैं इस योजना के बारे में :

क्या है स्टॉर्टअप इंडिया :

भारत सरकार की इस योजना का उद्देश्य देश में स्टार्टअप और नए विचारों के लिए मजबूत और सहयोगी वातावरण प्रदान करना और देश को आर्थिक उन्नति के पथ पर लाना और नए रोजगारों के सृजन के लिए अवसर बनाना था। ये पहल युवाओं को उद्योगपति और उद्यमी बनने का अवसर प्रदान करना ही था। इस योजना के अंतर्गत युवा उद्यमियों को बैंकों के माध्यम से वित्त भी प्रदान किया जाता है।

स्टार्टअप की परिभाषा :

स्टार्टअप की संज्ञा ऐसी इकाई को दी जाती है जो भारत में पांच साल से अधिक से पंजीकृत नहीं है और जिसका सालाना कारोबार किसी भी वित्तीय वर्ष में 25 करोड़ रुपये से अधिक नहीं है। यह इकाई बौद्धिक सम्पदा और नवाचारों से युक्त होती है , उद्यमी अपने अभिनव प्रयोग को सरकार के सहयोग से बड़े उधम में बदलते हैं।

कैसे शुरू करे स्टार्टअप :

-स्टार्टअप की शुरुआत के लिए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालयन के अंतर्गत अपने नवाचार को रजिस्टर करा लें। रजिस्ट्रेशन करने के बाद आप नीचे लिखी सुविधाओं का लाभ उठाने की योग्यता धारण कर लेंगे।

योजना की प्रमुख बातें :

  1. स्टार्टअप कारोबारियों द्वारा कमाये जाने वाले मुनाफे पर व्यावसाय शुरू होने के पहले तीन साल तक इनकम टैक्स से छूट होगी।
  2. ऐसे उद्यमों में वित्तपोषण को बढ़ावा देने के लिए उद्यमियों द्वारा किए गए निवेश के बाद अपनी संपत्ति बेचने पर 20% की दर से लगने वाले पूंजीगत लाभ टैक्स से भी छूट होगी। यह छूट सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त उद्यम पूंजीकोषों के निवेश पर भी उपलब्ध होगी।
  3. सरकार का ‘स्टार्ट अप इंडिया’ कार्यक्रम देश में नवोन्मेष को बढ़ावा देने के लिए उपयुक्त वातावरण बनाना है ताकि आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा दिया जा सके और देश में बड़े.पैमाने पर रोजगार के अवसर मुहैया कराए जा सकें।
  4. सरकार की ओर से एक राष्ट्रीय ऋण गारंटी ट्रस्ट कंपनी बनाने का प्रस्ताव है जिसमें अगले चार साल तक सालाना 500 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया जाएगा।
  5. देश में नर्वप्रवर्तन सोच के साथ आने वाले तकनीक आधारित इन नये उद्यमों के लिये एक उदार पेटेंट व्यवस्था भी लाई जाएगी। पेटेंट पंजीकरण में इन उद्यमों को पंजीकरण शुल्क में 80% छूट दी जायेगी।
  6. प्रधानमंत्री जी के अनुसार दिवाला कानून में स्टार्ट अप उद्यमों को कारोबार बंद करने के लिए सरल निर्गम विकल्प देने का प्रावधान भी किया जायेगा। इसके तहत 90 दिन की अवधि में ही स्टार्ट अप अपना कारोबार बंद कर सकेंगे।
  7. छात्रो के लिए इनोवेशन के कोर्स शुरू किये जायेंगे और 5 लाख विद्यालयों में 10 लाख बच्चो पे फोकस करके इसको बड़ाया जायेगा ।
  8. प्रधानमंत्री जी ने कहा कि स्व:प्रमाणन आधारित अनुपालन व्यवस्था से स्टार्टअप पर नियामकीय बोझ कम होगा। स्व:प्रमाणन अनुपालन की यह व्यवस्था कर्मचारियों को ग्रेच्युटी भुगतान, ठेका कर्मचारी, कर्मचारी भविष्य निधि कोष, पानी और वायु प्रदूषण कानूनों के मामले में उपलब्ध होगी।
  9. स्टार्टअप को वित्तपोषण का समर्थन देने के लिये सरकार 2,500 करोड़ रुपये का शुरुआती कोष बनाएगी जिसमें अगले 4 साल के दौरान कुल 10,000 करोड़ रूपये का कोष होगा।
  10. दुनियाभर में स्टार्टअप की तीसरी बड़ी संख्या भारत में है। सरकार इन उद्यमों को सरकारी खरीद ठेके लेने के मामले में भी मानदंड में कई तरह की छूट देगी। स्टार्ट अप उद्यमों को सरकारी ठेकों में अनुभव और कारोबार सीमा के मामले में छूट दी जायेगी।
  11. इसमें महिलाओ के लिए विशेष व्यवस्था की गयी है ।

कोरोना जैसी महामारी के बीच अगर आप भी किसी नए उधम के बारे में विचार कर रहे हैं तो स्टार्टअप के तहत रजिस्ट्रेशन कराकर आप भी लाभ उठा सकते हैं।

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