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G7 में क्या बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, किन विषयों पर रहा फोकस?

शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने G7 समिट ( G7 Summit ) में वर्चुअल हिस्सा लेते हुए कई अहम मुद्दों पर बातें कहीं, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वन अर्थ वन हेल्थ का स्लोगन सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना रहा। अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कहा इसकी जानकारी विदेश मंत्रालय ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी, विदेश मंत्रालय द्वारा मीडिया को अवगत कराया गया कि G7 समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए संबोधन में फोकस स्वास्थ्य, वैक्सीन और रिकवरी पर रखा गया, इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने G7 में अपने भाषण में पर्यावरण को लेकर उत्पन्न न हो रही चुनौतियां और खुली अर्थव्यवस्था पर भी जोर दिया है।

G7 Summit

TRIPS waiver क्या किया आह्वान

विदेश मंत्रालय द्वारा जानकारी दी गई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस संक्रमण से संबंधित टेक्नॉलॉजी के लिए डब्ल्यूटीओ में ट्रिप्स छूट यानी TRIPS Waiver के लिए G7 के अन्य देशों से समर्थन मांगा। प्रधानमंत्री द्वारा भाषण में कहा गया कि परिस एग्रीमेंट अनुकूलता हासिल करने की राह पर भारत एकमात्र g20 देश है।

क्या है जी 20 ?

अंतरराष्ट्रीय वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से g20 की स्थापना 1999 में की गई थी आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस मीटिंग के जरिए वैश्विक मुद्दों पर विचार विमर्श करने और आम राय बनाने के लिए बहुत से इंटरनेशनल संगठन बनाए गए हैं इन्हीं संगठनों में से एक है जी-20 इसमें जी का मतलब होता है ग्रुप, वहीं भारत भी g20 का हिस्सा है। G-20 देशों का शिखर सम्मेलन 2023 में भारत में आयोजित होगा. इस सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग सहित तमाम मुद्दों जैसे आतंकवाद, मानव तस्करी, ग्लोबल वार्मिंग आदि पर वैश्विक राय बनाई जाती है. जानिए- क्या होगा देश को फायदा. 

कौन से देश हैं शामिल?

जी-20 में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं. ये सभी सदस्य मिलकर दुनिया की जीडीपी का 85 फीसदी हिस्सा बनाते हैं.

वही G7 को लेकर विदेश मंत्रालय द्वारा यह भी जानकारी साझा की गई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने WTO में ट्रिप्स छूट के लिए भारत और दक्षिण अफ्रीका के प्रस्ताव के लिए उनका मजबूत समर्थन मांगा इसके साथ ही राष्ट्रपति सिरिल रमफोसा ने इसका जोरदार ढंग से समर्थन भी किया ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने भी छूट के लिए मजबूत समर्थन भारत के साथ व्यक्त किया है, जैसा कि डब्ल्यूटीओ और संयुक्त राष्ट्र महासचिव के महानिदेशक ने किया था. उन्होंने अपनी वैश्विक टीकाकरण योजना के एक महत्वपूर्ण तत्व के रूप में ट्रिप्स छूट पर जोर दिया. वैक्सीन उत्पादन को दोगुना करके पूरी वैश्विक आबादी का टीकाकरण करने का रोडमैप बने इसपर भी चर्चा हुई. 

यह भी पढ़े : प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री पर लगाया आरोप, पूछा जिम्मेदार कौन? क्या है मामला?

फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रॉन ने भी अफ्रीका में उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला. मैक्रॉन ने भारत से वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण उत्पादन केंद्र के रूप में अपनी विशेषज्ञता दूसरे देशों को देने का आह्वान किया. पी हरीश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पीएम मोदी ने जी-7 समिट में वर्चुअली शिरकत की. इस मौके पर यूके ने हमें बताया कि समिट में पीएम मोदी का व्यक्तिगत रूप से स्वागत नहीं कर पाने पर पीएम बोरिस जॉनसन निराश थे.

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