जासूसी कांड: अखिलेश बोले- ये एक लोकतांत्रिक अपराध है, बसपा प्रमुख ने कहा- स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच करवाई जाए
पेगासस जासूसी कांड पर संसद के मानसून सत्र में हंगामा जारी है। इसे लेकर विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है। अब यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री व सपा मुखिया अखिलेश यादव व बसपा की मुखिया मायावती ने मोदी सरकार पर सवाल उठाए हैं। अखिलेश ने इसे लोकतांत्रिक अपराध बताया तो मायावती ने कहा कि यह खतरनाक मामला है।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि फोन की जासूसी करवाकर लोगों की व्यक्तिगत बातों को सुनना ‘निजता के अधिकार’ का घोर उल्लंघन है। अगर ये काम बीजेपी करवा रही है तो ये दंडनीय है और अगर बीजेपी सरकार ये कहती है कि उसे इसकी जानकारी नहीं है तो ये देश की सुरक्षा पर उसकी नाकामी है। फोन-जासूसी एक लोकतांत्रिक अपराध है।
वहीं, मायावती ने ट्विटर के करते हुए कहा है कि जासूसी का गंदा खेल व ब्लैकमेल कोई नई बात नहीं है किंतु महंगे उपकरणों से निजता भंग करके मंत्रियों, विपक्षी नेताओं, अफसरों व पत्रकारों आदि की सूक्ष्म जासूसी कराना अति गंभीर व खतरनाक मामला है। इसका भंडाफोड़ होने से भारत में खलबली मची है।
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उन्होंने कहा है कि इसके संबंध में मोदी सरकार की बार-बार सफाई लोगों के गले नहीं उतर रही है। सरकार व देश की भलाई इसी में है कि मामले की गंभीरता से स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच कराई जाए ताकि आगे की जिम्मेदारी तय की जा सके।
आपको बता दें कि नेताओं, पत्रकारों व अन्य लोगों की जासूसी की रिपोर्ट आने के बाद भारत में हंगामा मचा हुआ है। मानसून सत्र के पहले दिन संसद में हंगामा होता रहा और कोई कार्यवाही नहीं हो सकी वहीं, दूसरे दिन मंगलवार को कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा शुरू हो गया।